आज के समय में महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या बेहद कॉमन हो गई है। बहुत सी महिलाओं में इसकी शिकायत देखने को मिलती है। हालांकि, इसके लिए कहीं न कहीं महिलाएं खुद जिम्मेदार हैं, क्युकी वे समय रहते इसपर ध्यान नहीं देती। ज्यादातर महिलाएं बेबी प्लान करने के कुछ दिन पहले से फर्टिलिटी पर विचार करना शुरू करती हैं, पर हेल्दी फर्टिलिटी के लिए आपको अपनी सेहत पर शुरुआत से ही ध्यान देना चाहिए। लाइफस्टाइल की गतिविधियों पर ध्यान देने के साथ ही कई ऐसे खास फर्टिलिटी सपोर्टिंग सप्लीमेंट्स हैं, जिन्हे आपको अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ कोच नेहा रंगलानी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए कुछ खास फर्टिलिटी सपोर्टिंग सप्लीमेंट्स बताए हैं (fertility boosting supplements)। तो चलिए जानते हैं, इन सप्लीमेंट्स के बारे में।
महिलाओं में कंसीव करने के लिए फोलिक एसिड और फोलेट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये खास पोषक तत्व डेवलपिंग फिटस न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से बचाव करता है और हेल्दी एग डेवलपमेंट में मदद करता है। ब्रोकली, मटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, राजमा आदि फोलिक एसिड और फोलेट का एक बेहतरीन स्रोत है।
सूरज की किरणों से प्राप्त होने वाला विटामिन डी हार्मोन रेगुलेशन और इम्यून सिस्टम के फंक्शन को मेंटेन करने में मदद करता है। शरीर में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा मेल और फीमेल दोनों में फर्टिलिटी को इंप्रूव करने के लिए बहुत जरूरी होता है। आपको शुरुआत से ही विटामिन डी का ध्यान रखना चाहिए। खासकर जब आप कंसीव करने का प्लान कर रही हों, तो उस वक्त आपको इसपर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। शरीर में विटामिन डी की मात्रा को बनाए रखने के लिए सूरज की किरणों के संपर्क में आने के साथ ही, मशरूम, चीज, सालमन, टूना, सोए मिल्क, मिल्क, योगर्ट, केला, आदि को अपनी डाइट में शामिल करें।
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विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हुए फ्री रेडिकल्स से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के प्रभाव से एग और स्पर्म को प्रोटेक्ट करता है। इसके साथ ही ये एंडोमेट्रियल लाइनिंग और यूटराइन हेल्थ को मेंटेन रखने में मदद करता है। सनफ्लावर सीड्स, सनफ्लावर ऑयल, बादाम, मूंगफली, पीनट बटर, पत्तेदार सब्जियां जैसे की पालक, कद्दू और शिमला मिर्च आदि विटामिन ई के एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। सभी को इन्हे अपनी नियमित डाइट में शामिल करने की आवश्यकता होती है। खासकर बेबी प्लानिंग के एक साल पहले से आपको इसपर ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए।
ये हेल्दी फैट्स हार्मोंस को रेगुलेट करने में मदद करते हैं, साथ ही साथ इन्फ्लेमेशन को कम करते हुए रिप्रोडक्टिव हेल्थ को बढ़ावा देते हैं। बॉडी में ओमेगा 3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा यूट्रस में ब्लड फ्लो को बढ़ावा देती है, और एंब्रियो इंप्लांटेशन को पूरी तरह से सपोर्ट करती है, जिससे की बच्चे के हेल्दी ग्रोथ में मदद मिलती है। ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा को बनाए रखने के लिए आपको अपनी डाइट में सालमन, फ्लैक्सीड्स, चिया सीड्स, अखरोट, सोयाबीन, ओयस्टर, श्रींप, हेंप सीड्स, राजमा आदि को शामिल करने की आवश्यकता होती है। बॉडी में इसकी मात्रा को पूरा करने के लिए आप इसे सप्लीमेंट्स के तौर पर भी ले सकती हैं।
CoQ10 एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हुए सेल्स में एनर्जी प्रोडक्शन को सपोर्ट करते हैं। 35 की उम्र से अधिक की महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से कारगर होता है साथी साथियों एक क्वालिटी को इंप्रूव करने में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करते हैं CoQ10 पुरुषों में स्पर्म हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए बहुत जरूरी हैं। कुल मिलाकर यदि आप कंसीव करने को सोच रही हैं, तो अपनी बॉडी में CoQ10 की मात्रा को बनाए रखने के लिए आप इसे सप्लीमेंट्स के तौर पर ले सकती हैं।
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