कोविड-19 और लॉकडाउन के दौरान जिसने हमें दुनिया भर से जोड़े रखा वह हमारा सेलफोन ही था। ऑनलाइन दुनिया ने हमें एक-दूसरे से दूर होते हुए भी संपर्क में बनाए रखा। सेल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों के सहारे ही इस नए सेशन की भी शुरुआत हुई है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने सेल फोन यूज को अपनी सेहत पर भारी न पड़ने दें।
आज किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी उपकरण सेल फोन है। स्मार्ट फोन ने घड़ी कंप्यूटर , कैमरे , टीवी आदि को परिदृश्य से बाहर कर दिया है। आप एक दिन के लिए भी अपनी कार, घर, दोस्त , पार्टनर, या पेरेंट्स के बिना रह सकते हैं, लेकिन स्मार्ट फोन के बिना नहीं।
अब जब कोविड के बढ़ते मामलों के बीच आपको फिर से वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन क्लासेस में शामिल होना है, तब आपके लिए जरूरी है कि आप मोबाइल फोन और उससे जुड़े अच्छे- बुरे प्रभाव के बारे में भी जागरुक रहें।
हमारा सेलफोन शायद हर जगह साथ रहता है। बाथरूम, कंप्यूटर टेबल, किचन और खाने की मेज पर भी। कभी-कभी हम एक-दूसरे का मोबाइल फोन भी इस्तेमाल कर लेते हैं। और बिस्तर पर तो यह साथ रहता ही है।
पर आप इसे दिन में कितनी बार साफ करते हैं? लगातार? हर एक घंटे बाद? या केवल तब, जब इसकी स्क्रीन धुंधली दिखाई देने लगती है? नहीं कभी कभी या केवल तब जेबी स्क्रीन धुंधली हो जाए। क्या कभी सोचा भी है कि उन सब स्थानों से उस पर कितने बैक्टीरिया, वायरस या अन्य कीटाणु चिपक गए होंगे। एक अध्ययन में पाया गया है कि ज्यादातर फोन में ई. कोलाई बैक्टीरिया है।
सोशल मीडिया ने हमें बहुत अधिक समय फोन पर नीचे देख अपनी गर्दन झुका कर देखने टेक्स्ट करने को मजबूर कर दिया है। यह गर्दन की मांसपेशियों तनाव और जकड़न या ऐंठन का कारण बन सकता है। तंत्रिका दर्द (Nerve Pain ) है, जो गर्दन तक सीमित नहीं रहता। बल्कि आगे बढ़कर कंधे, हाथ या कमर तक पहुंच सकता है। चिकित्सा क्षेत्र में इसे टेक्स्ट नेक सिंड्रोम (Text Neck syndrome) कहा जाता है। इससे बचने के लिए जब टेक्स्ट करना हो या देखना हो, तो इसे आंख के लेवल पर रखें।
कुछ लोग काम करते या बाइक, कार चलाते हुए फोन कंधे और कान के बीच दबाकर बात करने लगते हैं। यह एक प्राकृतिक स्थिति नहीं है । लगातार ऐसा करना गर्दन दर्द जिसे आम भाषा में सर्विकल पेन कहते हैं, को न्यौता देना होता है।
ऐसा मत कीजिये जनाब । एक टेक्स्ट भेजने में कम से कम 5 सेकंड का ध्यान लगता है और यह हानिरहित नहीं है। 55 मील प्रति घंटे की गति से चल रही कार 5 सेकेंड में फुटबॉल के मैदान की लंबाई जितना सफर तय कर लेती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आप इस तरह खुद को 23 गुना अधिक दुर्घटना के जोखिम में डाल रहे हैं। इससे बचें, बहुत जरूरी हो तो वॉइस मैसेज भेजें।
शायद हमें लगता है कि जब आप ड्राइव करते हैं, तो फोन पर बात करके आप अपना समय बचा रहीं हैं। पर इस तरह आपके दुर्घटनाग्रस्त होने का जोखिम 4 गुना अधिक हो जाता है। अमेरिका में यह एक लाख से अधिक दुर्घटनाओं का कारण है। यानी 20%, दुर्घटनाएं इसी वजह से होती हैं। यदि आपको वास्तव में कॉल करने या कॉल सुनने की आवश्यकता है, तो गाड़ी को एक साइड पर जाकर रोकें और बात करें ।
बहुत ज्यादा रोशनी नींद को गड़बड़ कर सकती है। यह डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी है। सेल फोन की “नीली लाइट ” विशेष रूप से बुरी होती है। विशेष रूप से तब जब रात को बेडरूम में अंधेरा है। यह न केवल नींद में खलल या इन्सोमनिया का कारण बनता है, अपितु आंखों विशेष रूप से रेटिना को नुकसान पहुंचा सकती है।
फुटपाथ पर चल रहे हैं और एक त्वरित टेक्स्ट भेजने की आवश्यकता है। इसमें कितना समय लगता है? कुछ सेकंड? बस इतना ध्यान भटकना काफी है दुर्घटना के लिए। शोध बताते हैं कि पैदल चलने वालों में सबसे बड़ा कारण बन गया यह आजकल ।
अभी तक के अध्ययन कैंसर या ट्यूमर के लिए कोई ठोस लिंक नहीं देख पाए हैं। लेकिन सेल फोन रेडिएशन इफ़ेक्ट्स पर अध्ययन जारी है । यदि आप सेलफोन से विकिरण के बारे में चिंतित हैं, तो अपने सेलफोन के उपयोग को सीमित कर सकते हैं, या इसे स्पीकर मोड में या हेडसेट या ईयर प्लग के साथ उपयोग कर सकते हैं।
इसमें अंगूठा एक खास एंगल पर फंस जाता। जब इसे सीधा करने की कोशिश करते हैं तो यह एक चटक के साथ खुलता है। अंगूठे के टेंडन के आसपास की मासपेशियां व झिल्ली शिथिल हो जाती हैं। जिससे टेंडन को स्वतंत्र रूप से स्लाइड करने में कठिनाइ होती है।
सेलफोन पर बहुत सारे टेक्स्टिंग या टाइपिंग, या सिर्फ स्मार्टफोन को कसकर पकड़ना भी ट्रिगर अंगूठे का कारण बन सकता है। कई बार समस्या गंभीर होने पर आपरेशन तक की नौबत आ सकती है।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि सेलफोन का उपयोग वास्तव में अंगूठे के गठिया का कारण बनता है , पर यह निश्चित है कि यह इसके लक्षणों को और भी बदतर बना सकता हैं। अंगूठे का गठिया कुछ लोगों में दर्द और अकड़न का भी कारण बन सकता है।
फोन देर तक पकड़े रखने से कोहनी की अलनर नर्व पर खिंचाव से नर्व डेमेज का खतरा बढ़ जाता है। यह अंगूठे और छोटी उंगलियों में सुन्नऔर झुनझुनी पैदा कर सकता है। साथ ही कोहनी या बांह के अंदर की तरफ दर्द हो सकता है। इसके गंभीर होने पर ऑपरेशन की जरूरत हो सकती है।
मोबाइल फोन का उपयोग पेसमेकर या प्रत्यारोपित डिफिब्रिलेटर जैसे चिकित्सा उपकरणों या हियरिंग एड्स के बहुत करीब होने से उनके काम में समस्या पैदा कर सकता है।
स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी की छोटी तरंग (Short length wave light) आंखों को बहुत जल्दी थका सकती है और दर्द का कारण बन सकती है । यह आपके कॉर्निया (आंख के सामने का स्पष्ट लेंस) को भी नुकसान पहुंचा सकता है और आपकी दृष्टि को (Retina) को भी।
यदि आप इन समस्याओं को नोटिस करते हैं, तो स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे नीली रोशनी वाले डिजिटल उपकरणों के साथ अपना समय सीमित करना सबसे अच्छा है। घर से काम करने का अर्थ यह कतई नहीं है कि आप दिन भर कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल के साथ ही व्यस्त रहें।
एक अध्ययन में पाया गया कि स्मार्टफोन का प्रयोग करने से काम में 12% अधिक गलतियां हुईं। इसे आप खुद ज्यादा बेहतर तरीके से महसूस कर सकती हैं। इससे याद्दाश्त पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। your mice is un mute आपको याद ही होगा।
इस जटिल समय में डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल में सावधानियां बरतना भी जरूरी है।
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