आखिर क्यों सोते समय होते हैं ज्यादातर हार्ट अटैक, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसका कारण
वह 2 सितंबर 2021 की सुबह थी जब हम सभी को उठते ही 40 साल के युवा बॉलीवुड एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की नींद में, हार्ट अटैक से निधन की दुखद खबर मिली थी। हर कोई एक स्वस्थ युवा के असामयिक निधन से सकते में था। लोग हैरान थे कि उनकी मौत किस वजह से हुई होगी। और हार्ट अटैक सोते समय क्यों होता है?
क्यों सोते समय होती है लोगों की मौत
हमारे जीवन का एक तिहाई समय सोने में जाता है। ऐसे में कई मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों की सोते समय मौत हुई है। परिवार व दोस्तों के लिए यह चौंकाने वाला होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति नींद से नहीं उठे।
तो चलिए हम सोते समय हार्ट अटैक से मृत्यु होने के कुछ आम कारणों का विश्लेषण करते हैं।
इनमें सबसे आम कारण है ड्रग ओवरडोज़ (Drug Overdose)
आमतौर पर दर्द निवारक के रूप में ली जाने वाली दवाएं अधिक मात्रा में लेने से सोने के दौरान मौत हो सकती है। अगर इनका सेवन शराब के साथ किया जाए तो जोखिम और भी बढ़ जाता है। नींद की गोलियां और पेन किलर सांस रोक सकती हैं जिससे मौत हो सकती है।
नींद में कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) का खतरा
इस बात के कई प्रमाण मिले हैं कि नींद के दौरान हृदय तनावग्रस्त रहता है। रैपिड आई मूवमेंट (आरईएम) नींद विशेष तौर पर शारीरिक तंत्र को प्रभावित कर सकती है।
हार्ट अटैक (Heart attack) का जोखिम
रक्त के थक्के जमने से कोरोनरी आर्टरी अचानक ब्लॉक हो सकती है, जिससे हृदय की मांसपेशियां खत्म होने लगती हैं। इस वजह से हृदय सिकुड़ना बंद हो जाता है और धीरे—धीरे धड़कना बंद कर देता है।
रक्त प्रवाह नहीं होने से शरीर के अन्य अंग भी डैमेज होने लगते हैं। यह ज्ञात तथ्य है कि आरईएम नींद के दौरान स्ट्रेस हॉर्मोन रिलीज़ होते हैं जिससे हृदय पर जोखिम बढ़ जाता है।
इर्रेगुलर हार्ट रिदम (Irregular Heart Rhythm)
नींद में मृत्यु की एक और बड़ी वजह इर्रेगुलर हार्ट रिदम है जिसमें हृदय अत्यधिक तेज़ी या बहुत धीमी गति से धड़कने लगता है। यह आरईएम नींद के दौरान होना बहुत आम बात है। मेडिकल शब्दों में बात की जाए तो हम इसे वेंट्रिक्यूलर टैकिकार्डिया या वेंट्रिक्यूलर फाइब्रिलेशन कहते हैं। इस दौरान हृदय अनियमित ढंग से धड़कता है जिससे वह ब्लड पंप नहीं कर पाता और कार्डियक अरेस्ट या अचानक मृत्यु हो सकती है।
हार्ट फेल्यर (Heart Failure)
जिन लोगों का हृदय कमज़ोर होता है उनमें हार्ट फेल्यर के लक्षण दिखने लगते हैं। यह नींद के दौरान होना बहुत आम बात है विशेष तौर पर सुबह के समय।
स्ट्रोक (Stroke)
अचानक मौत होने की एक और आम वजह स्ट्रोक भी है जिसमें कोई ब्लड क्लॉट हृदय से रक्त के ज़रिए मस्तिष्क में पहुंच जाता है और रक्त प्रवाह को रोक देता है। हृदय के धड़कने की गति अनियमित होने पर थक्के बन सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंस्ट्रोक के कारण गला घुटने लगता है जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है और मौत भी हो सकती है। यह संभव है कि कुछ अन्य विकारों के कारण सोते समय मौत हो जाए जिसमें कुछ स्लीप कंडीशंस भी शामिल हैं। ओब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के कारण अन्य बीमारियां गंभीर हो सकती हैं जो जानलेवा साबित हो सकता है। इनमें स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेल्यर और एरिदमिया शामिल हैं जो अचानक मौत का कारण बन सकते हैं।
हम सोते समय मृत्यु को कैसे रोक सकते हैं
सोते समय मृत्यु की आशंका कम करने का सबसे अच्छा तरीका है एडिक्टिव ड्रग्स व शराब की ओवरडोज़ से दूर रहना। नियमित रूप से व्यायाम कर अपने आप को स्वस्थ रखना। साथ ही, नियमित चेकअप कराकर अपने हृदय को स्वस्थ बनाए रखें। अपने ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित रखें। आखिर में सबसे महत्वपूर्ण अपने मेंटल स्ट्रेस को सकारात्मक ढंग से संभालने की कोशिश करें।
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