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Text Neck problem: गैजेट के अत्यधिक इस्तेमाल से हो सकती है टेक्स्ट नेक प्रॉब्लम, यहां हैं इसे दूर करने के एक्सपर्ट के बताये 5 उपाय

गैजेट के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण बच्चों और बड़ों में टेक्स्ट नेक की समस्या देखी जा रही है। इसके कारण पीठ, रीढ़ की हड्डी, कलाइयों और बैक बोन में दर्द हो सकता है। यहां हैं एक्सपर्ट के बताये उपाय, जो टेक्स्ट नेक की समस्या से निजात दिला सकते हैं।
टेक्स्ट नेक के कारण गर्दन में दर्द, पीठ में दर्द , सिर दर्द , विज़न प्रॉब्लम, कमर व शोल्डर प्रॉब्लम प्रमुख हैं।चित्र- शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 2 Jun 2023, 08:00 am IST
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बड़े हों या बच्चे, इन दिनों गैजेट पर उनकी निर्भरता बढ़ गई है। इन दिनों मोबाइल एप पर कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध रहती हैं। इस वजह से एक हाथ में मोबाइल लेकर घंटों हम सिर झुकाकर मोबाइल पर सर्च करते और पढ़ते रहते हैं। इससे टेक्स्ट नेक की समस्या (Text Neck problem) होने की संभावना हो जाती है। टेक्नोलॉजी के युग में गैजेट को छोड़ना विकल्प नहीं हो सकता है। इससे बचाव के उपाय और एक्सरसाइज के बारे में जानना विकल्प हो सकता है पब्लिक हेल्थकेयर एक्सपर्ट डॉ. समीर भाटी विस्तार से बता रहे हैं।

क्या है टेक्स्ट नेक समस्या (Text Neck problem)

मानव सिर का वजन 10 पाउंड तक हो सकता है। प्रत्येक इंच के लिए सिर आगे की ओर झुकता है। आगे झुकने के कारण गर्दन को दोगुना भार उठाना पड़ता है। अधिक वजन के कारण गर्दन पर तनाव बढ़ जाता है। गर्दन के पीछे की मांसपेशियों, टेंडन और लिगामेंट संरचनाओं के लंबे होने की संभावना बनने लगती है। इससे संरचनाएं संकुचित और टाइट होने लगती है। पीठ और गर्दन में दर्द होने लगती है। इस समस्या को टेक्स्ट नेक (Text Neck) कहते हैं।

टेक्स्ट नेक के लक्षण (Text Neck symptoms)

डॉ. समीर भाटी कहते हैं, ‘टेक्स्ट नेक की समस्या पहले बड़ों में देखी जाती थी। अब कोविड के दौरान गैजेट पर निर्भरता के कारण बच्चों में भी यह समस्या देखी जा रही है। पढ़ाई के कारण नर्सरी क्लास के बच्चे भी टैब का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बच्चों में टेक्स्ट नेक समस्या का सबसे बड़ा कारण बना। टेक्स्ट नेक (Text Neck) समस्या के कारण ही टेक नेक (Tech neck syndrome) सिंड्रोम हो जाता है। इसके कारण जो सिम्पटम्स (Text neck symptoms) होते हैं, उनमें बच्चे और बड़ों में गर्दन में दर्द, पीठ में दर्द , सिर दर्द , विज़न प्रॉब्लम, कमर व शोल्डर प्रॉब्लम प्रमुख हैं। कुछ सावधानियां बरतने से टेक नेक की समस्या से बचाव और निजात पाई जा सकती है।

यहां हैं टेक नेक या टेक्स्ट नेक की समस्या से निजात पाने के डॉ. समीर भाटी के बताये 5 उपाय (Text Neck Tips)

1. सही पोश्चर (Right Posture for Text Neck)

बच्चे हों या बड़े हमेशा सही मुद्रा में बैठना चाहिए। बॉडी पॉस्चर का विशेष तौर पर ध्यान रखने पर टेक नेक की समस्या से बचाव हो पायेगा। स्क्रीन का इस्तेमाल करते वक़्त स्क्रीन आंखों के लेवल पर होनी चाहिए।

लगातार मोबाइल और डेस्कटॉप पर लगातार काम करने से गर्दन में दर्द हो सकता है। चित्र: शटरस्टाॅक

2 टाइमर फिक्स कर ब्रेक लें (Fix Timer for Text neck)

डिवाइस के इस्तेमाल का समय सीमित होना चाहिए। बीच-बीच में ब्रेक लेना बहुत जरूरी है| लगातार लंबे समय तक नहीं बैठना चाहिए। 20 – 30 मिनट्स का टाइमर फिक्स करके ब्रेक लेना जरूरी है।

3 प्रोपर लाइट जरूरी (Proper Light)

जहां स्क्रीन इस्तेमाल किया जा रहा है, उस स्थान या कमरे की लाइट का भी ध्यान रखना होगा। समुचित मात्रा में प्रकाश आने पर आंखों पर स्क्रीनलाइट का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

4 स्ट्रेंग्थेनिंग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (Stretching exercise for text neck)

बैक बोन, गर्दन, स्पाइन के लिए जरूरी स्ट्रेंग्थेनिंग और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करनी (Text Neck problems) चाहिए। इससे इन अंगों की जरूरी स्ट्रेचिंग हो पाती है। ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से हो पाता है। अंगों की मसल्स हेल्थ बनी रहती है

स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज  से आपको गर्दन के दर्द से राहत मिल सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के लिए बैक को स्ट्रेच करें। बैक को पीछे की तरफ, सर को लेफ्ट-राइट घुमाएं। चिन को राइट और लेफ्ट डायरेक्शन में टर्न करें। इससे मसल्स में जो तनाव या स्टिफनेस महसूस हो रही है, वह कम हो जाएगी

5 इग्नोर नहीं करें लक्षण

टेक नेक की समस्या के कारण सिरदर्द, आंखों में स्ट्रेन , ड्राई आइज़ होना, गर्दन दर्द , कमर दर्द, हाथों या कलाई में डिस्कम्फर्ट जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इस तरह के लक्षण को हमें इग्नोर नहीं करना चाहिए। उचित स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के साथ-साथ फिजियोथेरेपी की भी मदद लेनी चाहिए। कभी-कभी रेस्ट करने से भी समस्या का निदान हो जाता है।
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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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