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नकारात्मक भावनाओं को दबाएं नहीं, इन्‍हें संभालना सीखें, हम बता रहे हैं सबसे आसान तरीका

नाकारात्मक भावनाओं को लंबे समय तक दबाए रखना आपके मानकिस स्‍वास्‍थ्‍य और व्‍यक्तित्‍व के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप इन नकारात्‍मक विचारों से निपटना सीख जाएं।
भूख लगने पर गुस्सा आना । चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 15 Jan 2021, 12:59 pm IST
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आपके लिए सब कुछ सही हो सकता है, लेकिन निश्चित रूप से ऐसा समय आने वाला है जब प्रतिकूलता बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकती है। माफ कीजिए, हम आपको डरा नहीं रहे हैं, लेकिन यह वास्तविकता है। जीवन में ऐसे कई उदाहरण आएंगे जब आप तनाव और चिंता का अनुभव करेंगी। असल में ऐसा होना बिल्‍कुल सामान्‍य है।

बेशक, अनुभवों की मात्रा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होगी, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कोई भी नकारात्मक भावनाओं से बच नहीं सकता। वास्तव में, ऐसा भी हो सकता है कि बिना किसी कारण के हम इस तरह की भावनाओं से घिर जाएं।

हमेशा सकारात्मक रहना संभव नहीं है, लेकिन आप निश्चित रूप से खुश रहने के लिए नकारात्मक भावनाओं को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकती हैं। जब आप निगेटिव सोच से घिर जाती हैं, तो इसका यह मतलब नहीं है कि आप उदास या निराश महसूस करने लगें।

इसके बजाए, आप स्थिति को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने की कोशिश कर सकती हैं। इसमें आपकी मदद करने के लिए हम कुछ टूल्स लेकर आए हैं, जो इस समस्या का प्रबंधन करने में आपकी मदद करेंगे।

पर उससे पहले यह जानना जरूरी है कि नकारात्‍मक भावनाओं को लगातार दबाना कितना नुकसानदायक हो सकता है :-

अच्‍छे मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए नकारात्मक भावनाओं को दबाएं नहीं

ज्यादातर लोग नाकारात्मक भावनाओं से जूझते हैं, लकिन इससे निपटते नहीं हैं। इसका मतलब है कि वे इससे बचते हैं या अपनी भावनाओं को दबाते हैं। निश्चित रूप से यह सही दृष्टिकोण नहीं है। हमारे सामने भी ऐसे लोग जरूर आए होंगे जो अकसर उदास या निराश रहते हैं। लेकिन वे इससे अपने आप बाहर नहीं आ पाते।

नेगेटिव भावनाओं को समझना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

आपने उनसे इस बारे में बात करने की कोशिश की होगी, लेकिन वे आपको इसके बारे में कुछ भी नहीं बताते हैं। इसके बजाए वह ऐसा दर्शाते हैं, जैसे कि उन्हें कोई समस्या नहीं है। हो सकता है कि आपने भी कभी ऐसा किया हो।

अनदेखा करने से खत्‍म नहीं होती समस्‍याएं

हम यह अच्छी तरह जानते हैं कि हमारी समस्याओं को अनदेखा करने से, वे खत्म नहीं होती हैं और न ही लंबे समय तक हम अपनी भावनाओं को दबाकर रख सकते हैं। क्योंकि दिन के अंत होने तक अगर आप इससे बचने की कोशिश करते हैं, तो भी आपको इसका सामना करना पड़ेगा।

डैनियल वेगनर और उनके सहयोगियों (वेगनर, श्नाइडर, कार्टर, और व्हाइट, 1987) ने सीधे परीक्षण किया कि क्या लोग प्रभावी ढंग से एक सरल विचार को दबा पाएंगे। उन्होंने एक अध्ययन में प्रतिभागियों से पांच मिनट के लिए एक सफेद भालू के बारे में नहीं सोचने के लिए कहा, और ऐसा करने की स्थिति में एक घंटी बजाने के लिए।

निर्देश के अनुसार प्रतिभागी विचार को दबाने में असमर्थ थे, सफेद भालू उनके मन में दिखाई देते रहे, तब भी जब उन्हें इस बारे में सोचने से बचने का निर्देश दिया गया था।

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इसके अलावा, हमें नकारात्मक भावनाओं से खुद को विचलित करने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए। आप ऐसा सोच सकती हैं कि अपना पसंदीदा कार्यक्रम देखने या कुछ और करने से आपको इसमें मदद मिल सकती है, लेकिन इससे आपको सिर्फ थोड़े समय तक ही मदद मिल सकती है।

खुश रहने के लिए ये हो सकती है सर्वश्रेष्ठ रणनीति

सामान्य धारणा के विपरीत, आप हर समय खुश नहीं रह सकते। सकारात्मकता की झूठी भावना स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। जहां हम इन प्राकृतिक अवस्थाओं का अनुभव करने के लिए खुद को शर्मसार करते हैं और उन्हें नकारने की कोशिश करते है। या खुद को यह ढोंग करने के लिए मजबूर करते हैं कि हम सकारात्मक महसूस करते हैं, जबकि ऐसा नहीं है।

अपने आप को खुश रखना आपकी जिम्‍मेदारी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक, सेरी सिम्स के अनुसार, एक रणनीति है जो इस मामले में अच्छी तरह से काम करती है। इसे टीयर्स ऑफ होप (TEARS of HOPE) कहा जाता है। आपको जानना चाहिए कि असल में क्‍या इसका मलतब :

टीयर्स (TEARS)

T – Teach and learn.

इसका मतलब यह है कि खुले और आत्म-जागरूक होने के लिए, अपने मन और शरीर को बेहतर ढंग से समझें। आपको यह समझना चाहिए कि वे तनाव का जवाब कैसे देते हैं। ताकि जब आप ऐसी किसी भी स्थिति का सामना करें, तो आप उन संकेतों की व्याख्या करने में सक्षम हों जिन्हें आपका शरीर भेज रहा है।

E – Express and enable sensory and embodied experiences.

यह सब उत्सुक होने के बारे में है और ऐसे अनुभवों को लेकर खुलने के बारे में है जो आपके रास्ते में आते हैं। ये सकारात्मक या नकारात्मक दोनों हो सकते हैं।

A – Accept and befriend.

हताशा के लिए अपनी स्वयं की करुणा और सहनशीलता बढ़ाने पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

R – Re-appraise and re-frame.

यह इसलिए है ताकि आप चीजों को अलग तरीके से देखने के लिए एक दृष्टिकोण विकसित कर सकें।

S – Social support.

यह अपने प्रति थोड़ा अधिक करुणामय होने के बारे में है। जब आप रिश्तों में निवेश करते हैं।

प्रशंसा बहुत पॉजिटिव इफैक्‍ट डालती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अब समझते हैं कि HOPE क्‍या है

H – Hedonic well-being/happiness.

शोध के अनुसार, जब आप रिश्तों में निवेश करते हैं, तो सकारात्मक बनाम नकारात्मक भावनाओं के बीच 3 से 1 का अनुपात होना चाहिए।

O – Observe and attend to things.

निरीक्षण करें और चीजों में भाग लें।

P – Physiology and behavioral changes.

यह स्वयं को शांत करने के लिए खुद की देखभाल और श्वास अभ्यास पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में है।

E – Eudaimonia.

इसका अर्थ है जीवन में लक्ष्यों और प्रामाणिकता की भावना के लिए प्रयास करना।

तो लेडीज, उन नकारात्मक भावनाओं को बाहर आने दें, क्योंकि यह आपको और अधिक खुशी प्रदान करेगा!

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

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