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Mother’s Day 2022 : एक मां के मानसिक स्वास्थ्य का उसके बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है

सबका ख्याल रखने एक लिए कुछ का ख्याल रखान भी बहुत ज़रूरी है इसलिए, खुद की देखभाल करें खुद को प्राथमिका दें, क्योंकि यही आपके और आपके परिवार की ज़रूरत है।
बच्चे का ख्याल रखने के अलावा अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल भी रखें। चित्र : शटरस्टॉक
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कोई भी रिश्ता माता-पिता और उनके बच्चे के बीच के रिश्ते से बढ़कर नहीं है। माता-पिता और बच्चों को बांधने वाले जैविक और मनोवैज्ञानिक संबंध बच्चे के शारीरिक और भावनात्मक विकास का आधार होते हैं। एक बच्चे का स्वस्थ विकास उसके माता-पिता पर निर्भर करता है, खासकर मां पर। क्योंकि मां ही बच्चे का समग्र रूप से पालन पोषण करती है।

ऐसे में यदि मां शारीरिक और मासिक रूप से स्वस्थ होगी, तभी बच्चे का समग्र विकास संभव है। मगर असल जिंदगी इतनी सुलझी हुई नहीं होती है – यहां किसी मूवी की तरह परफेक्ट परिवार नहीं होता है। शायद यही समय है कि हमें मांओं को परफेक्शन की मूरत नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि गलतियां सबसे होती हैं और इंसान को गलतियां न करने के लिए गिल्टी महसूस नहीं करना चाहिए।

घर परिवार में आर्थिक कठिनाई, तलाक, या बीमारी जैसी कई समस्याएं आ सकती हैं – जो यकीनन बच्चों के विकास पर असर डाल सकती हैं।

अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें। चित्र-शटरस्टॉक.

बच्चों को प्रभावित कर सकती है मॉम्स की मेंटल हेल्थ

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रेवेंशन के अनुसार जिन बच्चों का बचपन सकारात्मक वातावरण में बीतता है उन बच्चों के जीवन की सकारात्मक गुणवत्ता की संभावना अधिक होती है। उनके घर, स्कूल और अपने समुदायों में अच्छी तरह से कार्य करने की संभावना अधिक होती है। माता-पिता और बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य कई तरह से जुड़ा हुआ है। माता-पिता जिनके पास अपनी मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियां हैं, जैसे कि अवसाद या एंग्जाइटी, उन्हें बच्चों को पालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

ऐट ईज़ की मुख्य मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ऋचा वशिष्ठ ने साझा किया, कि “बढ़ते तनाव के कारण, कई माताएं वर्तमान में कई मनोवैज्ञानिक समस्याओं जैसे चिंता, घबराहट के दौरे, सांस लेने में कठिनाई, अचानक धड़कन बढ़ना और असहायता की बढ़ती भावना से पीड़ित हैं। पिछले डेढ़ साल माताओं के लिए कठिन रहा है। वे किसी को अपनी समस्या के बारे में बताती भी नहीं हैं – कई लोग अपने करियर के साथ-साथ अपने घर की देखभाल भी करते हैं। इससे उनकी मानसिक स्थिति पर असर पड़ा है।”

यदि आप भी एक मां हैं और आपका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो ये टिप्स आपके काम आ सकती हैं

खुद के लिए समय निकालें

अपनी मूल भूत जरूरतों के लिए समय ज़रूर निकालें। जैसी समय पर खाना, सोना काम करना। अपने बच्चे के साथ भी अपना टाइम अच्छे से मैनेज करें और जो समय फोन में बर्बाद हो जाता है उसे भी बचाएं।

खुद के लिए समय निकालें. चित्र : शटरस्टॉक

अपनी मेंटल हेल्थ के लिए ब्रेक लें

मां को भी छुट्टियां अलाउड हैं! हर किसी को अपनी मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने के लिए एक ब्रेक चाहिए होता है। ठीक इसी तरह आप भी खुद के लिए ब्रेक लें। उस दिन अपनी किसी दोस्त से मिलने जाएं, या अपनी पसंदीदा मूवी देखें या फिर जर्नल लिखें।

खुद पर दयावान रहें

यदि आपका मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं है, तो खुद को ब्लेम न करें। यह न सोचें कि आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। जिस भी समस्या से आप जूझ रही हों, बस खुद को थोड़ा वक़्त दें और ज़रूरत पड़ने पर चिकित्सीय मदद लें।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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