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डार्क यूरीन और हर समय की थकान हो सकते हैं लिवर की बीमारी के संकेत, पहचानिए इसके लक्षण

आजकल लोगों के जीवनशैली में हुए बदलाव, जैसे की खराब और गलत खानपान, शराब का अत्यधिक सेवन, मोटापा आदि लिवर को बीमार कर रहे हैं।
चावल के आटे में मौजूद कोलीन की मात्रा लिवर को हेल्दी बनाए रखने में मदद करती है। चित्र- अडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 10 Dec 2023, 11:00 am IST
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लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो पेट के दाहिने और रिब्स के अंदर स्थिर होता है। यह हमारे शरीर के सभी फंक्शंस को सही से कार्य करने में सहायता करता है। साथ ही यह खाद्य पदार्थों के पाचन में मदद करता है और टॉक्सिक पदार्थों को बॉडी से बाहर निकलता है। आजकल लोगों के जीवनशैली में हुए बदलाव, जैसे की खराब और गलत खानपान, शराब का अत्यधिक सेवन, मोटापा आदि लिवर को बीमार कर रहे हैं। वहीं बेहद कम उम्र में ही लोगों में लिवर संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही हैं, जैसे कि “फैटी लीवर” (fatty liver)। आज के समय में यह एक बेहद आम बीमारी बन चुकी है।

लिवर संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज न करें, क्योंकि इससे संबंधी बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है लिवर स्वास्थ खराब होने के संकेत की उचित जानकारी होना। ऐसे ही कुछ संकेत जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मेडिकवर हॉस्पिटल, नवी मुंबई के लिवर ट्रांसप्लांटेशन और एचपीवी सर्जरी के डायरेक्टर डॉक्टर विक्रम राऊत से बात की। उन्होंने लिवर के प्रभावित होने पर नजर आने वाले कुछ आम संकेत बताएं हैं (liver disease signs), तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।

लिवर खराब होने पर नजर आ सकते हैं ये संकेत (liver disease signs)

1. थकान

यह निश्चित नहीं हैं कि लीवर की क्षति के कारण थकान कैसे होती है, लेकिन यह लीवर की बीमारी का एक सामान्य लक्षण है। आमतौर पर लिवर फंक्शन के प्रभावित होने पर व्यक्ति की नियमित कार्य क्षमता प्रभावित होती है, और वे कम समय में थक जाते हैं।

ज्यादा थकान हो सकती है लिवर की बीमारी के संकेत। चित्र : शटरस्टॉक

2. जी मचलना और बीमार महसूस करना

लिवर संबंधी समस्या होने पर लीवर सही तरीके से कार्य नहीं कर पाता, ऐसे में खाद्य पदार्थों से या अन्य माध्यम से शरीर में प्रवेश करने वाले टॉक्सिंस को फिल्टर करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में ब्लड फ्लो में टॉक्सिक पदार्थों का निर्माण बढ़ है। ब्लड में टॉक्सिंस के बढ़ने से जी मचलने की समस्या होती है, और व्यक्ति बीमार महसूस करता है।

3. मल की रंगत में बदलाव आना

मल को गहरा रंग बाइल साल्ट द्वारा दिया जाता है, जो सामान्य रूप से लीवर द्वारा प्रोड्यूस किए जाते हैं। यदि मल पीला है, तो यह लिवर या बाइल जूस ड्रेनेज सिस्टम के प्रभावित होने के संकेत हो सकते हैं। काला बासी मल एडवांस्ड लीवर डिजीज के संकेत होते हैं। काला मल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक से ब्लड के पास होने की वजह से देखने को मिलता है। इस स्थिति में शरीर को फौरन इलाज की आवश्यकता होती है।

आखें पीली पद गयी हैं तो इसपर फ़ौरन गौर करें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. आंख और त्वचा का पीला पड़ना

पीलिया रक्त में बिलीरुबिन (एक पित्त वर्णक) के निर्माण के कारण होता है क्योंकि लिवर इन्हें प्रभावी ढंग से फ़िल्टर नहीं कर पाता। इस कारण केवल आंख एवं त्वचा की रंगत में बदलाव नहीं आता, बल्कि त्वचा में असहनीय खुजली का अनुभव भी हो सकता है।

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5. स्पाइडर नेवी (त्वचा पर छोटी मकड़ी के आकार के वेंस नजर आना)

स्पाइडर नेवी एक लाल बिंदु की तरह दिखती है जिसके केंद्र से मकड़ी के पैरों की तरह रक्त वाहिकाएं निकलती हैं। हालांकि, यह स्वस्थ महिलाओं में आम हो सकते हैं, लेकिन जब यह शरीर के ऊपरी आधे हिस्से में या पुरुषों में बड़ी संख्या में नजर आए, तो यह किडनी के बीमारी का एक संकेत है।

6. आसानी से चोट लगना

जब आपका लिवर फंक्शन प्रभावित होता है तो इसकी ब्लड को क्लॉट करने की क्षमता कम हो जाती है, जिसकी वजह से थोड़ी सी चोट लगने पर भी प्रभाव अधिक नजर आता है। वहीं छोटी सी खरोच भी अत्यधिक खून निकलने का कारण बनती है।

7. हथेलियों का लाल पड़ना

लिवर सिरोसिस से पीड़ित लगभग एक चौथाई लोगों में पामर एरिथेमा विकसित होता है। इस स्थिति में बिना किसी वजह के आपकी हथेलियों की त्वचा काफी ज्यादा लाल नजर आने लगती। यदि आपकी हथेलियों पर भी यह संकेत नजर आ रहा है, तो इसे भूलकर भी नजर अंदाज न करें। फौरन डॉक्टर से मिले और जांच करवाएं।

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डार्क यूरिन को सकते हैं खतरे की निशानी। चित्र : एडॉबीस्टॉक

8. डार्क यूरिन

पेशाब का रंग गहरा नारंगी, एम्बर, कोला रंग या भूरा होना लिवर की बीमारी का संकेत हो सकता है। अधिक बिलीरुबिन के निर्माण के कारण व्यक्ति को पीले या गहरे रंग का पेशाब होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका लवर इसे सामान्य रूप से तोड़ने में असमर्थ हो जाता है। यह स्थिति दर्शाती है, कि आपके लवर का फंक्शन बिगड़ चुका है, और इसे विशेष देखभाल की आवश्यकता है।

9. पेट में सूजन आना (ascites)

पेट में सूजन आने को जलोदर भी कहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेट में तरल पदार्थ बने रहते हैं। फ्लूइड और वॉटर रिटेंशन की वजह से पेट के साथ-साथ पैरों में भी सूजन देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपके लिवर की फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है या बंद हो जाती है। इसलिए इस स्थिति को नजरअंदाज न करें।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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