ये 7 संकेत बताते हैं कि आप प्रीडायबिटिक लेवल पर पहुंच रही हैं, भूलकर भी न करें नजरअंदाज
डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के आंकड़ें बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं स्थिति को देखते हुए भारत को डायबिटीज का कैपिटल कहा जाने लगा है। डायबिटीज के बढ़ते मामलों ने भारतीय लाइफस्टाइल और खानपान पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है जिसका उत्तर हम सभी को देना होगा। डायबिटीज के मरीजों के बढ़ते आकड़ें का सबसे बड़ा कारण लापरवाही और जानकारी की कमी है। कई व्यक्ति ऐसे होंगे जिन्हे डायबिटीज (Diabetes) के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी, यदि डायबिटीज के शुरूआती लक्षणों (early signs of diabetes) को पहचान जांच करवा लिया जाए तो इसे नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
डायबिटीज या प्री डयबिटीज की स्थिति में नजर आने वाले शुरूआती लक्षण लगभग सामान्य होते हैं। आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानें डायबिटीज के कुछ आम शुरुआती संकेत (diabetes symptoms)।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल में सलाहकार एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ स्नेहा कोठारी से बात की। डॉक्टर ने डायबिटीज में नजर आने वाले कुछ आम लक्षणों पर बात की है साथ उन्होंने इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करने की सलाह दी है।
यहां हैं डायबिटीज के कुछ शुरुआती संकेत (early signs of diabetes)
1. बार-बार यूरिन पास करने की इच्छा होना
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार बार-बार पेशाब आना डायबिटीज के प्रमुख संकेतकों में से एक है। जब ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है, तो आपकी किडनी को एक्सेस ग्लूकोज से छुटकारा पाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में शरीर से अतिरिक्त शर्करा को बाहर निकालने के लिए किडनी अधिक यूरिन का उत्पादन करती है। इस प्रकार, आपको बार-बार बाथरूम जाने की आवश्यकता हो सकती है।
2. मुंह सुखना और अधिक प्यास लगना
ड्राई माउथ, अत्यधिक प्यास और फ्रिक्वेंट यूरिनेशन एक दूसरे से जुड़े होते हैं। यदि आपको बार-बार प्यास लग रही है और आपको बार-बार पेशाब जाने की आवश्यकता पड़ रही है, तो यह शरीर द्वारा पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं होने का संकेत हो सकता है।
3. हीलिंग क्षमता का कम होना
डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में ब्लड शुगर लेवल हाई होता है। यह स्थिति शरीर की घावों को ठीक करने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती है। वहीं इस संकेत को देखने के बाद भी अपने डायबिटीज का चेकअप नहीं कराया है तो यह आपके लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।
मधुमेह तंत्रिका क्षति का कारण बन सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार क्षतिग्रस्त नसों के साथ, यह महसूस करना कठिन हो जाता है की शरीर के कौन से हिस्से में कट, खरोंच या छाले हैं। वहीं जब घाव का पता नहीं होता तो इसे हील करने के लिए शरीर उचित ढंग से रिस्पॉन्स भी नहीं कर पाती।
4. देखने में कठिनाई होना
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार डायबिटीज से पीड़ित कुछ लोगों को अपनी दृष्टि में समस्या दिखाई देती है, इसलिए उन्हें नेत्र चिकित्सक के पास जाना पड़ता है। जांच के बाद, उन्हें पता चला कि यह कोई आंख की समस्या नहीं है। धुंधलापन, रौशनी की कमी या काले धब्बे दिखना डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
5. मूड स्विंग्स होना
इंसुलिन एक हार्मोन है जो एस्ट्रोजेन, टेस्टोस्टेरोन और हंगर हार्मोन – लेप्टिन और घ्रेलिन के समान है। जब आपका शरीर इंसुलिन का उत्पादन या उपयोग करना बंद कर देता है, तो आपके हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन और अवसाद हो सकता है।
स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना, ब्लड शुगर के स्तर को कम करना, और डायबिटीज की देखभाल प्राप्त करना, ये सभी आपके मूड स्विंग को नियंत्रित और संबोधित करने में मदद कर सकते हैं।
6. क्रेविंग्स का बढ़ना
मधुमेह कई कारणों से भोजन की लालसा उत्पन्न कर सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार डायबिटीज में हार्मोनल असंतुलन के कारण अवसाद की स्थिति उत्त्पन हो सकती है और मूड में बदलाव के कारण आप मिठाई जैसे आरामदायक खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित होती हैं। हो रहे हार्मोनल बदलाव आपके हंगर हार्मोन के संतुलन को भी बिगाड़ देते हैं, जिससे जंक फूड की क्रेविंग्स हो सकती है।
इसके अतिरिक्त, इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण आपको कार्ब्स और मिठाइयों की लालसा हो सकती है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को तुरंत बढ़ा देती हैं। यदि आप अचानक से तीव्र भोजन की लालसा का अनुभव कर रही हैं – विशेष रूप से मिठाइयों के लिए – तो जितनी जल्दी हो सके आपको अपनी ब्लड शुगर लेवल की जांच करानी चाहिए।
7. ड्राई स्किन और इचिंग की समस्या
खराब रक्त परिसंचरण के साथ-साथ, डायबिटीज में ब्लड शुगर का बढ़ता स्तर आपकी त्वचा को अत्यधिक ड्राई और इचि बना सकता है। ऐसे में त्वचा पर लाल चकते दिखाई देते हैं और त्वचा बेहद संबेदनशील हो जाती है।