मां का दूध शिशुओं को भरपूर पोषण देता है। यह बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाता है। इसमें हेल्दी ब्रेन के विकास के लिए जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं। हाल में शोधकर्ताओं ने ब्रेस्ट मिल्क में एक विशिष्ट कंपाउंड, मायो-इनोसिटोल की महत्वपूर्ण खोज की है। यह शिशुओं के मस्तिष्क (infant brain boosting breast milk) में नर्व कनेक्शन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अमेरिका के प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइनसेज जर्नल में मस्तिष्क के कार्य पर आहार के प्रभाव संबंधी अध्ययन के निष्कर्ष को प्रकाशित किया गया। इसमें नवजात शिशु के मस्तिष्क पर ब्रेस्ट मिल्क के प्रभाव को रेखांकित किया गया। इस अध्ययन के निष्कर्ष में बताया गया कि शिशुओं के मस्तिष्क के नर्व कनेक्शन के विकास में मायो-इनोसिटोल (Mayo Inositol for Brain Development) महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अध्ययन में सिनसिनाटी, मैक्सिको सिटी और शंघाई सहित कई अलग-अलग भौगोलिक स्थानों से मांओं के ब्रेस्ट मिल्क के नमूनों का विश्लेषण किया गया।
मायो इनोसिटोल स्तन के दूध (Breast Milk) में मौजूद एक छोटा शुगर मॉलिक्यूल है। यह आमतौर पर फलों और अनाज सहित सामान्य एडल्ट डाइट में पाया जाता है। न्यूरोलॉजी प्रोफेसर और अद्ध्यनकर्ता थॉमस बाइडर के अनुसार, मायो इनोसिटोल शिशु के ब्रेन हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पिछले शोध बताते हैं कि स्तन का दूध शिशुओं के संज्ञानात्मक विकास (Cognitive Development) पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। हालांकि कुछ कारणों से इसके महत्व को अब तक अच्छी तरह से समझा नहीं जा सका है। यह शोध इस बारे में जरूरी जानकारी देता है कि कैसे ब्रेस्ट मिल्क के बायोएक्टिव कंपाउंड शिशु के मस्तिष्क की विकासात्मक प्रक्रिया में मदद करते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि स्तनपान के दौरान सभी दूध के नमूनों में मायो-इनोसिटोल हाई कंसंट्रेशन में मौजूद था। समय के साथ यह धीरे-धीरे कम हो गया। मस्तिष्क के विकास पर इसके प्रभाव को समझने के लिए टीम ने मानव न्यूरॉन्स और ब्रेन टिश्यू सहित विभिन्न मॉडलों का उपयोग करके मायो-इनोसिटोल के प्रभावों का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि इस शुगर मॉलिक्यूल ने न्यूरॉन्स में सिनैप्स बहुतायत और बेहतर न्यूरोनल कनेक्टिविटी को बढ़ाया।
अध्ययन के निष्कर्ष शिशु के ब्रेन कनेक्शन के निर्माण में सहायता करने में ब्रेस्ट मिल्क के महत्व को उजागर करते हैं। यह सिर्फ कैलोरी का स्रोत नहीं है, बल्कि बेहद समृद्ध, काम्प्लेक्स बायोफ्लूइड है। दूध वास्तव में विकास के विभिन्न चरणों में शिशु की जरूरतों को पूरा करता है।
दुनियाभर के देशों में 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह या वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग (World Breastfeeding week) मनाया जा रहा है। यह सप्ताह मांओं को स्तनपान यानी ब्रेस्टफीडिंग के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। दरअसल, मां के दूध में ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चे के मस्तिष्क के विकास और नर्वस सिस्टम के विकास के लिए सबसे बढ़िया होते हैं। ये बच्चों का इम्यून सिस्टम भी मजबूत करते हैं।
इंटरनेशनल ब्रेस्टफीडिंग जर्नल के अध्ययन से पता चलता है कि स्तनपान करने वाले शिशु बड़े होने पर बुद्धि परीक्षण (IQ) में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
स्तनपान बच्चों और किशोरों में आईक्यू प्रदर्शन सकारात्मक रूप से जुड़ा हुआ था। स्तनपान न करने वाले प्रतिभागियों की तुलना में स्तनपान करने वाले प्रतिभागियों का आईक्यू स्कोर अधिक था। स्तनपान करने वाले बच्चे की आंखें भी बेहतर तरीके से काम करती हैं।
स्तनपान का मस्तिष्क और व्यवहारिक विकास पर लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हालांकि इस बात की पुष्टि करने वाला कोई अध्ययन नहीं हुआ है कि स्तनपान करने वाला बच्चा फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चे की तुलना में अधिक बुद्धिमान होता है।
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