इस दशहरा, इन 10 बुराइयों को हराकर खुद को बनाएं और भी बेहतर इंसान
दशहरा, जिसे विजया दशमी के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। बुराई सिर्फ बाहरी दुनिया तक ही सीमित नहीं है, हमें उन बुराइयों, या बुरी आदतों को भी दूर करने की जरूरत है, जिन्हें हमने खुद ही निमंत्रण दिया है। ताकि नकारात्मक परिणामों से बचा जा सके।
यह अजीब लग सकता है, लेकिन हम सभी में एक रावण है, और यह हर दिन एक विकराल रूप ले रहा है। यह रावण, हमारी बुरी आदतें हैं जो हमारे समग्र स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती हैं।
यह बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। इसलिए इस दिन आप भी कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे आप अपने जीवन में आने वाली बुराइयों पर विजय पा सकें।
तो इन 10 बुरी आदतों को छोड़ कर अपने अंदर की बुराई से छुटकारा पाएं:
1 गतिहीन जीवन शैली
लंबे समय तक बैठने या लेटे रहना और कोई व्यायाम न करना एक गतिहीन जीवनशैली को दर्शाता है। गतिहीन रहने से मधुमेह, मोटापा और यहां तक कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। एक गतिहीन जीवन शैली के प्रभावों को कम करने के लिए, अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएं।
2 शराब पीना
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के एक अध्ययन के अनुसार, बहुत अधिक शराब पीने से आपको जीवन में जल्दी दिल की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे उच्च रक्तचाप, हार्ट फेलियर या स्ट्रोक हो सकता है। शराब से बचना सबसे अच्छा है।
3 धूम्रपान करना
यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने का यह सही समय है। धूम्रपान से फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, ज्यादातर मामलों में धूम्रपान से फेफड़ों का कैंसर होता है।
4 हर बात के लिए हां कहना
क्या आपको लोगों को “नहीं” कहना मुश्किल लगता है? हम समझते हैं कि अपने आप को एक निश्चित स्थिति से बाहर निकालना कठिन है। फिर भी न कहना आपके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखने का सबसे अच्छा उपाय है।
5 नाश्ता छोड़ना
सुबह का नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण खाना होता है। प्रोसीडिंग्स ऑफ न्यूट्रिशन सोसायटी जर्नल में ऑनलाइन प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग नाश्ता नहीं करते, उनमें कैल्शियम, फाइबर और विटामिन और खनिजों जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए सुबह उठकर नाश्ता जरूर करें।
6 बहुत देर तक बैठे रहना
घंटों बैठे रहते हैं? खैर, शारीरिक निष्क्रियता गैर-संचारी स्थितियों से मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है। बैठने से न केवल आपके निचले शरीर पर दबाव पड़ता है, बल्कि यह रक्त परिसंचरण में भी बाधा डालता है। यही कारण है कि आप अपने शरीर के अंगों में सुन्नता महसूस करते हैं। इसके अलावा, यह आपकी रीढ़ की हड्डी में दर्द और पैरों और ग्लूट्स में कमजोरी पैदा कर सकता है।
इस समस्या से बचने के लिए बैठने के हर एक घंटे के बाद 2 से 5 मिनट के लिए थोड़ा टहलें। योग का अभ्यास करें और एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई कुर्सी पर बैठें।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें7 डिहाइड्रेशन
डिहाइड्रेशन को कम आंकना आपकी बहुत बड़ी भूल हो सकती है। चाहे वजन कम करना हो या समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखना हो, पानी से बेहतर कुछ भी नहीं है। हालांकि पानी खुद को हाइड्रेट रखने के लिए सबसे अच्छी चीज है। आप कुछ ऐसे पेय भी पी सकते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं जैसे कि नीम्बू पानी या फ्रूट स्मूदी।
8 सोने के समय से समझौता करना
नींद की कमी दिल की समस्याओं, मोटापा, अवसाद से लेकर प्रतिरक्षा और कम सेक्स ड्राइव जैसी कई बीमारियों को आमंत्रित करने का सबसे प्रमुख तरीका है। वास्तव में, सोने की खराब आदतें भी लोगों को अल्जाइमर रोग के खतरे में डाल सकती हैं, जर्नल करंट बायोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार बेहतर नींद के लिए नियमित व्यायाम करें, कैफीन से बचें और ध्यान का अभ्यास करें।
9 ओवरथिंकिंग
ओवरथिंकिंग यानी ज़्यादा सोचना, न केवल मानसिक रूप से थका देने वाला है, बल्कि यह आपके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी भारी पड़ता है। अपने अधिक सोचने पर पूर्ण विराम लगाने के लिए, प्रकृति के साथ कुछ समय बिताएं और पढ़ने की आदतों को अपनाएं।
10: इमोशनल ईटिंग
क्या आप खुद को पेंट्री में दौड़ते हुए पाते हैं जब आप लो फील कर रही होती हैं? जाने-अनजाने आराम के लिए भोजन की ओर मुड़ना सामान्य है, लेकिन इमोशनल ईटिंग से आपका वजन बहुत अधिक बढ़ सकता है।
भूख को नियंत्रित करने के लिए आप छोटे-छोटे कदम उठा सकती हैं। उदाहरण के लिए, तनाव से निपटने के तरीके खोजें। नियमित रूप से ध्यान करने की कोशिश करें, खाने की डायरी रखें और स्वस्थ भोजन करें।
तो इस दशहरा, ये हैं वो बुराइयां जिनका आपको नाश करना चाहिए!
यह भी पढ़ें – क्या सोशल मीडिया आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है? चलिए पता करते हैं