हम एक ऐसे समाज में पले-बढ़े हैं, जो पुरुष प्रधान रहा है। बचपन से ही हमें बहुत सारे लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उस पर पुरुषों के अपराध से भरे आंकड़े। ये सब मिलकर कई बार हमें पुरुषों के प्रति कठोर बना देता है। पर हम यह कैसे भूल सकते हैं कि हमारे बहुत करीबी रिश्तों में कुछ पुरुष भी हैं। खासतौर पर जब बात पार्टनर की आती है, तो आपको उनके प्रति थोड़ा नर्म होना होगा। साथ ही यह भी समझना होगा कि एक रिश्ते में उनकी क्या अपेक्षाएं हो सकती हैं।
मर्द को दर्द नहीं होता, मर्द कभी रोते नहीं हैं, सब मर्द एक जैसे होते हैं … ऐसे ही बहुत सारे डायलॉग आपने फिल्मों में और अपने आसपास भी सुने होंगे। मगर यकीन कीजिए सारे पुरुष इन्हीं चंद डायलॉग में नहीं सिमटाए जा सकते। कुछ वाकई भावुक होते हैं और भावनात्मक संबल भी बनते हैं।
जब डेटिंग, प्यार या रिश्तों की बात आती है, तो हर जगह सिर्फ महिलाओं और उनकी भावनाओं की ही बात होती है। मगर पुरुषों का क्या? उनकी भी अपनी पार्टनर से कुछ इच्छाएं और अपेक्षाएं होती हैं। जिसे हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं या समझना नहीं चाहते। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज़्यादातर पुरुष अपनी भावनाओं को उतने अच्छे से व्यक्त नहीं कर पाते जितना कि महिलाएं कर पाती हैं।
कभी पिता, कभी भाई तो कभी पति के रूप में पुरुषों पर जिम्मेदारियों का बोझ लाद दिया जाता है। क्योंकि हम सभी यह मानते हुए बड़े हुए हैं कि “मेंस आर ऑल्वेज़ स्ट्रॉन्ग!” (Men’s are always strong) मगर यह सच नहीं है। उनकी भी भावनाएं होती हैं और उन्हें भी संवेदनशील होने का अधिकार है।
इसलिए, आज इंटरनेशनल मेंस डे (International Men’s Day) के अवसर पर हम आपको उन अपेक्षाओं को समझने में मदद करेंगे, जो अमूमन पुरुष अपनी पार्टनर स्त्री से करते हैं।
ज़्यादातर पुरुष अपनी चिंताओं और भावनाओं को खुलकर कह नहीं पाते। आपने अक्सर देखा होगा कि वह क्या महसूस कर रहे हैं, या किस बात को लेकर चिंतित हैं, इसका ज़िक्र नहीं करते हैं। इसलिए उन्हें एक साथी के रूप में एक ऐसी महिला की जरूरत होती है, जो उनकी अनकही भावनाओं को भी समझने की कोशिश करे। जो उन्हें कम्फर्टेबल फील कराए जिसके साथ वे बेझिझक सब कुछ साझा कर सकें।
पुरुषों को ऐसी महिलाओं की आवश्यकता होती है, जो अच्छी श्रोता हों और उन पर ध्यान दें। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब वे कुछ निजी बात करना शुरू करते हैं, तो उन्हें अपनेपन का अहसाह होना चाहिए।
ऐसा नहीं लगना चाहिए कि आप उन पर ध्यान नहीं दे रही हैं। इन सब की वजह से ऐसा भी हो सकता है कि वे कभी कुछ साझा ही न करें। इसलिए, जब वे कुछ बताएं तो उनकी बातों को सुनें, हो सके तो सुझाव दें और उन्हें टोकें नहीं।
पुरुषों को सामान्य रूप से सम्मान की आवश्यकता होती है। विशेष रूप से जब डेटिंग और रिश्तों की बात आती है। अधिकांश पुरुषों को एक ऐसी महिला की आवश्यकता होती है, जो उन्हें सराहे, छोटी-छोटी बातों पर उन्हें अलग न महसूस करवाए।
सबसे महत्वपूर्ण यह कि किसी के प्रति सम्मान की भावना अंदर से आती है। इसलिए इसका दिखावा करने की कोशिश न करें। आपको बस यह समझना होगा कि रिश्ते में एक-दूसरे की रेस्पेक्ट करना ज़रूरी है।
किसी भी रिश्ते में स्पेस बहुत ज़रूरी होता है। आपको यह समझना होगा कि उनकी अपनी भी एक अलग पहचान है। इसलिए उन्हें, अपने मेल फ़्रेंड्स के साथ घूमने जाने दें, उनके काम, उनकी पसंद और नापसंद का सम्मान करें और स्वीकार करें। रिश्ते में बंधने का मतलब कैद होना नहीं है।
भरोसा किसी भी रिश्ते की नींव है। इसलिए अगर आप एक प्रेम संबंध में हैं, तो उन पर भरोसा करना सीखें। अगर वह किसी लड़की से भी बात कर रहें हैं, तो उन पर बिना वजह सवाल न उठाएं। जब आप उन पर भरोसा करेंगी, तो उन्हें यह अहसास होगा कि वे भरोसा करने लायक हैं और एक अच्छे इंसान हैं।
तो लेडीज, पुरुषों को समझना इतना मुश्किल भी नहीं है। बस उन्हें एक मौका देने की ज़रूरत है। इसलिए इन बातों का ध्यान रखें और उन्हें दिल से समझने की कोशिश करें।
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