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Alcohol and Brain : आपके ब्रेन के आकार को छोटा कर देती है शराब, जानिए आपकी ब्रेन हेल्थ पर अल्कोहल का प्रभाव

शराब का ज्यादा सेवन समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। शोध और विशेषज्ञ बताते हैं कि अल्कोहल का ज्यादा सेवन ब्रेन साइज के छोटे होते जाने से जुड़ा है।
शराब पीने से डिमेंशिया होने का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 23 Jun 2023, 17:38 pm IST
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क्या आपकी शाम वाइन के बिना अधूरी रहती है? या आपके लिए पार्टी का मतलब सिर्फ जमकर पीना है? तो आपको अभी से सावधान हो जाना चाहिए। शराब का ज्यादा सेवन आपके समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। वैज्ञानिकों ने हाल ही में हुए शोध के आधार पर यह चेतावनी दी है कि अल्कोहल का ज्यादा सेवन ब्रेन के साइज के छोटे होते जाने से जुड़ा है। संभव है कि बहुत अधिक दिनों पर कम मात्रा में शराब पीने से स्वास्थ्य समस्याएं कम होंगी। पर यह तय है कि मध्यम या भारी मात्रा में शराब पीने से मस्तिष्क पर असर पड़ सकता है। अधिक शराब पीने से ब्रेन साइज़ भी छोटा (Alcohol effect on Brain) हो सकता है।

शराब का शरीर पर प्रभाव

प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में न्यूरोसाइंसेज के डायरेक्टर डॉ. रवींद्र श्रीवास्तव( Ravindra Srivastava, Director of neurosciences, Primus Super Speciality Hospital) कहते हैं, ‘शरीर की एक निश्चित चयापचय की क्षमता (Metabolism Capacity) होती है। अधिक शराब का सेवन करने से मोताबोलिक प्रक्रिया ठीक से नहीं हो पाती है। शराब शरीर पर जल्दी असर करती है। यह पेट के अस्तर (Stomach Lining) के माध्यम से रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाता है। वहां पहुंचने के बाद यह पूरे शरीर के ऊतकों में फैल जाता है। शराब सिर्फ पांच मिनट में आपके दिमाग तक पहुंच जाती है। यह 10 मिनट के अंदर किसी भी व्यक्ति पर असर डालना शुरू कर देती है।’

कितने समय तक अल्कोहल रहता है शरीर में मौजूद

डॉ. रवींद्र कहते हैं, ‘20 मिनट के बाद लिवर अल्कोहल को प्रोसेस करना शुरू कर देता है। औसतन लीवर हर घंटे में 1 औंस अल्कोहल (1 Ounce Alcohol) का चयापचय कर सकता है। अल्कोहल स्तर (Blood Alcohol Level) को शरीर के सिस्टम को छोड़ने में लगभग साढ़े पांच घंटे का समय लगता है। शराब यूरीन में 80 घंटे तक और बालों के रोम में तीन महीने तक रह सकती है। शराब का नशा तब होता है जब अल्कोहल का सेवन आपके शरीर की अल्कोहल को मेटाबोलाइज करने और इसे तोड़ने की क्षमता से अधिक हो जाता है।’

दिमाग पर शराब का प्रभाव (Alcohol effect on Brain)

डॉ. रवींद्र के अनुसार, शरीर शराब को पूरा अवशोषित कर लेता है, लेकिन वास्तव में यह मस्तिष्क पर अपना प्रभाव डालता है। यह मस्तिष्क के संचार मार्गों में हस्तक्षेप करती है। यह मस्तिष्क सूचनाओं को भी प्रभावित कर सकता है।अत्यधिक शराब के सेवन को मस्तिष्क के आकार में कमी सहित मस्तिष्क पर कई हानिकारक प्रभावों से जोड़ा गया है।

शरीर शराब को पूरा अवशोषित कर लेता है, लेकिन वास्तव में यह मस्तिष्क पर अपना प्रभाव डालता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

लंबे समय तक शराब पीने से मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। यह न्यूरोट्रांसमीटर के संतुलन को बाधित कर देता है। इससे मस्तिष्क सिकुड़ सकता (Wine affect Brain Size) है।

मेमोरी और ब्रेन फंक्शन को प्रभावित कर सकता है (Alcohol affect Memory)

अल्कोहल ब्रेन के फ्रंटल लोब्स को प्रभावित करता है। यह निर्णय लेने और आवेग नियंत्रण जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह हिप्पोकैम्पस को भी प्रभावित करता है। यह स्मृति निर्माण में शामिल होता है। लंबे समय तक शराब के दुरुपयोग से मस्तिष्क के ऊतकों का नुकसान हो सकता है। इससे संज्ञानात्मक हानि (Alcohol for Cognitive Decline), स्मृति समस्याएं और मस्तिष्क के पूरे कार्यप्रणाली (Alcohol affect Brain Function) में कमी आ सकती है। इसके अतिरिक्त, वर्निक-कोर्साकॉफ सिंड्रोम (Wernicke-Korsakoff syndrome) जैसी शराब से संबंधित स्थितियां गंभीर मस्तिष्क क्षति का कारण बन सकती हैं

सामान्य होने में दो सप्ताह का समय

शराब पीने के बाद दिमाग को सामान्य होने में कम से कम दो सप्ताह का समय लग सकता है। यह तब होता है जब अल्कोहल रिकवरी टाइमलाइन शुरू होती है। जब तक मस्तिष्क ठीक नहीं हो जाता तब तक यह पीने की इच्छा को कम करने में सक्षम नहीं होता है। इसका कारण यह है कि शराब ने मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्य को नुकसान पहुंचाया है

शराब पीने के बाद दिमाग को सामान्य होने में कम से कम दो सप्ताह का समय लग सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

लत छुड़ाने के लिए थेरेपिस्ट की मदद (Therapist Help)

समय रहते मस्तिष्क पर शराब के हानिकारक प्रभावों को पहचान लेना चाहिए। नशे की आदत को छुडाने के लिए संयम का अभ्यास जरूरी है। यदि शराब की लत नहीं छूट रही है, तो इस समस्या से निदान पाने के लिए समय रहते थेरेपिस्ट की मदद लें। शराब छोड़ने से मानसिक स्वास्थ्य में कई तरह से सुधार देखा जाता है। इन परिवर्तनों से मानसिक स्वास्थ्य में समग्र सुधार होता है। इससे एंग्जायटी लेवल लो होता है। बेहतर मूड और रिफ्रेशनेस आती है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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