एनर्जी डाउन लग रहीं हैं? तो इन 5 योगासनों से करें खुद को दिन भर के लिए रिचार्ज
मैं हर समय इतना थका हुआ क्यों महसूस करती हूं। आपने खुद यह सवाल कई बार पूछा होगा। ऐसा होने के पीछे बर्नआउट, तनाव, थायराइड जैसी समस्या होने के साथ ही कई और कारण भी हो सकते हैं। लेकिन इसका समाधान तलाशना बहुत जरूरी है। क्या आप अभी भी समाधान को तलाशने के लिए संघर्ष कर रही हैं? तो अब आपको इसके लिए अब ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है, इसके लिए आप योग करना शुरू करें।
थकान से निपटने के लिए योग सबसे अच्छे और प्रभावी तरीकों में से एक है। यही कारण है कि हमारे योग विशेषज्ञ ग्रैंड मास्टर अक्षर आपको बता रहे हैं कि थकान को दूर कर आपको तरोताजा बनाने में योग कैसे सही समाधान साबित हो सकता है।
योग आपके तन और मन को एक्टिव करता है
ग्रैंड मास्टर अक्षर के अनुसार, योग का प्राचीन विज्ञान शरीर के कल्याण के लिए एक समग्र उपकरण (holistic tool) है। आसन, प्राणायाम और मेडिटेशन के जरिए योग शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक कल्याण को बढ़ावा देने का काम करता है।
ग्रैंड मास्टर अक्षर के अनुसार, योग आपके संपूर्ण कल्याण के लिए शरीर, मन और आत्मा के पहलुओं पर काम करता है। आसन आपकी शारीरिक शक्ति बढ़ाने के साथ ही शरीर को लचीला बनाते हैं, जो आपको नए तरीकों से आगे बढ़ने में मदद करते हैं। प्राणायाम और मेडिटेशन आपको सांस और ध्यान के माध्यम से खुद के करीब लाने के तरीके हैं।
ऐसे कई शोध किए गए हैं जो साबित करते हैं कि योग का अभ्यास आपके सिस्टम में हैप्पी हार्मोन (happy hormones) को जारी करता है। इससे आप पूरे दिन खुश और ऊर्जावान महसूस करती हैं। यह आपके मन में शांति और संतुलन लाता है। साथ ही आपको अपनी भावनाओं और मूड को अधिक प्रभावी तरीके से विनियमित करने की अनुमति देता है।
यहां है 5 योगासन जो आपकी एनर्जी को बूस्ट करेंगे
1. पादहस्तासन
अपनी पीठ के साथ सीधे खड़े हो जाओ। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, अपने ऊपरी शरीर को कूल्हों से नीचे झुकाएं, और अपनी नाक को अपने घुटनों तक ले जाएं। अपनी हथेलियों को अपने पैरों के दोनों तरफ रखें। आपको अपने घुटनों को थोड़ा-थोड़ा मोड़ना है। फिर धीरे-धीरे अपने घुटनों को सीधा करें और अपनी छाती को अपनी जांघों से टच करने की कोशिश करें।
2. चक्रासन
अपनी बाजुओं को शरीर के पास रखते हुए पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर रखें। अब बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं और फर्श पर कंधों के पास हथेलियों को ऱख दें। ध्यान रहे आपकी उंगलियां शरीर की ओर होंगी और कोहनियां ऊपर की ओर। अब अपने पूरे शरीर को इस तरह ऊंचा उठाने की कोशिश करें कि सिर्फ आपके हाथ और पैर फर्श पर ही रहें।
उसके बाद हाथों को पैरों के पास लाने की कोशिश करें। फर्श की ओर देखें। धीरे-धीरे सांस लें और थोड़ी देर इसी पोजीशन में बनी रहें। उसके बाद अपनी सामान्य पोजीशन में आ जाएं।
3. यजनासन
नीचे की ओर मुंह करके डॉग पोज़ के साथ शुरू करें। अपने दाहिने पैर को अपने दाहिने हाथ के बाहर की ओर ले जाएं। अपनी कोहनियों को अपने मैट पर अपने बाजुओं के साथ नीचे लाएं। अपनी हथेलियों को फर्श पर फैलाएं, और अपने सिर को ढीला छोड़ दें। अपने कंधों के नीचे अपनी कलाई लाने के लिए अपनी बाहों को सीधा करें। अब नीचे की ओर वापस डॉग पोजीशन में चले जाएं।
4. भूमि पाद मस्तकासन
मार्जारासन पोजीशन में आएं। अपनी बाहों को अपने सामने फैलाएं, अपनी कोहनी को झुकाते हुए अपनी उंगलियों को गूंथ लें। अपने घुटनों के सामने फर्श पर अपनी बाजुओं को लेटाएं। नीचे झुकें और अपने सिर के शीर्ष को अपनी हथेलियों के ठीक सामने रखें। इसे बचाने और अपने शरीर को सपोर्ट देने के लिए सिर के चारों ओर हल्के से कप की तरह बनाएं।
धीरे-धीरे अपने घुटनों को सीधा करें, अपने कूल्हों को फर्श से उठाते हुए। आपके सिर का शीर्ष आपके हाथों और जमीन पर आपके पैरों के जरिए सपोर्ट दें। अपने शरीर को जमीन पर सहारा देने की कोशिश करें, और अपनी बाहों को अपनी पीठ के पीछे ले जाएं और दोनों हाथों की उंगलियों को अपनी पीठ के पीछे रखें।
5. धनुरासन
पेट के बल लेट कर शुरुआत करें, अपने घुटनों को मोड़ें और अपनी हथेलियों से अपनी एड़ियों को पकड़ें। एक मजबूत पकड़ बनाएं। अपने पैरों और बाहों को जितना हो सके ऊपर उठाएं। थोड़ी देर के लिए आसन को देखें और इसी तरह पकड़ बनाए रखें। इस आसन में 10 सेकंड के लिए होल्ड करें।
धनुरासन गर्दन में होने वाले दर्द से आराम दिला सकता है। चित्र: योग गुरु अक्षर
आखिरी और जरूरी बात
जैसा कि स्वयं योग गुरु द्वारा सुझाया गया है कि आपको हमेशा इन योगासनों को खाली पेट करना चाहिए या खाने और अपने अभ्यास के बीच न्यूनतम 90 मिनट का अंतर रखना चाहिए। इसके अलावा अभ्यास करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा है, हालांकि इसे शाम को भी किया जा सकता है।
ऐसे कई विशेष आसन हैं, जो प्रकृति में चिकित्सीय हैं। जिनका उपयोग विशेष रूप से उपचार के लिए किया जाता है। यदि आप किसी भी दिल से संबंधित परेशानी, हाइपर एसिडिटी से पीड़ित हैं, या यदि आप किसी भी उपचार और दवा से गुजर रही हैं, तो इन आसनों से बचना चाहिए।
साथ ही गर्भावस्था के दौरान इन आसनों का अभ्यास करने से बचें। अपच की समस्या होने पर भी इन आसनों को न करें। ये पोज़ विशेष रूप से उन लोगों के लिए हैं जिन्हें कोई बीमारी नहीं है और स्वास्थ्य मजबूत हैं।
तो, खुद को रीबूट करने और पूरे दिन चार्ज रखने का समय आ गया है।
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