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स्वाद और खुशबू ही नहीं, सेहत के लिए भी फायदेमंद है गरम मसाले का इस्तेमाल, जानिए इसे घर पर बनाने का तरीका

मार्केट में उपलब्ध मसालें मिलावटी हो सकते हैं। साथ ही इन्हें बनाने में इस्तेमाल हुई सामग्री की गुणवत्ता की जानकारी हमें नहीं होती। इन सभी असुविधाओं से बचने के लिए क्यों न इस बार घर पर ही तैयार करें गर्म मसाला।
स्वाद और चटपटापन बढ़ाने के लिए शिकंजी मसाला इस्तेमाल किया जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 25 Feb 2023, 11:00 am IST
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खाने में यदि गरम मसाला न पड़ा हो तो, आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लें खाने का स्वाद फीका सा लगता है। गरम मसाला व्यंजनों में स्वाद और फ्लेवर ऐड करने के साथ ही कुछ स्वास्थ्य लाभ भी जोड़ता है। इसे बनाने में कई तरह के मसालों का इस्तेमाल होता है। इस तरह उन सभी के पोषक तत्व इस एक मसाले में मिल जाते हैं। लेकिन ऐसा बाज़ार के पैक्ड मसालों में नहीं होता। चुनने और पीसने तक उनमें कई तरह की लापरवाही का जोखित रहता है। तो चलिए इस बार खुद तैयार करते हैं ऑर्गेनिक गरम मसाला।

आजकल ज्यादातर लोग मसाले बाहर से ही खरीद कर काम चलाते हैं। पर मेरी मम्मी अब भी घर पर खड़े मसालों से खुद गरम मसाला तैयार करती हैं। इस मसाले की सुगंध न केवल बाजार के मसाले से अलग होती है, बल्कि कम मात्रा में भी यह व्यंजनों पर भरपूर स्वाद भर देता है।

इसकी वजह है बाजार में मौजूद गरम मसाले का मिलावटी होना। जिनका सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होने की जगह सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए मेरी मम्मी हमेशा घर पर गरम मसले तैयार करती है। इसे बनाना बहुत आसान है। कभी कभार तो मैं भी इसे आराम से तैयार कर लेती हूं। तो चलिए जानते हैं घर पर किस तरह तैयार करना है गरम मसाला (How to prepare garam masala at home)। साथ ही जानेंगे इसका सेवन सेहत के लिए कैसे है फायदेमंद।

इन सभी असुविधाओं से बचने के लिए क्यों न इस बार घर पर ही तैयार करें गर्म मसाला। चित्र एडॉबीस्टॉक।

गरम मसाला बनाने के लिए आपको चाहिए (garam masala ingredients)

साबुत धनिया (coriander)
सौंफ के बीज (fennel seeds)
जीरा साबुत (cumin)
काली मिर्च साबुत (black paper)
दालचीनी (cinnamon)
जायफल (nutmeg)
तेज पत्ता (Bay leaf)
जावित्री (mace)
लौंग (clove)
चक्र फूल (star anise)
बड़ी इलायची (black cardamom)
छोटी इलायची (green cardamom)

यहां है घर पर गरम मसाला तैयार करने का स्टेप बाय स्टेप तरीका

सभी खड़े मसालों को एक बड़ी से प्लेट में निकाल लें। अब देखें कि कहीं इनमें किसी प्रकार की गन्दगी, कंकड़, इत्यादि तो नहीं हैं।

पुराने मसालों का इस्तेमाल न करें क्योंकि इनमे फंगी और कीड़े-मकौड़े लगने की सम्भावना अधिक होती है। वहीं नए मसालों को भी अच्छी तरह से जांच लेना जरुरी है।

फिर इन मसालों को धूप में कम से कम 2 दिनों तक अच्छी तरह सुखाएं। सनलाइट में सुखाने के बाद इसे मसाले के रूप में तैयार करने से पहले ड्राई रोस्ट कर लें।

ध्यान रहे कि मसालों को लाल नहीं करना है। हल्की आंच पर केवल 3 से 4 मिनट तक ही रोस्ट करना है। उसके बाद इन्हे कुछ देर ठंडा होने के लिए रख दें।

रोस्ट किये हुए इन मसालों में से जायफल निकाल लें और उसे अलग से कूट कर छोटे- छोटे टुकड़े कर लें।

फिर बाकी सभी खड़े मसाले एवं जायफल को ब्लेंडिंग जार में डालें और इन्हें एक साथ अच्छी तरह पीस लें।

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जब मसालें पाउडर बन जाएं, तो इन्हें छननी से छानें और बचे हुए मसाले के टुकड़ों को दोबारा पीसें।

आपका गरम मसाला तैयार है, इसे किसी एयर टाइट जार में स्टोर करके रख लें।

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आपका गरम मसाला तैयार है, इसे किसी एयर टाइट जार में स्टोर करके रख लें। चित्र: शटरस्टॉक

स्वाद और खुशबू ही नहीं, सेहत को ये 10 फायदे देता है गरम मसाले का इस्तेमाल

1. धनिया

धनिया में पर्याप्त मात्रा में विटामिन और मिनिरल पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन के का एक बेहतरीन स्रोत है। इसमें मौजूद विटामिन के हड्डियों के साथ दिल की सेहत को बनाये रखता है।

2. जीरा

जीरा पाचन क्रिया को संतुलित रखने के साथ ही बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से।होने वाले सेल डैमेज के प्रभाव को कम कर देते हैं। साथ ही इसे हाई ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारी में कारगर माना जाता है।

3. दालचीनी

दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है। वहीं इसे वेट लॉस से लेकर खून में बढ़ते शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में कारगर माना जाता है। इसके साथ ही इसका सेवन मेटाबोलिज्म को बूस्ट करता है और पेट पर जमी एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में मदद करता है।

4. लौंग

लौंग में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन के, पोटाशियम और बीटा कैरोटीन मौजूद होते हैं। यह सभी पोषक तत्व सेहत के लिए महत्वपूर्ण हैं। वहीं यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और शरीर पर होने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर देता है। जिस वजह से सेल्स डैमेज और बिमारियों के बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।

लौंग इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं , चित्र: शटरस्टॉक

5. सौंफ

फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन C, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, पोटेशियम, विटामिन E, सेलेनियम, आयरन, विटामिन K, एंटीऑक्सिडेंट जैसे पॉलीफेनोल और एनेथोल जैसे कार्बनिक यौगिक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत है। इसका सेवन पाचन क्रिया को संतुलित रखने के साथ आंख और लिवर की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। वहीं यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है और वेट लॉस में मदद करता है।

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6. इलायची

इलायची में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसका सेवन हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में फायदेमंद होता है। रिसर्च की माने तो इलायची में मौजूद प्रॉपर्टी शरीर को कैंसर और ट्यूमर से लड़ने के लिए तैयार करती हैं।

7. जायफल

जायफल में विटामिन ई, विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीज, मैग्निशियम, जिंक, कॉपर, फास्फोरस और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं। वहीं इसकी एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी संक्रमण से लेकर कैविटी और मसूड़ों में सूजन पैदा करने वाले जर्म्स से प्रोटेक्ट करती है।

8. जावित्री

जावित्री में मैक्लिग्नन कंपाउंड पाए जाते हैं। साथ ही जावित्री एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-कैंसर, और एंटीडायबिटिक प्रॉपर्टी से युक्त होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल के प्रभाव से बचाते हैं।

काली मिर्च का सेवन आपको रखेगा स्वस्थ। चित्र: शटरस्टॉक

9. काली मिर्च

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर काली मिर्च शरीर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से प्रोटेक्ट करती है। फ्री रेडिकल्स दिल से जुड़ी बीमारियों से लेकर इन्फ्लेमेशन, प्रीमेच्योर एजिंग और कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं।

10. तेज पत्ता

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती हैं। ऐसे में हमारे दिल की सेहत बनी रहती है। वहीं यह पाचन क्रिया और डायबिटीज की स्थिति में भी कारगर होती है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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