विश्व स्वास्थ्य दिवस : बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है पानी की कमी, जानिए इससे कैसे बचाना है
डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण गर्मियों के दिनों में होने वाली एक आम बीमारी है। हमारे शरीर के लगभग एक तिहाई हिस्से में पानी मौजूद होता है। गर्मियों के मौसम में पानी कम पीने से और ज्यादा पसीना निकलने से शरीर मे पानी और नमक का संतुलन बिगड़ जाता है। जिससे कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, लेकिन छोटे बच्चे इसकी चपेट में बहुत जल्दी आते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो डिहाइड्रेशन की समस्या आपके बच्चों के स्वास्थ्य पर बेहद गंभीर प्रभाव डाल सकती है। यदि आप समय रहते इस पर ध्यान नहीं देते हैं, तो आपके बच्चों के स्वास्थ्य पर इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि डिहाइड्रेशन का आपके बच्चों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, बच्चों में डिहाइड्रेशन के संकेत और आप उन्हें इससे कैसे बचा सकती हैं।
इससे पहले कि हम आगे बढें आइए जानते है बच्चों में डिहाइड्रेशन के कुछ सामान्य कारण
- बच्चों में डिहाइड्रेशन का सामान्य कारण लिक्विड लॉस है – जैसे उल्टी और / या दस्त।
- पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं पीना, जैसे कि सामान्य बचपन की बीमारियों के दौरान या जब एक नवजात शिशु को स्तनपान कराने में परेशानी होती है।
- हालांकि, उल्टी, दस्त, या दोनों के हर एपिसोड में निर्जलीकरण नहीं होता है।
बच्चों में डिहाइड्रेशन के संकेत
डिहाइड्रेटेड शिशुओं को तुरंत चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता तब होती है जब:
- उनके सिर पर सॉफ्ट स्पॉट धंसा हुआ महसूस हो।
- उनकी आंखें धंसी हुई नजर आएं।
- रोने पर उनकी आंखों से आंसू न निकलें।
- उनका मुंह सूखा हो।
- वे पेशाब बहुत कम कर रहे हों।
- उन्होंने सतर्कता कम कर दी है और वे निष्क्रिय (सुस्त) हैं।
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डिहाइड्रेशन का क्या होता है बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव
हल्का डिहाइड्रेशन (Mild dehydration)
माइल्ड डिहाइड्रेशन में आमतौर पर बच्चों का मुंह और होंठ शुष्क हो जाते हैं, जो कि बढ़ती प्यास का कारण बनता है और बच्चे को पेशाब कम आता है।
मध्यम डिहाइड्रेशन (Moderate dehydration)
मोडरेट डिहाइड्रेशन बच्चों के कम इंटरैक्टिव या कम चंचल होने का कारण बनता है। उनका मुंह शुष्क हो जाता है, और उन्हें पेशाब कम आता है। मध्यम और गंभीर डिहाइड्रेशन तेजी से दिल की धड़कन और चक्कर आने का कारण बन सकता है।
गंभीर डिहाइड्रेशन (Severe dehydration)
ऐसी स्थिति में बच्चे को नींद या सुस्ती आती है, जो एक संकेत है कि उनका एक डॉक्टर द्वारा मूल्यांकन किया जाना चाहिए या तुरंत आपातकालीन विभाग में ले जाना चाहिए। उनकी आंखों में कोई आंसू नहीं हैं। वे त्वचा में एक नीरस मलिनकिरण (cyanosis) विकसित कर सकते हैं और सांस तेजी से लेने लगते हैं।
कभी-कभी डिहाइड्रेशन रक्त में नमक की सांद्रता असामान्य रूप से गिरने या उठने का कारण बनती है। नमक की सघनता में परिवर्तन से निर्जलीकरण के लक्षण बदतर हो सकते हैं और सुस्ती को भी बदतर बना सकते हैं। गंभीर मामलों में, बच्चे को दौरे या कोमा या मस्तिष्क क्षति हो सकती है, जिससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है।
बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या को कैसे दूर करें
- अपने बच्चे को अधिक से अधिक मात्रा में पानी का सेवन करवाएं। सुनिश्चित करें कि वह एक दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी ज़रुर पिये।
- उसे नींबू पानी, नारियल पानी, शिकंजी या अन्य पौष्टिक पेय पदार्थ पिलाएं।
- उन्हें ऐसे फल खिलाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो। इसके लिए रोजाना केला, तरबूज, खरबूजा, खीरा, पपीता, संतरे इत्यादि फल बेहद फायदेमंद हैं।
- गर्मियों में उन्हें रोजाना कम से कम एक कटोरी दही या छाछ जरूर पिलाएं। दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। साथ ही दही के सेवन से शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती।
- उन्हें ताजे फलों का रस पिलाएं।
- घर पर ही ओआरएस घोल बनाकर उन्हें दिन में तीन से चार बार पिलाएं। यह डिहाइड्रेशन से आराम दिलाने का सबसे असरदार घरेलू तरीका है।
- समस्या गंभीर होने बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
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