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हैवी मेटल टॉक्सिंस भी बन सकते हैं सिर दर्द, थकान और ब्रेन फॉग का कारण, जानिए इन्हें कैसे बाहर करना है

हैवी मेटल पॉइजनिंग में नजर आ सकते हैं ये लक्षण, लंबे समय तक इस स्थिति के बने रहने से सेहत संबंधित तमाम समस्याएं आपको अपना शिकार बना सकती हैं। जानें डिटॉक्सिफिकेशन के बारे में सब कुछ।
जानें स्किन यीस्ट इन्फेक्शन के बारे में सब कुछ. चित्र : एडॉबीस्टॉकक
अंजलि कुमारी Published: 16 Feb 2024, 11:00 am IST
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हमारे शरीर को सही से कार्य करने के लिए कुछ प्रकार के हैवी मेटल्स जैसे की जिंक और आयरन की जरूरत होती है। पर बॉडी में इनकी अधिकता टॉक्सिक हो सकती है, जिसे हम हैवी मेटल टॉक्सिक कहते हैं। वहीं ये बॉडी ऑर्गन जैसे की लिवर, ब्रेन, लंग्स आदि के फंक्शन को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा हैवी मेटल टॉक्सिक की वजह से ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है और ब्लड कंपोजीशन के भी उतार चढ़ाव देखने को मिलता है। लंबे समय तक इस स्थिति के बने रहने से सेहत संबंधित तमाम समस्याएं आपको अपना शिकार बना सकती हैं। यहां तक की मानसिक समस्याएं जैसे की अल्जाइमर और डिमेंशिया भी आपको परेशान कर सकती है। इसलिए बॉडी हैवी मेटल्स को समय समय पर डिटॉक्स करते रहना बेहद जरूरी है।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर अधिक जानने के लिए न्यूट्रीशनिस्ट राशि चहल से बात की। न्यूट्रीशनिस्ट ने हैवी मेटल टॉक्सिंस (heavy metal toxins) के बारे में बताते हुए इसे डिटॉक्सिफाई करने के भी टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में विस्तार से।

पहले जानें क्या है हैवी मेटल (heavy metal toxins)?

मेटल्स मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाई जाती हैं, क्योंकि वे जमीन की पपड़ी का हिस्सा हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, हैवी मेटल एक रासायनिक तत्व है, जिसका एक निश्चित ग्रेविटी पानी से कम से कम पांच गुना होता है। आयरन, जिंक और मैंगनीज जैसी कुछ मेटल्स आपके शरीर के समुचित कार्य के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि वे आपके मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने, रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करने और आपके लीवर को कार्य करने में मदद करने जैसे विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार है।

डिटॉक्सिफिकेशन के लिए टिप्स। चित्र : एडॉबीस्टॉक

इस प्रकार के हैवी मेटल्स में शामिल हैं:

अल्युमीनियम: आमतौर पर एंटीपर्सपिरेंट्स और अन्य व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों में पाया जाने वाला एल्युमीनियम शरीर में टॉक्सिक पदार्थों के निर्माण में योगदान देता है।

आर्सेनिक: यह मेटल आमतौर पर ब्राउन राइस और सी फूड में पाई जाती है, वहीं अकार्बनिक और कार्बनिक दोनों प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं। अकार्बनिक रूप अधिक टॉक्सिक होता है।

लीड: पुराने घरों में पेंट और कांच लीड के कुछ प्रमुख स्रोत हैं। यह अस्थि शोरबा और अनफ़िल्टर्ड पानी में भी पाया जाता है। दांतों में पुरानी फिलिंग में इस्तेमाल होने पर ये मेटल एक चिंता का विषय था।

थैलियम: पत्तागोभी और केल जैसी क्रूस वाली सब्जियां मिट्टी से थैलियम जमा कर सकती हैं।
ये भारी मेटल्स कुछ पर्यावरणीय कारकों और भोजन के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकती हैं। इसके कुछ स्रोतों में शामिल हैं:

फॉसिल फ्यूल एमिशन
इंडस्ट्रियल वेस्ट
माइनिंग
क्रॉप्स में इस्तेमाल होने वाले पेस्टिसाइड
स्मोकिंग
सॉयल एरोजन
वेस्ट वॉटर

जानें सिर में दर्द का कारण। चित्र : शटरकॉक

हैवी मेटल की शुरुआती स्थिति में बॉडी में नजर आने वाले लक्षण

सिर दर्द
पेट दर्द और क्रैंप्स
जी मचलना
उल्टी आना
डायरिया
थकान महसूस होना
सांस लेने में परेशानी होना

स्थिति गंभीर होने पर नजर आते हैं ये लक्षण

जलन और खुजली महसूस होना
इन्फेक्शन की समस्या
ब्रेन फॉग
देखने में परेशानी होना
इनसोमनिया
पैरालैसिस

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हैवी मेटल डिटॉक्सिफिकेशन क्या है?

आपके शरीर में निश्चित मात्रा में हैवी मेटल्स पाए जाते हैं। ये टॉक्सिक मटेरियल वातावरण में पाए जाते हैं, जिन्हें आप अवशोषित करती हैं और सांस के माध्यम से लेती हैं। कुछ हैवी मेटल आप भोजन के माध्यम से भी लेती हैं। यह समझने के लिए कि क्या आप हैवी मेटल टॉक्सीसिटी से परेशान हैं, आपको डिटॉक्सिफिकेशन से गुजरना पड़ सकता है। डिटॉक्स का प्राथमिक लक्ष्य आपके नर्वस सिस्टम और ब्रेन से हैवी मेटल्स को निकालना है।

फुल बॉडी डिटॉक्स स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद, यह ज्यादातर लोगों के लिए जरूरी नहीं हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

कैसे की जाती है हैवी मेटल टॉक्सिंस की जांच

डॉक्टर द्वारा आपके बॉडी में मौजूद टॉक्सिंस के स्तर की जांच करने के लिए यूरिन, सीरम, रेड ब्लड सेल्स, प्लाज्मा या संपूर्ण ब्लड को एग्जामिन किया जाता है। 30 से अधिक विभिन्न तत्वों के लिए अपने नमूने की जांच करवाने पर आश्चर्यचकित न हों। डिटॉक्सिफिकेशन का टेस्ट करने के लिए अलग अलग प्रोसेस का उपयोग किया जाता है, क्योंकि प्रत्येक टॉक्सिन अलग-अलग तरीके से उत्सर्जित होते हैं।

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एक बार हैवी मेटल की पहचान हो जाने पर, आपको केलेशन थेरेपी से गुजरना पड़ सकता है। यह प्रक्रिया, जिसे आप घर पर भी कर सकती हैं, टॉक्सिंस को मॉलिक्यूल से बांधकर, उन्हें घुलने देकर और यूरिन में उत्सर्जित करके निकालने के लिए चेलेटिंग एजेंटों का उपयोग करना शामिल है।

जानें हैवी मेटल डिटॉक्स डाइट के बारे में सब कुछ

1 विटामिन और खनिज युक्त खाद्य पदार्थ

कुछ ऐसे खास खाद्य पदार्थ हैं, जो बॉडी से हैवी मेटल को डिटॉक्सिफाई करने में आपकी मदद कर सकते हैं। ये खाद्य पदार्थ मेटल के साथ जुड़ जाते हैं और डाइजेस्टिव प्रोसेस के दौरान इन्हें बॉडी से रिमूव कर देते हैं। विटामिन और मिनरल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन हैवी मेटल से होने वाले साइड इफेक्ट को कम कर देता है। हैवी मेटल डिटॉक्स के लिए आप लहसुन, ब्लूबेरी, नींबू पानी, बार्ली ग्रास जूस, ग्रीन टी टमाटर फ्रूट बायोटिक अधिक जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल कर सकती हैं।

2 विटामिन सी है महत्वपूर्ण

कुछ पोषक तत्व जैसे कि विटामिन बी, विटामिन बी6 और विटामिन सी की कमी से बॉडी के लिए हैवी मेटल को टॉलरेट करना मुश्किल हो जाता है और शरीर में टाक्सीसिटी बढ़ाना शुरू हो जाती है। उदाहरण के लिए विटामिन सी आयरन के स्तर को नियंत्रित रहने में मदद करती है। ठीक इसी प्रकार अन्य खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्व अलग-अलग प्रकार के हैवी मेटल्स को संतुलित रखते हैं।

सेहत के लिए विटामिन सी है बेहद महत्वपूर्ण। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3 इन खाद्य पदार्थों से रहना होगा दूर

एक प्रभावी हैवी मेटल डिटॉक्स के लिए हेल्दी फल और सब्जियों के सेवन के साथ ही कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ भी हैं, जिनके सेवन से परहेज रखना जरूरी हो जाता है, जैसे कि प्रोसैस्ड फूड्स और एक्सेस फैट। इन खाद्य पदार्थों का न्यूट्रीशनल वैल्यू काफी कम होता है और ये आपके डिटॉक्स प्रोसेस को धीमा कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि फैट बॉडी में मौजूद टॉक्सिक पदार्थ को अवशोषित कर लेता है, और इन्हें रिमूव करना बेहद मुश्किल हो जाता है। ऐसे में चावल खासकर ब्राउन राइस, कुछ प्रकार की मछली, शराब और नॉन ऑर्गेनिक फूड्स से पूरी तरह से परहेज रखने का प्रयास करें।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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