हैंड हाइजीन के लिए जरूरी है सैनिटाइजर, पर दिवाली पर रहें कुछ चीजों से सावधान
दिवाली मिलने-मिलाने, खुशियां बांटने, उमंग और उत्साह का त्योहार है। अंधेरे पर रोशनी की विजय को प्रतीक रूप में मनाने के लिए प्रसिद्ध इस त्योहार पर हम प्रतिबंध के बावजूद पटाखे फोड़ते हैं। इससे सिर्फ पर्यावरण को ही नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य की भी बहुत नुकसान पहुंचता है। सांस और फेफड़ों की समस्या के अलावा, प्रदूषण शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम हर त्योहार को माइंडफुलनेस के साथ मनाएं। माइंडफुलनेस यानी त्योहार के उद्देश्य को समझकर उसे आडंबर और दुर्घटनाओं से बचाएं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ टिप्स (do’s and don’ts of diwali), जो आपको हेल्दी, हैप्पी और सेफ दिवाली मनाने में मददगार होंगे।
दिवाली, कोरोनावायरस और प्रदूषण
एक तरफ एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार गिर रहा है, वहीं दूसरी तरफ कोरोनावायरस के सबवैरिएंट की दस्तक भी बढ़ने लगी है। अभी हाल ही में पुणे, महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के बीक्यू 1 वायरस के एक मामले की पुष्टि हुई है।
ओमिक्रोन की संक्रमण दर इतनी तेज है कि जब तक आप अंदाजा लगाएंगे, तब तक आप अपने आसपास के लोगों को भी इससे संक्रमित कर चुके होंगे। जबकि बढ़ता वायु प्रदूषण श्वास संबंधी समस्याओं और एलर्जी के मामलों में बढ़ोतरी कर रहा है। दिवाली के दौरान किसी तरह की दुर्घटना न हो, इसलिए जरूरी है कि आप दिवाली के उत्सव के दौरान ज्यादा सचेत रहें।
जानिए इस दिवाली आपको क्या करना है और क्या नहीं (Do’s & Don’ts of Diwali)
1 काेविड गाइडलाइन का पालन करें
हाल में ओमिक्रोन के नये वैरिएंट के पुणे में पाए जाने की वजह से समूचे देश में हड़कंप मच गया। सरकार ने एहतियात के लिए कोरोना प्रतिबन्ध का पालन करने को कहा है। क्योंकि नया वैरिएंट बेहद संक्रामक है। कोरोना की आशंका को देखते हुए हम भीड़ वाली जगहों पर न जाएं। यदि किसी से मिलना हो, तो 2 गज की दूरी बनाये रखें। घर से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
2 पटाखे न जलाएं
यदि महानगरों में रह रही हैं, तो फायर क्रैकर का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। यदि आप नहीं करेंगी, तो बच्चे भी फायर क्रैकर से होने वाले नुकसान और प्रदूषण तथा पर्यावरण की महत्ता समझ पायेंगे।
यदि छोटे शहरों में रह रही हैं, तो नियम का पालन करते हुए सीमित संख्या में पटाखे जलाएं। जिस स्थान पर बच्चे पटाखे जला रहे हैं, वहां 2 बकेट पानी जरूर रखें। इससे किसी भी प्रकार की अनहोनी होने पर तुरंत पानी डाला जा सकेगा।
3 फर्स्ट एड बॉक्स तैयार रखें
कभी-कभार मिटटी के दिए जलाने पर भी अनहोनी हो जाती है। इसलिए फर्स्ट ऐड बॉक्स तैयार रखें। यदि कोई ज्यादा जल गया है, तो साफ़-सुथरे कॉटन शीट में लपेटकर उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाएं।
4 आग से सैनिटाईज़र को दूर रखें
कोरोना महामारी के बाद से सेनिटाइजर का प्रयोग बहुत बढ़ गया है। त्योहार में भी सैनिटाइजर से हाथ को सैनिटाइज़ जरूर करें। लेकिन यह बात ध्यान में रखें कि केमिकल की मौजूदगी के कारण सैनिटाइजर बहुत अधिक ज्वलनशील होता है। जहां कहीं भी दीया जल रहा हो या पटाखे जलाये जा रहे हों, उस स्थान से सैनिटाइजर को बहुत दूर रखें।
5 धुएं और शराब से परहेज करें
कई लोगों को धुएं से एलर्जी होती है। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे लोग धुएं के पास जाने से परहेज करें। किसी भी प्रकार के रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम वाले लोग घर के अंदर रहें।
लंबे वीकेंड के साथ जब त्योहार आता है, तो लोग ज्यादा ही पार्टी मूड में आ जाते हैं। मगर पार्टी का मतलब नशे में धुत हो जाना नहीं है। अगर आप अल्कोहल के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हैं, तो बेहतर होगा कि आप ऐसी पार्टियों से परहेज करें।
6 पौष्टिक खाएं स्वस्थ रहें
अक्सर हम त्योहार के नाम पर खूब तली-भुनी चीज़ें खा लेते हैं। जम कर मिठाइयां ले लेते हैं। फिर त्योहार खत्म होने पर हाई बीपी, हाई शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापा से परेशान होने लगते हैं। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।
यही संदेश है दीपावली से पहले आने वाले त्योहार धनतेरस का। याद रखें कि असंतुलन ही हमारे स्वास्थ्य और पूरे जीवन को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए त्योहार के अवसर पर सुस्वादु व्यंजन का अवश्य मजा लें, लेकिन संतुलन के साथ। स्वाद के साथ भोजन की पौष्टिकता बरकरार रहे। तभी त्योहार मजेदार और शांति-सुकूनदायक होगा।
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