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आंखों के लिए पूरी तरह हार्मलैस नहीं है कॉन्टेक्ट लैंस लगाना, एक्सपर्ट बता रहे हैं क्यों

कॉन्टैक्ट लेंसेज चश्मा पहनने के झंझट से छुटकारा दिला देते हैं। पर कभी-कभी ये आंखों के स्वास्थ्य को प्रभावित भी कर सकते हैं। नेत्र विशेषज्ञ से जानते हैं कि क्या कांटेक्ट लेंसेज पहनने के कुछ जोखिम भी हैं?
कभी- कभी कुछ लोगों में कॉन्टैक्ट लेंसेज पहनने से समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 20 Nov 2023, 17:30 pm IST
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पहले अक्सर फिल्मी मैग्जीन में ये खबरें आती रहती थीं कि फलां एक्ट्रेस की आंखें खराब हैं। इसलिए वे कॉन्टैक्ट लेंसेज लगाती हैं। इससे उनकी आंखें और ज्यादा खूबसूरत लगती हैं। जानकारी के अभाव में कुछ लोगों के मन में यह सवाल होता था कि क्या कॉन्टैक्ट लेंस आंखों में चुभते नहीं हैं? कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोगों को किसी प्रकार का आंखों में इन्फेक्शन तो नहीं होता होगा? क्या इससे कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले लोगों के लिए ड्राइविंग, खेल और यहां तक कि रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कत नहीं होती होगी। हालांकि अब पहले से काफी उन्नत लेंसेज का प्रयोग हम कर रहे हैं। ये काफी आरामदायक भी होते हैं। इसलिए अब एक्सपर्ट से यह जानना और भी जरूरी हो गया है कि कॉन्टैक्ट लेंसेज आंखों पर कैसा प्रभाव डालते (Wearing contact lenses risks) हैं?

क्या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के भी हो सकते हैं जोखिम (Wearing contact lenses risks)

हालांकि विश्व भर में करोड़ों लोग अब कॉन्टेक्ट लेंस पहनने लगे हैं। इसलिए कॉन्टैक्ट लेंस बनाने वाली कंपनी कभी नहीं चाहेगी कि उनका प्रोडक्ट उपयोग करने वाले की आंखों को प्रभावित करे। कॉन्टेक्ट लेंस कई प्रकार के होते हैं। ये हार्ड, सॉफ्ट, रोजाना पहनने वाले और लंबे समय तक पहने जाने वाले भी होते हैं। ये सभी काफी सुरक्षित माने जाते हैं। कभी- कभी कुछ लोगों में कॉन्टैक्ट लेंसेज पहनने से समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।

इसके कारण आंखों में जलन या दर्द, आंख के चारों ओर सूजन, धुंधली दृष्टि या लाइट के प्रति सेंसिटिविटी या पिंक आई या आंखों में संक्रमण हो सकता है। इसके कारण कॉर्नियल अल्सर यानी आंख के चिकने और आगे वाले भाग पर चोट लग सकती है। इसके कारण कॉर्निया की सूजन भी हो सकती है।

कब करें डॉक्टर से संपर्क (Call for Ophthalmologist)

शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक डॉ. अनुषा सचान बताती हैं, ‘मामूली जलन एक या दो दिन में अपने आप दूर हो सकती है। यदि लक्षण गंभीर या लगातार बने रह रहे हैं, तो कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बंद कर दें। जल्दी से जल्दी आई एक्सपर्ट से बात करें। इसके कारण आंखों की रोशनी तो प्रभावित नहीं हो सकती है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी से आंखों में ड्राईनेस की समस्या लगातार बनी रह सकती है।’

यदि लक्षण गंभीर या लगातार बने रह रहे हैं, तो कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बंद कर दें। चित्र: शटरस्टॉक

पहनकर सोने से हो सकती हैं गंभीर समस्या (sleeping while wearing Contact Lenses may cause serious risks)

डॉ. अनुषा सचान बताती हैं, ‘आंख की ट्रांसपेरेंट बाहरी परत है कॉर्निया। यह आंख की सुरक्षा करता है और प्रकाश को आंख के पिछले हिस्से पर केंद्रित करने में मदद करता है। इसके कारण हम स्पष्ट रूप से देख पाते हैं। यदि लंबे समय तक कॉन्टैक्ट लेंस पहने जाते हैं या रात में भी पहनकर सो जाती हैं, तो कॉर्निया संक्रमण या यहां तक ​​कि अल्सर होने की अधिक संभावना (wearing contact lenses risks) हो सकती है। लगातार दो सप्ताह तक कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से दोनों आंखों में कॉर्निया संक्रमण हो सकता है। लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं से ही यह ठीक हो सकता है। गंभीर मामलों में आंखों की रोशनी जा भी सकती है।’

कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से पहले इन 7 बातों पर ध्यान देना है जरूरी (keep these 7 things in mind for contact lenses)

1 डॉ. अनुषा सचान के अनुसार, यदि रात भर पहनना चाहती हैं, तो विशेष रूप से बनाये और प्रमाणित एक्सटेंडेड-वियर कॉन्टैक्ट्स का ही उपयोग करें। फिर भी सोने से पहले उन्हें आंखों से बाहर निकालना सबसे सुरक्षित (wearing contact lenses risks) है।
2 अपने कॉन्टैक्ट लेंस को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह धो लें।
3 कॉन्टैक्ट लेंस को मुंह में न डालें या उन पर न थूकें।

अपने कॉन्टैक्ट लेंस को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह धो लें। चित्र: शटरस्‍टाॅॅॅक

4 हैंड क्रीम या मेकअप को लेंस के संपर्क में न आने दें। मेकअप लगाने से पहले लेंस लगा लें और मेकअप हटाने से पहले कॉन्टैक्ट्स (wearing contact lenses risks) निकाल लें।
5 उपयोग में नहीं है, तो लेंस केस को साफ और सूखा रखें । कम से कम हर 3-4 महीनों के बाद केस को बदल लें।
6 साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच कराएं।
7 यदि आंख में लालिमा या दर्द या दृष्टि में बदलाव जैसी समस्याएं दिखाई देती हैं, तो तुरंत लेंस निकाल लें और आंखों के चिकित्सक को बताएं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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