लंबे समय से ले रहीं हैं एस्पिरिन, तो ये शोध आपकी चिंता बढ़ा सकता है, जानिए क्या है इस लाभकारी दवा के साइड इफैक्ट

अमूमन पेन किलर के तौर पर या हृदय संबंधी समस्याओं में एस्पिरिन लेने की सिफारिश की जाती है। पर लंबे समय तक इसकी लो डोज भी आपके लिए कई स्वास्थ्य चिंताएं बढ़ा सकती है।
aspirin khane se anemina ka khatara
दर्द निवारक और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभावों के अलावा, एस्पिरिन में प्लेटलेट एकत्रीकरण को रोकने की क्षमता भी होती है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 22 Jun 2023, 03:49 pm IST
  • 145

एस्पिरिन, जिसे एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी दवा है जो नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) के रूप में जानी जाने वाली दवाओं से संबंधित है। इसका उपयोग आमतौर पर इसके एनाल्जेसिक (दर्द निवारक), सूजन रोधी और एंटीपायरेटिक (बुखार कम करने वाले) गुणों के लिए किया जाता है। पर यह भी पूरी तरह हानिरहित नहीं है। हाल ही में हुई एक स्टडी ने इसे एनीमिया के जोखिम कारक के रूप में पाया है। जबकि एस्पिरिन की ओवरडोज (side effects of Aspirin) पहले ही बहुत सारी समस्याओं का कारण बताई जा रही है।

दर्द निवारक और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभावों के अलावा, एस्पिरिन में प्लेटलेट एकत्रीकरण को रोकने की क्षमता भी होती है। जिसका अर्थ है कि यह रक्त के थक्कों को बनने से रोकने में मदद कर सकती है। दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी कुछ हृदय संबंधी स्थितियों के लिए भी एस्पिरिन को निवारक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पर यह दवा भी पूरी तरह हानिरहित नहीं है। अगर आप किसी भी कारण से लंबे समय से एस्पिरिन का सेवन कर रहे हैं, तो यह नया शोध आपके लिए चेतावनी देने वाला है।

heart attack mein aspirin
एस्पिरिन का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

एस्पिरिन की कम खुराक भी बढ़ा सकती है एनिमिया का खतरा

हाल ही में एक स्टडी में सामने आया है कि कम खुराक वाली एस्पिरिन वृद्ध वयस्कों में आयरन की कमी वाले एनीमिया के खतरे को 20% तक बढ़ा देती है।

एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार है। ASPREE (एस्पिरिन इन रिड्यूसिंग इवेंट्स इन द एल्डर्ली) रेंडम में एकत्र किए गए 19,000 से अधिक लोगों (70 वर्ष या उससे अधिक) के डेटा का मोनाश विश्वविद्यालय, मेलबर्न के शोधकर्ताओं द्वारा विश्लेषण किया गया था। एस्पिरिन समूह के प्रतिभागियों ने प्रतिदिन 100 मिलीग्राम एस्पिरिन ली। डेटा ने कम खुराक वाले एस्पिरिन समूह के बीच एनीमिया विकास के 23.5% जोखिम का संकेत दिया।

यह ध्यान रखना जरूरी है कि जहां एस्पिरिन के विभिन्न लाभ हैं, वहीं इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। एस्पिरिन के कुछ सामान्य दुष्प्रभावों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं, जैसे पेट दर्द या अपच होना शामिल हैं। कुछ मामलों में, एस्पिरिन अधिक गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है, जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव या अल्सर।

ये भी पढ़े- समर सीजन में बॉडी को कूलिंग इफेक्ट देने के लिए इन 4 तरह के रायतों को ज़रूर करें ट्राई

एस्पिरिन की ज्यादा खुराक से खतरा

एस्पिरिन की अधिक मात्रा लेने से स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। एस्पिरिन की अनुशंसित खुराक से अधिक लेने से इसकी अधिक मात्रा हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न दुष्प्रभाव और जटिलताएं हो सकती हैं।

पोल

कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच बंद कर देने चाहिए स्कूल?

1 गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन के अनुसार एस्पिरिन की अधिक खुराक पेट और आंतों की परत में जलन पैदा कर सकती है, जिससे पेट में दर्द, बेचैनी, उल्टी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव जैसे लक्षण हो सकते हैं। गंभीर मामलों में, इसके परिणामस्वरूप पाचन तंत्र में अल्सर हो सकता है।

2 रक्तस्राव

एस्पिरिन में एंटीप्लेटलेट गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह रक्त के सामान्य थक्के जमने के कार्य में हस्तक्षेप कर सकता है। एस्पिरिन की अधिक मात्रा से अंदर और बाहर दोनों तरह से रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। यह चोट, कटने या घाव से लंबे समय तक रक्तस्राव, या पाचन तंत्र में रक्तस्राव के रूप में हो सकता है।

aspirin bone health ke liye sahi ho skti hai
एस्पिरिन की अधिक मात्रा लेने से स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक

3 टिनिटस

एस्पिरिन की अधिक मात्रा लेने से टिनिटस हो सकता है, जो कानों में घंटियां या भिनभिनाहट जैसी ध्वनि है। यह दुष्प्रभाव अस्थायी या लगातार हो सकता है। इसमें मरीज कानों में अलग-अलग ध्वनियों के लक्षण बताते हैं।

4 सांस लेने में तकलीफ

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन के अनुसार कई मामलों में, एस्पिरिन की अधिक मात्रा से श्वसन संकट हो सकता है, जिसमें तेजी से सांस लेना, सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ हो सकती है।

5 मेटाबोलिक एसिडोसिस

एस्पिरिन की अधिक मात्रा शरीर में एसिड-बेस के संतुलन को बाधित कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप मेटाबोलिक एसिडोसिस नामक स्थिति होती है। लक्षणों में तेजी से सांस लेना, भ्रम, हृदय गति में वृद्धि और सुस्ती शामिल हो सकते हैं।

ये भी पढ़े- Skin Fasting : शहनाज़ हुसैन बता रहीं हैं मानसून से पहले क्यों जरूरी है स्किन फास्टिंग

  • 145
लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख