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क्या आप भी कई बार हारा हुआ महसूस करते हैं? तो अपने आत्मविश्वास को इन 4 तरीकों से बढ़ाएं

हर किसी को अपने जीवन कभी मन की आलोचक का सामना करना पड़ता है। यदि आप भी उसी तरह की आलोचना से गुजर रहे है, तो उन विचारों को अनदेखा करने की कोशिश करने के बजाय उन्हें स्वीकार करें।
आत्म विश्लेषण एक ऐसा आईना है, जिसमें व्यक्ति अपने सार्म्थय से लेकर अपने अंदर छिपे हुनर और त्रुटियों की पहचान कर पाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 3 Feb 2024, 17:00 pm IST
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हमारे प्रोफेशनल और पर्शनल जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी तब होती है जब हम खुद पर विश्वास करना बंद कर देते हैं। चाहे वह कम आत्मसम्मान हो, आत्म-सीमित विश्वास हो, आत्मनिर्भरता की कमी हो, या हमारे कंफर्ट जोन से बाहर कुछ करने का डर हो, इनके परिणाम हमारे लिए हानिकारक ही होते है।

यदि आप अपने जीवन और कार्यों की जिम्मेदारी लेने में डिमोटिवेटीड महसूस करते हैं, तो आप या तो किसी और की उम्मीदों पर जी रहे हैं जो आपके लिए फैसले ले रहा है या आप किसी और पर निर्भर है या आप बस अपनी क्षमता पर विश्वास नहीं करते हैं।

सच्चाई यह है कि हमें अपने पूरे जीवन में खुद पर संदेह करने के लिए ट्रेन किया गया है। हममें कुछ खोने का एक अंतर्निहित डर है। आत्म-मूल्य और आत्मविश्वास का निर्माण करने के लिए हमें अपने डर और आत्म-संदेह को दूर करने के लिए खुद को फिर से तैयार करने की जरूरत है और ये कैसे करना है इसके तरीके हम आपको बताते है।

जानिए हम अपना आत्मविश्वास कैसे बढ़ा सकते हैं। चित्र : शटरकॉक

इस बारे में ज्यादा जानकारी दी सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से।

निराशा के बावजूद इस तरह बढ़ाएं अपना आत्मविश्वास (how to gain self confidence again)

1 नकारात्मक विचारों को स्वीकार करें और पहचानें

हर किसी को अपने जीवन कभी मन की आलोचक का सामना करना पड़ता है। यदि आप भी उसी तरह की आलोचना से गुजर रहे है, तो उन विचारों को अनदेखा करने की कोशिश करने के बजाय उन्हें स्वीकार करें। विचारों को पहचानें कि वे क्या हैं, इसमें अभ्यास की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन अंततः यह आपको उन आलोचनात्मक विचारों और जो वास्तव में सच क्या है के बीच जगह बनाने में मदद कर सकता है।

2 दूसरों से अपनी तुलना करना बंद करें

लोग हमेशा सोशल मीडिया पर अपना असली रूप नहीं दिखाते हैं। इसलिए जब आप अपना इंस्टाग्राम फ़ीड देख रहे हों, तो दूसरों से अपनी तुलना करने का प्रयास न करें। डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि आप अपनी तुलना एक कल्पना से कर रहे हैं, और इससे या तो अत्यधिक प्रयास करना पड़ेगा या निराशा होगी।

जब आप स्वयं को यह सोचते हुए पाते हैं कि आप कोई और होते, तो इस विचार से पीछे हटें और उन सभी चीज़ों के बारे में सोचें जो आपने हासिल की हैं। याद रखें, दूसरों की सफलताएं आपकी अपनी सफलताएं छीन नहीं लेतीं।


जब हम आत्म-सम्मान की कमी महसूस करते है, तो ऐसे दोस्तों औ परिवार के लोगों की जरूरत पड़ती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

3 सपोर्टिव लोगों के आसपास रहें

मदद करने वाले लोग, प्यार करने वाले व्यक्तियों का एक नेटवर्क बनाने से हमें एक ऐसा वातावरण मिल सकता है जो सकारात्मक भावनाओं को प्रोत्साहित करता है।

जब हम आत्म-सम्मान की कमी महसूस करते है, तो ऐसे दोस्तों औ परिवार के लोगों की जरूरत पड़ती है जो हमे ये याद दिलाते है कि हमे कितना प्यार और वैल्यु किया जाता है। एक अच्छा स्रोता तो आपकी मदद करने के लिए हमेशा आपको साथ है वो आपकी असुरक्षाओं को दूर करने में मदद करता है।

उन रिश्तों को प्राथमिकता दें जो आपको आगे बढ़ाते है, और उन लोगों के साथ बातचीत को सीमित करें जो आप पर सवाल करते हैं या आपके आत्म-सम्मान पर सवाल उठाते हैं।

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4 सेल्फ केयर है बहुत जरूरी

सेल्फ केयर रूटिन बनान बहुत महत्वपूर्ण है। भले ही आप अत्यधिक व्यस्त हों, आपको अपने दिन से कुछ मिनट निकालकर उन एक्टिविटी में शामिल होना चाहिए जो आपको शांति देती हैं। इसमें वॉक करना, अच्छी किताब पढ़ना या हेल्दी भोजन पकाना शामिल हो सकता है। इसके अलावा, आपको पर्याप्त मात्रा में नींद लेकर, सही डाइट लेकर अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। सेल्फ केयर रूटिन अपनाने से आपके आत्म-सम्मान पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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