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सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर आपको सबसे अलग-थलग कर सकता है, एक्सपर्ट बता रहे हैं इससे उबरने का तरीका

अगर आपको दोस्त बनाने, लोगों के साथ घुलने-मिलने या सामाजिक आयोजनों में शामिल होने पर घबराहट महसूस होती है, तो ये सभी सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर के संकेत हैं। इससे बाहर आना बहुत जरूरी है।
सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर, जिसे सामाजिक भय के रूप में भी जाना जाता है, सामाजिक स्थितियों का बार-बार होने वाला डर है। चित्र: शटरस्टॉक
संध्या सिंह Published: 30 Mar 2024, 17:00 pm IST
इनपुट फ्राॅम
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कई लोगों को समाज में निकलने या लोगों से बात करने में डर लगता है। कई लोग स्टेज में जाने से डरते है, भाषण देने से डरते है। इसमें लोगों को अपमान, नकारात्मक निर्णय या शर्मिंदगी का लगातार डर लगा रहता है। कई लोग आपने देखें होंगे की बहुत अंडरकॉन्फिडेंस होते है जिसके कारण वे समाज में किसी भी इंसान से बात करने से डरते है। ऐसे में कई लोग समाज नें कहीं निकलने से भी डरने लगते है ऐसा कई कारणों के कारण हो सकता है।

सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर क्या है

सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर, जिसे सामाजिक भय के रूप में भी जाना जाता है, सामाजिक स्थितियों का बार-बार होने वाला डर है। जहां एक व्यक्ति को अन्य लोगों के सामने जज किए जाने, आलोचना किए जाने या अपमानित होने का डर होता है।

इस डिसऑर्डर का अर्थ केवल कुछ परिस्थितियों में या भाषण देने के दौरान शर्मीला या घबराना नहीं है। यह सामान्य रोजमर्रा की स्थितियों में होता है, जैसे सार्वजनिक रूप से खाना, लोगों से मिलना, या कुछ काम करते समय देखा जाना। किसी व्यक्ति को लग सकता है कि वे स्वयं को अपमानित या शर्मिंदा करेंगे।

शर्मींदगी और जज किए जाने के डर के कारण सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर वाले लोग किसी भी सामाजिक स्थितियों से बचते हैं या उन्हें सीमित कर देते हैं, जिससे उनके व्यक्तिगत संबंधों पर असर पड़ सकता है, अकेलापन हो सकता है, स्कूल या काम में सफलता कम हो सकती है।

इस डिसऑर्डर का अर्थ केवल कुछ परिस्थितियों में या भाषण देने के दौरान शर्मीला या घबराना नहीं है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

इससे कैसे निपटना है इस बारे में जानने के लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डाॅ आशुतोष श्रीवास्तव से, आशुतोष श्रीवास्तव बताते है कि सोशल एंग्जाइटी को नकारात्मक सोच को चुनौती देकर और खुद को ट्रेन करके बचा जा सकता है।

सोशल एंग्जाइटी डिसऑर्डर से कैसे निपटें

अपने ट्रिगर्स को पहचानें

चाहे आप इंट्रोवर्ट है या एक्सट्रोवर्ट आपको अपने ट्रिगर्स को पहचानना चाहिए। इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि आपको कब और कहां एंग्जाइटी का अनुभव हो सकता है। सोशल एंग्जाइटी से छुटकारा पाने के तरीके को समझने का एक हिस्सा यह सीखना है कि कौन सी परिस्थितियां आपको गंभीर तनाव का अनुभव करा सकती हैं।

सोशल एंग्जाइटी के बारे में दिलचस्प और अक्सर निराशाजनक चीजों में से एक यह है कि यह हर व्यक्ति में एक ही तरह से मौजूद नहीं होती है। जो चीज़ आपकी एंग्जाइटी का कारण हो सकती है वह किसी और को परेशान नहीं कर सकती। यह पता लगाकर कि आप सबसे अधिक एंग्जाइटी कहां महसूस करते हैं, आप अपने डर पर काबू पाने के तरीके पर काम करना शुरू कर सकते हैं।

शराब के सेवन को कम करें

जब भी आप एंग्जाइटी महसूस करते है तो आप सोचते है कि शराब पीना एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि इससे आप सब भूल जाते हैं। आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि शराब आपको आराम देती है और आपको किसी सामाजिक चीजों से निपटने में मदद करती है।

लेकिन इसका सेवन करने से बहुत अधिक मात्रा एंग्जाइटी पैदा करने वाली हो सकती है। इसके अलावा अगर आप शराब या किसी अन्य पदार्थ का सेवन के इतने आदि हो सकते है कि आपको ये लग सकता है कि आप इसके बिना कुछ कर नहीं सकते हैं।

सोशल एंग्जाइटी के कारण व्यक्ति को हमेशा नकारात्मक रूप से आंके जाने की आशंका बनी रहती है। चित्र : एडोबी स्टॉक

बातचीत से परहेज करने से बचें

सामाजिक कार्यक्रमों में जाना लेकिन दूसरों के साथ अपनी बातचीत को कम रखने के तरीके ढूंढना वास्तव में आपकी सोशल एंग्जाइटी पर काबू नहीं पा रहा है। यदि आप किसी कार्यक्रम में शामिल होने के तरीके खोज रहे हैं लेकिन उसने ठीक से शामिल नहीं हो पा रहें है तो इसके बारे में आपको सोचने की जरूरत है।

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यह सच है कि आप दिखावा कर रहे हैं, लेकिन दूसरों से जुड़े बिना, आप अपनी सोशल एंग्जाइटी से नहीं निपट रहे हैं। यदि आप किसी से सच में नहीं जुड़ रहें है तो आप एक रिश्ते को गहरा होने से रोक रहें है।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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