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बुखार देता है आपके शरीर में किसी भी गड़बड़ी के पहले संकेत, समझिए क्‍यों आता है बुखार

बुखार आपके शरीर में होने वाली गड़बड़ी की पहली सूचना देता है। जानिए कब आपको इसे बिल्‍कुल भी नजरंदाज नहीं करना है।
उतनी ही एक्टिविटी करें जितने की आपका शरीर अनुमति दोता है। चित्र : शटरस्टॉक
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बुखार शरीर के तापमान में वृद्धि है और यह आमतौर पर संक्रमण के कारण होता है। शरीर का सामान्य तापमान लगभग 37 डिग्री सेल्सियस (96-98.6 F) होता है। साथ ही, दिन और रात के दौरान इसमें मामूली उतार-चढ़ाव भी हो सकता है। बुखार आने पर इसमें 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़त देखी जा सकती है।

वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण से उत्पन्न बुखार प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित रसायनों के कारण होता है। हल्के बुखार के ज्यादातर मामले एक-दो दिन में ही सुलझ जाते हैं। मगर, 42.4 डिग्री सेल्सियस (107 F) या उससे अधिक का बुखार, विशेष रूप से बुजुर्गों में, स्थायी रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।

बुखार के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे:

बीमार महसूस करना
अचानक ठंड लगना
शरीर का तापमान बढ़ना
ज्यादा पसीना आना
कांपना
दांत किटकिटाना

बुखार आने की मूल वजह आमतौर पर संक्रमण है

बुखार का कारण आमतौर पर किसी प्रकार का संक्रमण होता है, जैसे:

वायरस – जैसे सर्दी या ऊपरी श्वास नलिका में संक्रमण।

बैक्टीरिया – जैसे टॉन्सिलिटिस, निमोनिया या मूत्र पथ के संक्रमण।

कुछ क्रोनिक बीमारियां – जैसे रुमेटाइड गठिया और अल्सरेटिव कोलाइटिस, जो बुखार का कारण बन सकता है। यह दो सप्ताह से अधिक समय तक रहता है।

कुछ ट्रॉपिकल डिजीज – जैसे कि मलेरिया और टाइफाइड के कारण हो सकते हैं।

बुखार आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। चित्र : शटरस्‍टॉक

हीट स्ट्रोक – इसके लक्षणों में से एक के रूप में बुखार (बिना पसीना वाला) शामिल है।

ड्रग्स – कुछ लोग विशेष दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में बुखार के लिए अतिसंवेदनशील हो सकते हैं।

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अगर आपको बुखार के बेहद हल्के लक्षण हैं, तो अपना इलाज कैसे करें:

अपने तापमान को नीचे लाने में मदद करने के लिए पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन लें।

बहुत सारे तरल पदार्थ लें, विशेष रूप से पानी पिएं।

शराब, चाय और कॉफी से बचें, क्योंकि ये पेय डिहायड्रेशन का कारण बन सकते हैं।

हाथ, पैरों और माथे पर पानी की पट्टियां रखें।

ठंडे स्नान या शॉवर लेने से बचें, ये आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

ठंड के कारण कंपकंपी भी हो सकती है, जो अधिक गर्मी पैदा कर सकती है।

सुनिश्चित करें कि आप खूब आराम करें, जिसमें बेड रेस्ट भी शामिल है।

जानिये कब है चिकित्सीय मदद की ज़रुरत?

माना कि बुखार एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसका खुद से ज्यादा दिनों तक इलाज नहीं करना चाहिए। इसलिए, ये समस्याएं आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं

घरेलू उपचार या दवाओं के बावजूद आप तीन दिनों के बाद भी बुखार से पीड़ित हैं।

आपका तापमान 40 ° C से अधिक है।
आप कांप रहे हैं और अनायास हिल रहे हैं, या आपके दांत बज रहे हैं।

आपके शरीर का तापमान ज्यादा है, लेकिन पसीना नहीं आ रहा है। जैसे-जैसे समय बीत रहा है आप बीमार होते जा रहे हैं।

आपको असामान्य लक्षण हैं जैसे मतिभ्रम, उल्टी, गर्दन की जकड़न, त्वचा पर चकत्ते, तेजी से हृदय गति, ठंड लगना या मांसपेशियों में दर्द है।

भ्रमित और मदहोश महसूस करना।

ठंड लगना भी बुखार आने का लक्षण है. चित्र : शटरस्टॉक

हर बुखार का उपचार उसके कारणों पर निर्भर करता है

उदाहरण के लिए, पुरानी टॉन्सिलिटिस को टॉन्सिल (टॉन्सिल्लेक्टोमी) को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। वायरल बीमारियों के कारण होने वाले बुखार का एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि इन दवाओं का वायरस के खिलाफ कोई प्रभाव नहीं है।

हल्के जीवाणु संक्रमण के मामलों में, आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के बजाय अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को समस्या को संभालने की अनुमति देना सबसे अच्छा होता है।

इसलिए, बुखार को कभी भी नज़रंदाज़ न करें या हल्के में न लें, यह आपके लिए घातक साबित हो सकता है!

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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