शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं, तो सुखी और तनावमुक्त दांपत्य जीवन के लिए इन 5 बातों को गांठ बांध लें
शादी, का यह रिश्ता पति – पत्नी दोनों के लिए किसी बड़े परिवर्तन से कम नहीं है। मगर महिलाओं के लिए शादी के बाद खुद को नए वातावरण में ढालना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। यह उनके लिए शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि शादी के बाद कुछ महीने सब कुछ बहुत अच्छा चलता है और फिर अचानक से जिम्मेदारियों का पहाड़ टूट पड़ता है। या आपसी समंजस्य बैठाने में मुश्किलें आने लगती हैं। कई बार मामूली झगड़े इतने बढ़ जाते हैं कि रिश्ता टूटने की नौबत आ जाती है।
इसमें कोई शक नहीं कि शादी का पहला साल सबसे कठिन होता है। इसलिए, यहां कुछ बातें हैं, जो आपको अपने रिश्ते को बनाए रखने में मदद करेंगी।
1 नए बदलावों को स्वीकार करें
भारतीय घरों में शादी के बाद लड़कियों का घर बदलता है। ऐसे में आपको अपने ससुराल के माहौल में ढलने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि हर घर के तौर तरीके अलग होते हैं। शादी के बाद आप सिर्फ पत्नी नहीं रहती हैं, बल्कि किसी की बहु, तो किसी की भाभी बनती हैं। इसलिए अपने परिवार वालों की मदद से नए वातावरण में खुद को बिना किसी झिझक के ढालें।
2 बढ़ती ज़िमीदारियों के बीच धीरज से काम लें
धीरज रखना अच्छे संबंधों को बनाए रखने की कुंजी है। शादी के बाद यदि आप वर्किंग हैं, तो जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आपको ऑफिस और घर के काम काज के बीच में समंजस्य स्थापित करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, धीरज बनाए रखें और सबके साथ से घर के कामों को बांट लें।
3 फ़ाइनेंस को अच्छे से मैनेज करें
अब पति – पत्नी दोनों वर्किंग हैं, ऐसे में घर के खर्चों में कौन कितना हांथ बंटाएगा इस बात पर वाद- विवाद भी हो सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि पहले इस विषय पर खुलकर बात करें। आपसी समझ से घर के खर्चों का हिसाब लगाएं और एक दूसरे का बराबरी से हाथ बंटाएं।
4 दोनों परिवारों को बराबर समय देने की कोशिश करें
शादी करने का मतलब है कि आपके पास अब दो परिवार हैं। अब आपके फैसलों में दोनों परिवार भी शामिल होंगे। लेकिन इसका सबसे कठिन हिस्सा यह है कि आपको दोनों परिवारों को बराबर समय देना होगा। यह कठिन हो सकता है, मगर इतना मुश्किल भी नहीं है, आखिर दोनों आपके ही परिवार हैं।
5 खुद के लिए समय निकालना न भूलें
नवविवाहित जीवन की जिम्मेदारियों को निभाते और सबका ख्याल रखते – रखते आपको यह लग सकता है कि अब ”मेरा कोई खुद का अस्तित्व बचा नहीं है।” इसलिए, इन सब के बीच खुद को वक़्त देना बहुत ज़रूरी है। अपने आप के लिए समय ज़रूर निकालें। यह आपके मानसिक और शरीर स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।
यह भी पढ़ें : International Men’s Day : जी हां, पुरुष भी भावुक होते हैं, जानिए क्या होती हैं एक रिश्ते में उनकी अपेक्षाएं
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें