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खराब गट हेल्थ भी हो सकती है स्किन की अर्ली एजिंग के लिए जिम्मेदार, स्किन फ्रेंडली फूड्स को करें आहार में शामिल

त्वचा को लेकर चिंतित रहती हैं तो उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है पाचन क्रिया के प्रति सावधानी बरतना। यदि आपका पाचनतंत्र स्वस्थ रहने लगे तो आपकी त्वचा पर एक अलग सा प्राकृतिक निखार देखने को मिलेगा।
यहां जानें त्वचा पर पाचन क्रिया का प्रभाव। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 18 Oct 2023, 10:14 am IST
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पाचन क्रिया और त्वचा दोनों हीं एक दूसरे से जुड़े हैं। त्वचा संबंधी समस्यायों के पीछे आपकी पाचन क्रिया भी जिम्मेदार होती है। त्वचा को लेकर चिंतित रहती हैं तो उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है पाचन क्रिया के प्रति सावधानी बरतना। यदि आपका पाचनतंत्र स्वस्थ रहने लगे तो आपकी त्वचा पर एक अलग सा प्राकृतिक निखार देखने को मिलेगा। अब आपके मन के यह सवाल आना लाजमी है कि आखिर किस तरह पाचन क्रिया त्वचा को प्रभावित कर सकती है? तो चिंता न करें आज इस लेख के माध्यम से हम आपकी इसी सवाल का जवाब लेकर आये हैं।

हेल्थ शॉट्स ने इस बारे में मारेंगो एशिया हॉस्पिटल, फरीदाबाद में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. बीर सिंह सहरावत से बात की। उन्होंने त्वचा पर पाचन क्रिया के प्रभाव (gut health to improve skin) को लेकर कुछ जरुरी जानकारी शेयर की है, तो चलिए जानते हैं इस विषय पर थोड़ा विस्तार से।

यहां जानें गट हेल्थ और त्वचा के बीच का संबंध

यदि आपको पाचन संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या है, अब चाहे वह आपके आंत, लीवर, किडनी या पाचन से जुड़े किसी अन्य अंग की समस्या हो यह आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं। आपकी आंत अस्वस्थ है तो यह आपके समग्र स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती है जिसमें आपकी त्वचा भी शामिल है।

पाचन संबंधित समस्या दाग-धब्बे, शुष्क त्वचा, सोरायसिस, सूजन, एक्जिमा और रोसैसिया जैसे स्किन कंडीशन को जन्म देती हैं। गट माइक्रोबायोम आपकी आंतों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया हैं जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य, विशेषकर आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं।

पाचन क्रिया त्वचा को किस तरह पर प्रभावित करती है. चित्र : शटरस्टॉक

एक्जिमा जैसी स्किन कंडीशन डैमेज गट की निशानी हो सकती है। यदि आपने अपनी गट फ्लोरा को कभी भी नजरअंदाज करने की कोशिश की है तो आप लिकी गट सिंड्रोम का शिकार हो सकती हैं। इस स्थिति में इंटेस्टाइन पार्शियली डाइजेस्टेड फूड्स को ब्लड स्ट्रीम में छोड़ देती है। इससे इन्फ्लेमेशन होता है, जो सीधा त्वचा पर नजर आ सकता है।

अस्वस्थ आंत की जानकारी कई रूप में प्राप्त हो सकती है, इस दौरान आपको नींद आने में परेशानी होती है, साथ ही आप अधिक थकान का अनुभव करती हैं। वहीं आमतौर पर सूजन/ऐंठन, दस्त और कभी-कभी मल में रक्त सहित लक्षण प्रकट होते हैं। इसके साथ ही इस स्थिति को आपकी त्वचा की दिखावट से समझा जा सकता है। एक्जिमा, एक्ने, सूजन और तैलीय त्वचा सभी अस्वस्थ आंत के लक्षण हैं।

समझें क्या है गट-स्किन-एक्सिस (Gut-skin-axis)

पाचन तंत्र और त्वचा के बीच एक संबंध होता है जिसे गट-स्किन-एक्सिस ओर गट-स्किन कनेक्शन के रूप में जाना जाता है। आंत के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं ऐसे में इसकी मदद से त्वचा की कंडीशन देख आंतों की सेहत का अनुमान लगाया जा सकता है। गट माइक्रोबायोम, जो आपके पाचन तंत्र और आंतों में रहने वाले बैक्टीरिया हैं, आपके समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं, ऐसे में त्वचा हो या अन्य शारीरिक समस्याएं सभी को नियंत्रित करने के लिए इन्हें स्वस्थ रखना बेहद महत्वपूर्ण है।

अपने आंत को हमेशा दुरुस्त रखें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

अब जानें स्वास्थ्य त्वचा के लिए किस तरह अपनी आतों को रखना है स्वस्थ (gut health to improve skin)

1. प्रीबायोटिक फूड्स

प्रीबायोटिक्स गट में हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। कई सारे फल, सब्जी और अनाज में प्रीबायोटिक्स मौजूद होते हैं, इनके सेवन से हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ बढ़ता है जिससे की पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। जब आपकी आंते स्वस्थ होती हैं, तब आपकी त्वचा भी हेल्दी रहती है।

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2. डाइट में शामिल करें फर्मेंटेड फूड्स

फर्मेंटेड फूड्स फर्मेंटेशन से होकर गुजरते हैं, इस प्रोसेस में खाद्य पदार्थों में मौजूद शुगर को यीस्ट और बैक्टीरिया में बदल दिया जाता है। इनका सेवन आंतों में हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ को बढ़ावा देता है, जिससे कि आपकी आंते लंबे समय तक स्वस्थ रहती हैं और ग्लोइंग नजर आती हैं।

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इसके लिए आप योगर्ट, किमची, केफिर, कम्बुचा आदि जैसे फर्मेंटेड फूड्स को डाइट में शामिल कर सकती हैं। यह सभी खाद्य पदार्थ आतों में मौजूद हेल्दी माइक्रोबायोम के फंक्शन और कंपोजीशन को बढ़ावा देते हैं।

खाएं ये सुपरफूड्स। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लें

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार हाई फाइबर फूड्स का सेवन आपकी आंतों की सेहत के लिए सकारात्मक रूप से कार्य करता है। यह पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने के साथ ही वॉबल मूवमेंट को भी सामान्य रखता है, जिससे कि कब्ज, अपन आदि जैसी समस्याएं नहीं होती।

पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेने के लिए अपनी डाइट में ब्लैक बीन्स, संपूर्ण अनाज और क्विनोआ, सब्जियां जैसे कि ब्रोकली वहीं पिस्ता और बादाम साथ ही सेब और पिच जैसे फलों का सेवन करें।

4. उचित हाइड्रेशन है सबसे महत्वपूर्ण

पानी आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को फ्लूस आउट करने में मदद कर सकता है। यह आंतों की सेहत को बेहतर बनाये रखने के साथ-साथ आपके ओवरऑल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद महत्वपूर्ण है। सुबह उठकर सबसे पहले एक गिलास गुनगुना पानी पीने की कोशिश करें।

आप चाहे तो इसमें नींबू के साथ विटामिन सी की गुणवत्ता जोड़ सकती हैं, यह न केवल एक स्वस्थ पाचन क्रिया स्थापित करता है बल्कि आपकी त्वचा को भी स्वस्थ और ग्लोइंग बनाता है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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