40 की उम्र पार करने के बाद कई महिलाओं का वजन बढ़ जाता है। खासकर कमर के पास। संभव है कि पीसीओएस या हाइपोथायरायडिज्म की वजह से उनका वजन बढ़ा हुआ हो। खराब जीवन शैली की आदतों के अलावा कई और कारण भी हैं, जो 40 के बाद कमर के आसपास चर्बी बढ़ा देते (weight gain after 40) हैं। इसे कुछ टिप्स अपनाकर कम किया जा (weight loss after 40) सकता है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलोजी के अनुसार, औसतन 45 से 55 वर्ष की आयु की महिलाओं का प्रति वर्ष लगभग आधा किलो वजन बढ़ता है। जैसे-जैसे उम्र अधिक होती है, मांसपेशियां कम होती जाती हैं। इसके कारण मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और वजन बढ़ने लगता है। इस दौरान यदि महिलाएं खानपान का ढंग नहीं बदलती हैं, तो वजन बढ़ने की संभावना दूना हो जाता है।
जर्नल ऑफ़ मेनोपॉजल मेडिसिन के अनुसार, इस दौराम महिलाओं का मेनोपॉज फेज भी शुरू हो जाता है। इससे एस्ट्रोजेन का लेवल कम होने के कारण फैट कूल्हों और जांघों की बजाय कमर के आसपास चर्बी जमा होने लगती है। कम एस्ट्रोजन लेवल उम्र के साथ चयापचय दर धीमा कर देता है।
पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में बेली फैट उनके कुल शरीर के वजन का 15 – 20 प्रतिशत हो जा ता है। प्रीमेनोपॉज़ल महिलाओं में यह 5 – 8 प्रतिशत होता है। हॉट फ्लश, खराब नींद, मूड स्विंग, एक्सरसाइज नहीं करना और हेल्दी फ़ूड नहीं लेने के कारण बहुत अधिक वजन बढ़ सकता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ एनवायरनमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, इसमें सबसे अधिक कारगर होते हैं पॉवर ट्रेनिंग और कार्डियोवास्कुलर एक्सरसाइज। कार्डियो डांस और बॉक्सिंग क्लास शरीर पर प्रभाव डाल कर वजन कम करते हैं।साथ ही, आहार में 25 -35 ग्राम फाइबर शामिल करें। खूब पानी पिएं।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ एनवायरनमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ के अनुसार, 40 साल की उम्र के बाद शरीर में मुख्य कैलोरी-बर्निंग इंजन लीन मांसपेशियां खत्म होने लगती हैं। यह एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन लेवल के कम होने के साथ जुड़ा हुआ है। स्लो मेटाबोलिज्म के कारण युवावस्था की तरह कैलोरी नहीं जल पाती है।
सप्ताह में दो से चार बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें या भार उठाएं। यह न केवल लीन मांसपेशियों का पुनर्निर्माण करता है, बल्कि वसा जलाने और चयापचय को संशोधित करने में भी मदद करता है। यह हड्डियों और शरीर को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद करता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग योग्य प्रशिक्षक की सलाह पर ही करें।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, कभी भी ब्रेकफास्ट स्किप नहीं करें। फलों के साथ दलिया या साबुत अनाज को शामिल करें। इससे चलते-फिरते कुछ अस्वास्थ्यकर खाने या दोपहर के भोजन में अधिक खाने पर नियन्त्रण हो सकेगा। कुछ घंटों में थोड़ा-थोड़ा भोजन या नाश्ता भूख को पूरे दिन नियंत्रित रख सकता है।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, यदि अधिकांश दैनिक कैलोरी दोपहर के भोजन के माध्यम से प्राप्त कर लिया जाता है, तो रात में अधिक भोजन लेने पर रोक लगेगी। इससे अधिक वजन कम किया जा सकता है। रात में कम खाएं, फ्लूइड डाइट लें और हेल्दी डाइट लें।
वर्कआउट जर्नल के अनुसार, उम्र अधिक होने पर सक्रियता भी कम होती जाती है। पहले की तुलना में कुछ सौ कैलोरी कम की आवश्यकता हो सकती है। वजन कम करने के लिए(weight loss after 40) कैलोरी को और भी कम करने की आवश्यकता हो सकती है। छोटे पोर्शन और डाइट डायरी या ऐप की मदद से कैलोरी को ट्रैक करने से कम खाने में मदद मिल सकती है।
नेचर जर्नल के अनुसार, यदि मीठी कॉफी, चाय, कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक की शौक़ीन हैं, तो पानी या किसी अन्य जीरो कैलोरी ड्रिंक पर स्विच करें। मीठे पेय में बहुत अधिक चीनी होती है। इससे वजन बढ़ सकता है और मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
फिटनेस जर्नल फॉर वुमन के अनुसार, डेस्क जॉब, पारिवारिक गतिविधियों के बीच 40 पार महिलाओं के पास एक्सरसाइज के लिए समय नहीं निकल पाता है।
वजन और समग्र स्वास्थ्य के लिए हर हफ्ते कम से कम 5 दिन 30 मिनट की मध्यम शारीरिक गतिविधि वाला काम या एक्सरसाइज करना चाहिए। एक्सरसाइज को प्राथमिकता में शामिल करें।
नेचर जर्नल के अनुसार, तनाव अस्वास्थ्यकर भोजन खाने की संभावना बढ़ा देता है। यह शरीर के लिए वसा को तोड़ना कठिन बना देता है। तनाव से राहत पाने के लिए योग, गहरी सांस लेने, ध्यान, टहलने जाने या कोई अच्छी किताब पढ़ने की कोशिश करें।
यह भी पढ़ें :- Fruit vs Juice : फिटनेस फ्रीक हैं, तो जानिए आपके लिए क्या है ज्यादा बेहतर साबुत फल या फलों का रस