लॉग इन

मिलिए दिविजा भसीन से, एक मिलेनियल इंस्टाग्रामर जो मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति कर रहीं हैं जागरूक

ऑक्वर्ड गोट 3 (Awkwardgoat3)एक इंस्टाग्राम पेज है, जो मनोवैज्ञानिक दिविजा भसीन ने उन लोगों के लिए शुरू किया है, जिनके पास साउंडिंग बोर्ड नहीं है।
दिविजा भसीन मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए काम कर रहीं हैं। चित्र : दिविजा भसीन
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 13 Oct 2023, 09:43 am IST
ऐप खोलें

दिविजा भसीन आपके आसपास की किसी साधारण लड़की की तरह दिखती हैं। यही बात उन्हें असाधारण बनाती है। वे इन्स्टाग्राम पर awkwardgoat3 के नाम से जानी जाती हैं। एंग्‍जायटी, अवसाद जैसे मुद्दों पर उनके पोस्‍ट बहुत खास होते हैं।

दिविजा एक मनोवैज्ञानिक हैं, जो बाथ विश्वविद्यालय से क्लिनिकल साइकोलॉजी में एमएससी हैं। यह मेंटल हेल्थ इन्फ़्लुएन्सर आने वाले भविष्य में एम.फिल करने की सोच रही हैं।

हम जानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में मेंटल हेल्थ पर बात करना कितना महत्वपूर्ण हो गया है। महामारी के दौरान कुछ ज्यादा ही चर्चा का विषय बन गया है। फिर भी, कई ऐसे पहलू हैं जो अनसुने रह जाते हैं।

इसीलिए इस महिला दिवस पर, हमने उनसे इंस्टाग्राम पर संपर्क करने का फैसला किया और उनसे बातचीत की,

उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश:

दिविजा, आपको क्यों लगता है कि मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना बेहद महत्वपूर्ण है?

“मानसिक स्वास्थ्य हमारे जीवन के हर पहलू का एक हिस्सा है- चाहे वह परिवार, प्रोफेशन, दोस्ती और यहां तक ​​कि वित्तीय मामले हों। ये सभी चीजें हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती हैं। अगर हम इसके बारे में बात नहीं करते हैं, तो हम जीवन के एक महत्वपूर्ण कारक से चूक जाएंगे।

आपने सोशल मीडिया को एक मंच के रूप में क्यों चुना और यहां आपको कैसा रिस्पांस मिला?

“मुझे बहुत ख़ुशी होती है कि मैं इतने बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाने में सक्षम हूं, वो भी इतनी आसानी से। मुझे यह एक बेहतर माध्‍यम लगता है और यहां लोगों की प्रतिक्रिया काफी अच्छी रही है। लोग मेरे मेंटल हेल्थ कंटेंट की सराहना करते हैं और इसे समझते भी हैं।

क्या आपको कभी ट्रोल किया गया है?

“ओह हां, मुझे अक्सर ट्रोल किया जाता है, क्योंकि मैं सामाजिक मुद्दों के बारे में वीडियो बनाती हूं। कई दृष्टिकोण हो सकते हैं। लोगों की राय अलग-अलग है और उनमें से कुछ सभ्य तरीके से अपनी बात नहीं रखते और तब ट्रोलिंग होने लगती है।

क्या अब भी हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कुछ भ्रम मौजूद है ? इनमें सबसे आम क्या हैं और हम अधिक जागरूकता कैसे ला सकते हैं?

यहां मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कुछ सबसे आम मिथक हैं:

1. मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं केवल कमजोर लोगों को होती हैं।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

2. अवसाद ही एक मात्र विकार है।

3. विकारों के लिए दवा एकमात्र उपचार है और यह नशे की लत की तरह है।

4. लोग अपनी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में “ज्‍यादा नहीं सोचना चाहिए” और उन्हें सिर्फ “सकारात्मक रहने” की आवश्यकता है।

“यह सिर्फ मैं ही नहीं हूं, बल्कि बदलाव लाने के लिए हम सभी को योगदान देना होगा। हम इन चीजों के बारे में बात करके, इनके बारे में पढ़कर जागरूकता ला सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि जानकारी का स्रोत विश्वसनीय हो।”

आपको लगता है कि यह सही समय है कि हमें अपने घरों में, अपने बच्चों और यहां तक ​​कि माता-पिता के साथ मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करनी चाहिए? इसके बारे में जाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

“पूर्ण रूप से। यह सर्दी-जुकाम-बुखार के बारे में बात करने जितना सामान्य होना चाहिए। यदि हम इसके बारे में बात नहीं करते हैं, तो हमने स्वीकार नहीं किया है कि यह एक समस्या है। हमारा यह रवैया समस्या को और बदतर बना देगा। बच्चों के साथ, हम उन्हें सिखा सकते हैं कि अपनी भावनाओं को जल्दी से कैसे समझा जाए।

जब माता-पिता की बात आती है, तो मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बातचीत शुरू करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसे करने का एक अच्छा तरीका यह होगा कि वे जिस भाषा में बात करते हैं, उसे समझें। केवल यह मत कहो कि “मैं चिंतित महसूस कर रही हूं”। यह बताएं कि यह आपको किस तरह से चीजों को करने में दिक्कत हो रही है और काफी संभावना है कि वे इसे समझेंगे।”

क्या आपको लगता है कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए जेंडर एक भूमिका निभाता है?

असल में जेंडर का इससे कोई लेना-देना नहीं है। यह आम तौर पर विभिन्न स्थितियों और परिस्थितियों की वजह से होता है। लोगों में चिकित्सा के बारे में बहुत सारी गलत धारणाएं हैं।

दिविजा मिलेनियल इंस्‍टाग्रामर हैं।

क्या आप ऐसी ही कुछ धारणाएं हमसे साझा कर सकती हैं जो आपके सुनने में आई हों?

“कुछ मिथ जो मुझे अक्सर याद आते हैं कि चिकित्सा दोस्ती की तरह है या यह” वेंटिंग “के समान है। एक अन्य मिथ यह है कि आपको चिकित्सा के लिए “पागल” होना पड़ता है और मानसिक विकार वाले लोगों को इसकी आवश्यकता नहीं होती है।

क्या आप कुछ आसान टिप्स साझा कर सकती हैं, जिससे हमारे पाठक अपने मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बनाए रख सकें ?

1. सीमाओं को जानें और खुद को प्राथमिकता दें।

2. ब्रेक लें, जब चीजें ज्यादा हो जाएं।

3. इससे भागने के बजाय, आप कैसा महसूस करती हैं, इस पर संवाद करें।

4. अपने आप पर इतना कठोर मत बनिए। आप इंसान हैं और गलतियां सबसे होती हैं।

आपका अब तक का सफर कैसा रहा?

“मेरा अकाउंट लगातार लोकप्रियता हासिल कर रहा है, और यह बहुत कठिन काम है, तो मुझे खुशी है कि मैं सीखने और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोगों को सिखाने में सक्षम हूं। यह किसी भी अन्य काम की तरह है। इसमें भी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।

इंस्‍टाग्राम रील पर आने वाली प्रतिक्रियाओं से पता चलता है कि लोग वास्तव में एक खुला, स्वीकार करने योग्य और बिना जजमेंट का वातावरण चाहते हैं।

”और मैं उनके लिए यहां हूं,”।

पाठकों के लिए आप क्‍या संदेश देना चाहेंगी?

“अपने आप को महत्व देना शुरू करें और जितनी जल्दी हो सके अपने मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।”

यह भी पढ़ें – “भविष्‍य की चाबियां होते हैं सपने”, ये है देवरिया की मान्‍या सिंह के सौंदर्य प्रतियोगिता तक पहुंचने की कहानी

टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख