Isabgol for Digestive issues : पार्टी और ओवरईटिंग से पेट का हो गया है बुरा हाल, तो इन 6 तरीकों से इसबगोल आएगा काम
पाचन तंत्र का प्रभाव हमारे हार्ट हेल्थ और मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है। इसलिए पाचन तंत्र का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए फाइबर बहुत जरूरी है। साइलियम हस्क या इसबगोल भूसी एक नेचुरल पोलीमर है। यह प्लांटैगो ओवाटा फोरस्क पौधे के सीड्स से निकाली गई एपिडर्मल लाइनिंग होती है। यह फाइबर और म्यूसिलेज से भरपूर होता है। म्यूसिलेज एक कलरलेस जेलिंग एजेंट है। यह अपनी मात्रा में विस्तार करने में सक्षम है। क्योंकि यह अपने वजन से 40 गुना तक पानी अवशोषित कर सकता है। इसलिए इसबगोल डायजेस्टिव सिस्टम को तंदुरुस्त रख सकता है। आइये जानते हैं इसबगोल कैसे पाचन तंत्र (Isabgol for Digestive System) को मजबूत बनाता है।
1 बोवेल मूवमेंट को कैसे ठीक करता है इसबगोल (Isabgol for bowel movement)
नर्मदे आयुर्वेदम पंचकर्म केंद्र, उज्जैन के डॉ. प्रज्ञान त्रिपाठी कहते हैं, ‘इसबगोल में एल्बुमिन, ग्लोब्युलिन, प्रोलामिन जैसे प्रोटीन मौजूद होते हैं। फ़ूड एंड न्यूट्रिशन जर्नल के शोध के अनुसार, इसका उपयोग पारंपरिक रूप से दवा के रूप में किया जाता रहा है। इसके कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले गुणों के कारण दवा उद्योग में भी इसका उपयोग किया जा रहा है।
यह हार्ट डिजीज के खतरे को भी कम करता है। लैक्सेटिव होने के कारण यह कब्ज दूर करने वाली दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है। पाइल्स या एनस की सर्जरी होने पर यह विशेष रूप से मरीजों को प्रयोग के लिए दिया जाता है। इससे स्टूल मुलायम होने और बोवेल मूवमेंट में मदद मिलती है।’
2 गट हेल्थ पर इसबगोल का प्रभाव (How does Isabgol benefit gut health)?
कई अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि साइलियम कब्ज से राहत देता है। जब इसे पानी के साथ मिलाया जाता है, तो यह कई गुना फूल जाता है। इसकी बहुत अधिक मात्रा आंतों को सिकुड़ने के लिए उत्तेजित करता है। यह पाचन तंत्र के माध्यम से बोवेल मूवमेंट को तेज करने में मदद करता है। एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में साइलियम का व्यापक रूप से लैक्सेटिव के रूप में उपयोग किया जाता है। यह इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम को भी ठीक करता है।
3 कब्ज का आसान उपचार है इसबगोल (Isabgol for constipation)
नर्मदे आयुर्वेदम पंचकर्म केंद्र, उज्जैन के डॉ. प्रज्ञान त्रिपाठी कहते हैं, ‘स्वस्थ जीवन बनाए रखने के लिए इसबगोल के कई फायदे हैं। यदि अनुशंसित खुराक में लिया जाए तो यह कुछ स्थितियों के लिए सुरक्षित और प्रभावी है।
इसबगोल बिना फरमेंट हुए बोवेल में जेल जोड़ता है। यह लयूब्रिकेटिंग एजेंट के रूप में कार्य करता है।इससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज वाले रोगियों के मल में नमी लाता है। यह बोवेल मूवमेंट की राह आसान बनाता है।’
4 दस्त और उल्टी रोकने में भी मददगार है इसबगोल (isabgol for Diarrhea and Vomiting)?
डॉ. प्रज्ञान त्रिपाठी के अनुसार, इसबगोल कोलन परमीबीलिटी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइन खाली करने के समय को धीमा करने में भी मदद करता है। यह गुण दस्त या फ्लूइड स्टूल से परेशान लोगों को राहत दिलाता है।
5 इरिटेबल बोवेल को शांत करता है इसबगोल (Isabgol for irritable bowel syndrome)
इसबगोल की खुराक सूजन, आंत के रोग, इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम और अल्सरेटिव कोलाइटिस के प्रबंधन में भी मदद कर सकती है। आंतों में इसबगोल फाइबर के एनएरोबिक फर्मेंटेशन के कारण मेटाबोलाइट्स का प्रोडक्शन होता है।इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं।
यह ब्यूटिरिक एसिड की एंटीनोप्लास्टिक गतिविधि को प्रतिबंधित करता है। इसलिए यह कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में भी फायदेमंद है।
6 कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल करता है इसबगोल (Isabgol for High Cholesterol)
इसबगोल के सोलुबल और इनसोलूबल फाइबर कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन और सीरम कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। इसतरह यह हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
कैसे करें इसबगोल का उपयोग (How to use Isabgol)?
अध्ययनों से पता चलता है कि सीमित मात्रा में इसबगोल की भूसी की प्रतिदिन खुराक शरीर के लिए बढ़िया है। खुराक के बारे में आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें। यदि पर्याप्त फ्लूइड के अभाव में इसका सेवन किया जाए, तो यह बाद में सूज जाता है। यह गले या अन्नप्रणाली को अवरुद्ध कर सकता है। यह आंतों में रुकावट का कारण बन सकता है।
इसबगोल को हमेशा पर्याप्त मात्रा में पानी या किसी अन्य तरल पदार्थ के साथ लेना चाहिए। अगर किसी को निगलने में परेशानी हो या गले से जुड़ी कोई समस्या हो तो उसे इसबगोल का सेवन नहीं करना चाहिए। ध्यान दें कि यह आहार में कार्बोहाइड्रेट अवशोषण को कम कर सकता है।
यह भी पढ़ें :- Black Turmeric for Joint Pain : जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकती है काली हल्दी, जानिये इस्तेमाल का सही तरीका