लॉग इन

Guru Purnima : आप हैं अपने बच्चे की पहली गुरू, इन 5 लाइफ लेसन्स के साथ करें उसे जीवन के लिए तैयार

मां बच्चे को चलना सिखाती है। वह बच्चे की पहली गुरु बनकर उसमें कुछ विशेष आदतें विकसित कर सकती है। ये 5 विशेष आदतें या बातें जीवन भर उसका मार्गदर्शन कर सफलता के पथ पर बच्चे को अग्रसर कर सकती है।
मां बचपन में कई ऐसे पाठ याद करा देती है, जो व्यक्ति को सफलता पाने के लिए बहुत जरूरी होता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 3 Jul 2023, 12:54 pm IST
ऐप खोलें

मां जीवन देती है। बच्चे के जन्म के साथ ही उसका सिखाना (Learning Lessons) शुरू हो जाता है। वह बिना सहारे के चलना सिखाती है। जब बच्चा गिरता है, तो वह थाम लेती है। इसके साथ ही वह कई ऐसे पाठ याद करा देती है, जो व्यक्ति को सफलता पाने के लिए बहुत जरूरी होता है। मां बच्चे की पहली गुरु होती है। उसकी शिक्षा या उसका सिखाया हुआ जीवन के पूरे सफर में व्यक्ति का मार्गदर्शन करती रहती है। यदि आप मां हैं, तो अपने बच्चे में ये 5 आदतें जरूर डालें। इन 5 बातों (5 life lessons) के साथ वह सफलता जरूर हासिल करेगा।

गुरु पूर्णिमा 2023 (Guru Purnima 3 July 2023)

गुरु पूर्णिमा शिक्षक और छात्रों के बीच बोन्डिंग के उत्सव का प्रतीक है। इस अवसर पर अपने जीवन के सभी गुरुओं के प्रति आभार प्रकट किया जाता है। यह भारत, नेपाल और भूटान में त्योहार के रूप में मनाया जाता है। मां किसी भी व्यक्ति की पहली गुरु होती है। मां की सिखाई बातों से ही व्यक्ति हर परिस्थिति का सामना कर सफल होता है।

एक मां होने के नाते अपने बच्चे को जरूर सिखाएं ये 5 बातें, ताकि वह जीवन में सफल और संवेदनशील बन सके (5 life lessons)

1 दूसरों की मदद करना (Helping Others)

मां बच्चे के पालन-पोषण के लिए कई त्याग करती है। यह देखकर बच्चा भी बड़ा होकर दूसरे इंसान के प्रति दयालु और मददगार होना सीखता है। कई शोध बताते हैं कि माइंड को स्ट्रांग बनाने के लिए दूसरों की मदद करना बहुत जरूरी है।मां दूसरों के प्रति सम्मान, दया, साहस, ईमानदारी, आत्म-अनुशासन, दृढ़ता, करुणा और कई अन्य मूल्यों को प्रदर्शित करती है।

बच्चों में इन मूल्यों को स्थापित करके वह बच्चों को हर नकारात्मक सामाजिक प्रभाव से बचाती है। ये नैतिक मूल्य बच्चे को सही और गलत के बीच अंतर समझने और समाज में सकारात्मक योगदान देने का आधार भी तैयार करते हैं।

2 आत्म-जागरूकता और आत्मविश्वास (Self awareness and Confidence)

जब कभी बच्चा क्लास कि पढ़ाई में बच्चा असफल होता है, तो मां असफल होने के बावजूद खुद पर विश्वास करना सिखाती है। वह यह कहती है कि कठिन से कठिन कार्य मेहनत के बल पर कर सकते हो। यह विश्वास बच्चों को सीखने और मेहनत करने की इच्छा पैदा करती है। बच्चे में आत्म-जागरूकता और आत्मविश्वास का भाव पैदा होता है। ये दोनों भावनाएं आगे सफलता हासिल करने में मददगार साबित होती हैं।

मां असफल होने के बावजूद खुद पर विश्वास करना सिखाती है। चित्र :अडोबी स्टॉक

3 प्रोडक्टिविटी बढ़ाना (Teaches to Increase Productivity)

मां कहानियां सुनाती हैं। बातों ही बातों में वह महापुरुषों के संघर्ष और उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात बताती है। वह शब्दों और प्रतीकों कि मदद से इशारा कर बहुत कम उम्र से ही बच्चे की विभिन्न गतिविधियों में रुचि को प्रोत्साहित करता है। उनकी हर तरह की जिज्ञासा को शांत कर उनकी रूचि की एक्टिविटी की तरफ बच्चे को मोड़ती है। इससे मां न सिर्फ बच्चे में हर विषम परिस्थिति से संघर्ष करने का माद्दा प्रदान करती है। बल्कि रचनात्मक कार्यों से जोड़ कर उनकी प्रोडक्टिविटी को भी बढ़ाती है

4 सफलता के लिए लगातार तैयारी (Continuous Preparation for Success)

सफलता एक दिन में नहीं मिल सकती है। मां धीरे-धीरे कदम बढ़ाना, चलना और दौड़ना सिखाती (5 life lessons) है। पहले कदम से शुरुआत करने पर ही जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है। सफलता रातोरात नहीं मिलती। लगातार बिना थके तैयारी करनी पड़ती है। इस बीच असफलता भी मिल सकती है। मां असफलताओं से बिना डिगे अपनी इच्छित सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार तैयारी करते रहने की सीख देती है। मां के रूप में बच्चे को अपनी दृष्टि मंजिल पर केंद्रित करने कहें, जिन्हें वे प्राप्त करना चाहते हैं। तभी अवसर और सफलता दरवाजे पर दस्तक देगी

मां  सफलता पाने के लिए धीरे-धीरे कदम बढ़ाना, चलना और दौड़ना सिखाती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

5 कड़ी मेहनत (Work Hard to get Success)

सफलता के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। ‘चुटकियों में बन सकते हैं अमीर।’ इस तरह कि कोई योजना नहीं होती है। महानता हासिल करने के लिए मां के रूप में आप बच्चे के चरित्र का सही निर्माण करें। इसके लिए उसे कड़ी मेहनत करना सिखाएं। साथ ही, टेक्नोलॉजी के युग में बच्चे को स्मार्ट तरीके से काम करना भी सिखाना होगा। साहसिक कदम उठाना सिखायें।

यह भी पढ़ें :-Lactose Intolerance : मेरी मम्मी कहती हैं कि लैक्टोज इनटोलिरेंस व्यक्ति दही से ले सकते हैं पोषण, जानिए इस पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

अगला लेख