रूखे-बेजान बालों का सॉलिड इलाज है ट्रिपल हेयर वॉशिंग तकनीक, जानिए यह कैसे काम करती है
चेहरे को साफ़ करने के लिए हम डबल क्लीनिंग अपनाते हैं। यह तरीका काफी पोपुलर भी है। इसी तरह इन दिनों बाल साफ़ करने के लिए ट्रिपल हेयर वॉशिंग तकनीक को खूब अपनाया जा रहा है। यह सच है कि बाल साफ़ करना एक टास्क के बराबर है। बाल यदि डबल स्प्लिट एंड वाले हैं या स्कैल्प पर रूसी है, तो साथ ही साथ हमें हेयर और स्कैल्प को हेल्दी रखने के उपाय भी करने पड़ते हैं। यदि ट्रिपल हेयर वॉशिंग तकनीक को अपनाया जाए, तो यह वास्तव में टूटने-झड़ने के कारण बाल-धोने से परहेज करने वालों के लिए बढ़िया उपाय (triple hair washing technique) हो सकता है।
क्या है ट्रिपल हेयर वॉशिंग तकनीक (triple hair washing technique)
सेल्फ केयर इन्फ्लूएंसर कृष्णा पटेल इन्स्टा ग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘ट्रिपल वॉशिंग तकनीक सिर्फ बालों को एक बार धोने की बजाय तीन बार धोने की प्रक्रिया है। यह सब एक सेशन में हो सकता है। अक्सर दो बार शैंपू लगाकर बालों में झाग बनाकर साफ़ किया जाता है। इसमें एक बार और शैंपू से बाल साफ़ कर पानी से धोया जाता है। तीनों बार पानी से अच्छी तरह हलके हाथों से झाग को धोया जाता है।’
यह जानिए बालों के लिए ट्रिपल हेयर वॉशिंग के फायदे (triple hair washing technique benefits)
कृष्णा पटेल के अनुसार, ‘यदि आप अपने बालों पर आयल, स्प्रे और स्टाइलर आदि की परत लगाना पसंद करती हैं, तो ट्रिपल वॉशिंग आपके लिए सबसे बढ़िया है। यही बात ड्राई शैम्पू का उपयोग करने वाले या जो लोग बाल धोने के लिए अधिक समय लगाते हैं, पर लागू की जाती है। गंदगी, डेड स्किन और स्कैल्प पर स्वाभाविक रूप से तेल जमा हो जाते हैं। बालों पर इनके बिल्डअप को साफ़ करना जरूरी है। दो बार की सफाई में हेयरस्प्रे, सिलिकॉन के अवशेष, हेयर डाई या ड्राई शैम्पू को हटाना कठिन होता है।
सभी प्रकार के बालों को तीन बार धोने से लाभ हो सकता है। विशेष रूप से पतले और महीन बालों को। पतले बाल अक्सर आयल और केमिकल बिल्डअप के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यदि पतले बाल हैं, तो स्कैल्प पर अधिक ध्यान देने की जरूरत पड़ती है। ऑयली स्कैल्प के लिए ट्रिपल-वॉश तकनीक का उपयोग बाल के जीवन को बढ़ा सकता है।‘
ट्रिपल-वॉश कितनी बार करनी चाहिए (How many times triple hair washing technique)
ट्रिपल वॉशिंग रोज़ या हर दूसरे दिन करनी चाहिए। जब बालों को थोड़ी एक्स्ट्रा और गहरी सफाई की जरूरत होती है, तब करें। खासकर जब बालों पर बहुत सारे स्टाइलिंग उत्पादों या ड्राई शैम्पू का प्रयोग किया जाता है, तो यह तकनीक जरूर अपनायें। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि स्कैल्प प्राकृतिक रूप से कितना तेल बनाता है। बालों की बनावट भी इसके लिए जरूरी है। मोटे और सूखे बाल को प्रति सप्ताह या हर दूसरे सप्ताह में एक बार धोना चाहिए। जीवनशैली इस बात पर भी प्रभाव डाल सकती है कि किसी को कितनी बार अपने बाल धोने की जरूरत है। यदि कोई बहुत एक्टिव है और प्रतिदिन एक्सरसाइज करता है, तो उसे हर दिन या हर दो दिन में अपने बाल धोने की जरूरत हो सकती है।”
किस तरह के शैंपू का प्रयोग (Shampoo for triple hair washing technique)
तीन बार धोते समय दो अलग-अलग शैंपू का उपयोग करना चाहिए। शैंपू में से एक को अधिक गहरी सफाई प्रदान करनी चाहिए और दूसरे को मॉइस्चराइजिंग करना चाहिए। ऐसा प्रोडक्ट जो डेड स्किन को हटा दे। यदि आपको डैंड्रफ की कोई समस्या है, तो जिस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, तो डैंड्रफ शैम्पू का उपयोग करना चाहिए । इससे स्किन पर यीस्ट का स्तर कम होता है, जो ड्राइव, सूजन, खुजली और पपड़ीदार होता है। शैम्पू को त्वचा उपचार की तरह खोपड़ी पर रगड़ें। तीन बार धोने का एकमात्र संभावित नकारात्मक पक्ष यह है कि यदि गलत उत्पादों का उपयोग किया जाता है, तो इससे बाल ख़राब हो सकते हैं।
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