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आधी रात में नींद खुलने की समस्या है, तो 6 टिप्स फॉलो कर ले सकती हैं साउंड स्लीप

वर्क प्रेशर या लाइफस्टाइल के कारण रोज रात में आपकी नींद खुल जाती है, तो पार्टनर को बॉडी मसाज के लिए कहें। इसके अलावा, और भी कई टिप्स हैं, जो आपको 8 घंटे की नींद दिला सकते हैं।
Updated On: 29 Oct 2023, 08:21 pm IST
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jyada sona madhumeh ka karan ban sakta hai.
अधिक सोने से हैंगोवर को कम करने में मदद मिल सकती है। चित्र : शटरस्टॉक

शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए जिस तरह संतुलित भोजन और रोजाना एक्सरसाइज की जरूरत है, उसी तरह मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए रात में 8 घंटे की नींद (8 hour sleep) बेहद जरूरी है। इन दिनों लाइफस्टाइल बदल जाने के कारण हम रात में अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं। रात में सोने से पहले देर रात तक टीवी देखने, मोबाइल पर सर्च करते रहने तथा वर्क फ्रॉम होम के कारण हमेशा ऑफिस से जुड़े रहने के कारण ज्यादातर महिलाओं की बॉडी क्लॉक प्रभावित हुई है। इन वजहों से अगर आप भी रात में बेहतर नींद नहीं ले पातीं या आधी रात में जाग जाती हैं, तो आपकी मदद करने के लिए हम यहां हैं। जानिए रात भर अच्छी और गहरी नींद के लिए (tips to have sound sleep) कुछ आसान उपाय।

समझिए क्यों खुल जाती है आपकी नींद

इंसान का शरीर कोई भी चीज जल्दी सीख जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जिस तरह बचपन में हम बिना अलार्म लगाए हुए भी सुबह 4 बजे (बचपन में वैसी आदत डाली गई थी) जग जाते थे, ठीक उसी तरह लगातार वर्षों से देर रात तक जगे रहने के कारण हमारी बॉडी ने वैसा ही रहना सीख लिया है।

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फिर जब हम बेड पर जाते हैं, तो न्यूरोट्रांसमीटर बॉडी में स्लीप हॉर्मोन की बजाय वेक अप हॉर्मोन को एक्टिव कर देते हैं और हम स्लीप  इनसोम्निया (Sleep Insomnia) यानी अनिद्रा के शिकार हो जाते हैं। वर्क प्रेशर होने के कारण थोड़ी देर सोने के बाद बीच रात में किसी निश्चित समय पर हम जग जाते हैं और दोबारा सो नहीं पाते हैं। रात में नींद न आने की समस्या को ठीक करने के बारे में हमने बात की नोएडा के एसआरएस हॉस्पिटल की कंसल्टेंट साइकोलॉजिस्ट डॉ. आभा सिंह से।

एकमद से ठीक नहीं होता स्लीप एपनिया

डॉ. आभा ने बताया कि स्लीप इनसोम्निया को इंस्टैंट ठीक नहीं किया जा सकता है। लंबे समय तक अभ्यास करते रहने से यह समस्या दूर हो सकती है। यदि हम लंबे समय तक कंप्यूटर-लैपटॉप पर काम करने, टीवी, मोबाइल से एंटरटेन होने केे बाद जब बेड पर जाते हैं, तो उन गैजेट्स पर शेयर की गई सारी बातें हमारे दिमाग में चलती रहती हैं।

हमारा दिमाग रिलैक्स होने की बजाय स्ट्रेसफुल हो जाता है। सोने से 1-2 घंटे पहले सगे-संबंधियों से टेलिफोनिक कन्वर्सेशन भी दिमाग को परेशान कर देता है। फिर हमें नींद नहीं आती है।

नींद नहीं आने से डिप्रेशन, एंग्जाइटी, एक्टिव न होना आम बात है। अच्छी नींद लेने के लिए हमें स्वयं को जागरूक करना होगा। सोने से पहले टीवी, मोबाइल से दूर रहकर सोने का पैटर्न चेंज करना होगा।

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अच्छी नींद के लिए हम इन 6 टिप्स को फॉलो कर सकते हैं

1 बढ़िया किताबें पढ़ें या लाइट म्यूजिक सुनें

कभी-भी ऑफिस वर्क, डेडलाइन को अपने ऊपर हावी न होने दें। ऑफिस आवर के बाद उस चैप्टर को बंद कर दें। ऑफिस की बातों पर मंथन करने की बजाय पढ़ने की आदत डालें। सोने के 1-2 घंटे पहले किताबें पढ़ें।

प्रेरणादायी या हल्की-फुल्की कहानियां हमारे दिल और दिमाग दोनों को रिलैक्स कर देती हैं। सोने से पहले सूदिंग म्यूजिक सुनना भी फायदेमंद साबित होता है।

2 चैंटिंग इम्पैक्ट :

हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी या फिर अपनी किसी भाषा में मंत्रोच्चार करने से मन और दिमाग दोनों शांत होते हैं। बार-बार किसी एक मंत्र को दोहराने से माइंड को कॉन्सनट्रेट करने में मदद मिलती है। हमारा दिमाग रिलैक्स होकर गहरी नींद में जाने की प्रक्रिया की ओर बढ़ता है।

3 योग निद्रा या शवासन हो सकता है मददगार :

सोने से पहले कुछ योगासन बताए जाते हैं, जिसमें सबसे अधिक कारगर योगनिद्रा है। शवासन यानी पीठ के बल लेट जाएं। मन और दिमाग में आ रहे विचारों को इग्नोर करें, ताकि वे दोबारा आपके पास न आएं। 15-20 मिनट तक योग निद्रा करने से मन व दिमाग दोनों शांत होता है। कभी-भी सोने से पहले बहुत अधिक एक्सरसाइज न करें। एक बात का ध्यान रखें कि योगनिद्रा के साथ-साथ सोने के दौरान कभी-भी टाइट कपड़ों का प्रयोग न करें। ढीले-ढाले कपड़ाें में ही सोएं।

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4 गर्म दूध लें :

सोने से पहले गर्म दूध का सेवन बढ़िया होता है। साथ ही मसल्स को आराम देने और स्ट्रेस दूर करने में सहायक मैग्नीशियम को भी लिया जा सकता है। रोस्टेड काजू, बादाम आदि में मैग्नीशियम पाया जाता है। यदि सोने से 1-2 घंटे पहले स्नान की आदत है, तो पानी में मैग्नीशियम फ्लैक्स को मिलाया जा सकता है। इसे आपकी त्वचा अब्जॉर्ब कर सकती है। डॉक्टर की सलाह पर ही मैग्नीशियम लें।

5 शरीर की मालिश :

मालिश से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आता है। यह बॉडी को रिलैक्स करता है। किसी भी प्रकार के दर्द, डिप्रेशन और चिंता को खत्म कर नींद लाता है। यदि प्रोफेशनल व्यक्ति मौजूद न हों, तो पार्टनर से मालिश के लिए कह सकती हैं। यदि यह ऑप्शन भी मौजूद नहीं है, तो खुद से सिर, हाथ-पैर और कमर की मालिश करें। डिप्रेशन से मुक्त करने में मददगार लैवेंडर ऑयल को बॉडी पर अप्लाई किया जा सकता है।

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6 माइंडफुल मेडिटेशन :

दो-चार दिन में एक बार मेडिटेशन करने की बजाय अपनी आदत में माइंड फुल मेडिटेशन को शुमार कर लें। अनियमित रूप से मेडिटेशन करने का कोई फायदा नहीं है। यदि आप लंबे समय तक बैठ नहीं सकते हैं, तो सुबह या शाम में सिर्फ 15 मिनट करने का अभ्यास करें।

इसके दौरान अपनी सांस, शरीर, मन, विचार और भावनाओं का निरीक्षण करते रहना है। लंबे समय से अभ्यास करने पर मेडिटेशन तनाव को कम करता है, कॉन्सनट्रेशन बढ़ाता है और स्लीप पैटर्न में सुधार लाता है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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