जरूरी नहीं है कि सभी महिलाओं को एक जैसे लक्षण दिखाई दें। कुछ महिलाओं में मेनोपॉज फेज शुरू होते ही उनके बाल झड़ने लगते हैं। कुछ अध्ययन भी बताते हैं कि आधे से कुछ अधिक महिलाओं की रजोनिवृत्ति जब शुरू होती है, तो उनके बाल भी झड़ने शुरू हो जाते हैं। कुछ महिलाओं के बाल पतले हो जाते हैं, तो महिलाओं में बाल झड़ने के कारण एलोपीसिया या गंजापन होने की भी आशंका (menopause and hair fall) होने लगती है।
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रश्मि बालियान बताती हैं, ‘रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज फेज की शुरुआत तब होती है, जब एक महिला को कम से कम 12 महीने तक लगातार पीरियड नहीं होता है। बालों के झड़ने का कारण हार्मोनल चेंज होता है। यह मेनोपॉज फेज की शुरुआत (perimenopause) से कई साल पहले शुरू हो सकता है। मेनोपॉज फेज पूरा होने (postmenopause) के बाद भी बालों का झड़ना लंबे समय तक रह सकता है।’
बालों के झड़ने का रजोनिवृत्ति के शुरुआत में पता नहीं चलता है। इंसान के प्रतिदिन औसतन 50 से 100 बाल झड़ सकते हैं। पेरिमेनोपॉज़ के दौरान बालों का झड़ना तेजी से शुरू हो जाता है। इसके कारण हेयरब्रश को आपको अधिक बार साफ करने की जरूरत होती है। शॉवर ड्रेन में अधिक बाल जमा हो जाते हैं। तकिये, कपड़ों, घर के आसपास या कार में पहले की तुलना में अधिक बाल पाए जाने लगते हैं। बाल धीरे-धीरे झड़ते हैं। इसलिए परिवर्तन दिखाई देने में समय लग सकता है। इसके कारण पार्टिंग चौड़े होने शुरू हो सकते हैं। पोनीटेल पतली दिख सकती है। बाल चपटे, फीके और चमकदार दिखने लग सकते हैं।
मेनोपॉज़ के कारण बालों का झड़ना शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। कई महिलाओं के पैरों, बांहों और आर्म पिट पर बालों का बढ़ना धीमा हो जाता है या रुक जाता है। प्यूबिक हेयर भी पतले हो सकते हैं। यहां तक कि पलकें और भौहें भी पतली हो सकती हैं।
मेनोपॉज़ या रजोनिवृत्ति के साथ बालों के झड़ने का मुख्य कारण हार्मोनल उतार-चढ़ाव है। पेरिमेनोपॉज़ के दौरान, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है। ये हार्मोन बालों की डेंसिटी और विकास को बढ़ाते हैं। जब वे झड़ते हैं, तो बाल पतले हो जाते हैं।
प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन में कमी से एण्ड्रोजन में भी वृद्धि होती है। ये पुरुष हार्मोन हैं, जो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कम मात्रा में पाए जाते हैं। एण्ड्रोजन के कारण सिर पर बालों के रोम सिकुड़ सकते हैं। इसके कारण बाल झड़ना शुरू (menopause and hair fall) हो जाता है। यह एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (androgenic Alopecia) कहलाता है।
यदि मेनोपॉज के दौरान बाल झड़ने लगते हैं, तो उपचार में जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और सही ट्रीटमेंट शामिल हैं।
समय के साथ ली जाने वाली दवा रोगेन महिलाओं में बालों के पुनर्विकास को बढ़ावा दे सकती है। रोगेन सीरम और फोम दोनों रूप में अलग-अलग फॉर्मूलों में आता है। महिलाओं में बालों के झड़ने के लिए ओरल दवाएं दी जा सकती हैं। इनमें फायनास्टराइड और स्पिरोनोलैक्टोन हो सकती हैं।
रजोनिवृत्ति के लक्षणों के प्रबंधन में सबसे अधिक मदद करती है एक्सरसाइज। यह नींद में सुधार करती है। यह ब्रेन पॉवर बढ़ाती है और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करती है। यह तनाव के कारण हुए हार्मोन असंतुलन (menopause and hair fall) से भी राहत दिला सकती है। यह मेनोपॉज के दौरान बालों के झड़ने को रोकने में सबसे अधिक मदद कर सकती है।
हार्मोनल संतुलन में आहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो महिलाएं मेनोपॉज के दौरान बालों के झड़ने का अनुभव करती हैं, उन्हें सभी जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार खाने से बाल झड़ने की समस्या को रोकने में मदद मिल सकती है।
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