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मिडिल एज में ज्यादा शराब पीना है ओल्ड एज में डिमेंशिया को दावत देना, जानिए कैसे

अल्कोहल का अधिक सेवन करने से मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। जानते हैं कैसे अल्कोहल डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा देता है?
शराब पीने से डिमेंशिया होने का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 8 Mar 2024, 19:00 pm IST
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अल्कोहल कई शारीरिक समस्याओं को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। यह शरीर के साथ-साथ मेंटल हेल्थ पर भी बुरा प्रभाव डालता है। कुछ शोध और समीक्षाओं में भी शराब के ब्रेन हेल्थ पर प्रभाव डालने की बात कही गई है। शोध बताते हैं कि यह डिमेंशिया के जोखिम को भी बढ़ा देता है। जो लोग बहुत अधिक शराब पीते थे, उनमें मनोभ्रंश विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक थी जो कम मात्रा में शराब पीते थे। जानते हैं शराब कैसे मस्तिष्क पर प्रभाव (Alcohol and the risk of dementia) डालता है।

अल्कोहल मस्तिष्क को कैसे नुकसान पहुंचा सकती है (Alcohol and the risk of dementia)?

अल्कोहल लेने से मस्तिष्क के सफेद पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है। यह मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों के बीच संकेतों को संचारित करने में मदद करता है। इससे मस्तिष्क के कार्य करने के तरीके में समस्या पैदा हो सकती है। लंबे समय तक बहुत अधिक (प्रति सप्ताह 14 यूनिट से अधिक) शराब का सेवन मेमोरी में शामिल मस्तिष्क के हिस्सों को सिकोड़ सकता है।

विटामिन बी1 या थियामिन की कमी (Vitamin B1 or Thiamine) 

प्रति सप्ताह 28 यूनिट से अधिक शराब पीने से लोगों की उम्र घटने के साथ-साथ सोचने के कौशल में तेजी से गिरावट आ सकती है। लंबे समय तक भारी मात्रा में शराब पीने से विटामिन बी1 या थियामिन की कमी और वर्निक-कोर्साकॉफ सिंड्रोम (Wernicke-Korsakoff syndrome ) भी हो सकता है। यह सिंड्रोम शार्ट टर्म मेमोरी को प्रभावित करता है।

ब्रेन डिसऑर्डर (Alcohol cause brain disorder) 

शराब से संबंधित मस्तिष्क क्षति (Alcohol-related brain damage) एक ब्रेन डिसऑर्डर है, जिसके कारण वर्निक-कोर्साकॉफ सिंड्रोम और डिमेंशिया दोनों हो सकता है। यह कई वर्षों तक नियमित रूप से बहुत अधिक शराब पीने के कारण होता है।

शराब पीने से ब्रेन डिसऑर्डर हो सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

शराब और डिमेंशिया का खतरा (Alcohol and the risk of dementia)?

इसके पर्याप्त सबूत हैं कि अत्यधिक शराब के सेवन से व्यक्ति में डिमेंशिया विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। विश्व अल्जाइमर रिपोर्ट 2014, अमेरिका का नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस गाइडेंस और लैंसेट कमीशन 2018 ने शराब की खपत और डिमेंशिया के विकास पर कई शोध अध्ययनों को संयोजित किया।

इनके आधार पर शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि शराब न पीने की तुलना में अत्यधिक शराब पीने से व्यक्ति में मनोभ्रंश का खतरा बढ़ जाता है। इसके अनुसार, शराब का सेवन जितना संभव हो उतना कम किया जाना चाहिए, विशेष रूप से मिडिल ऐज में। इससे उम्र से संबंधित स्थितियों जैसे कमजोरी और डिमेंशिया के विकास के जोखिम (alcohol and the risk of dementia) को कम किया जा सकता है।

 कम करने के उपाय (tips for cutting down on alcohol and wine)

यदि आप नियमित रूप से शराब पीती हैं, तो इसे कम मात्रा में और रिकमेंड की गई सीमा के भीतर पीने का प्रयास करें।

अपने लिए सप्ताह में पिए शराब की सीमा निर्धारित करें। इस बात पर नज़र रखें कि आप कितना पी रही हैं।
प्रत्येक सप्ताह कई शराब-मुक्त दिन मनाएं।
कम-अल्कोहल या अल्कोहल-मुक्त पेय या छोटे आकार के पेय आज़माएं।

पीने की लत को घटाने के लिए अल्कोहल मुक्त ड्रिंक पीएं। चित्र : अडॉबी स्टॉक

कोला, पानी या जूस जैसे नॉन-अल्कोहल ड्रिंक 

कोला, पानी या जूस जैसे नॉन-अल्कोहल ड्रिंक को वैकल्पिक करने का प्रयास (alcohol and the risk of dementia) करें।
अपने दोस्तों और परिवार को बताएं कि आप कटौती कर रही हैं और वे इसे कम करने में उनकी मदद करें। इससे कम पीना आसान हो सकता है, खासकर सामाजिक आयोजनों में।
स्वयं को प्रेरित करने के लिए विशेष डेट और घटनाओं का लाभ उठाएं। उदाहरण के लिए, आप नए साल में कम पीने का संकल्प ले सकती हैं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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