प्यारी सखियों, जीवन में इन 4 चीजों के लिए आपको माफी मांगने की कतई जरूरत नहीं है
क्या आप भी छोटी-छोटी बात के लिए माफी मांगने लगती हैं? यह सच है कि हम महिलाएं जरूरत से ज्यादा सॉरी बोलती हैं, क्योंकि हम चीजों की परवाह करते हैं। अपनी गलतियों की जिम्मेदारी लेना जरूरी है, लेकिन जहां आपकी गलती नहीं है वहां माफी मांगना जायज नहीं। सिर्फ बात बढ़ने से रोकने के लिए या दूसरों को बुरा न लगे इसलिए माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है।
आपके ऐसा करने से लोग, खासकर वो जिन्हें आप करीब मानती हैं, आपका फायदा उठाने लगते हैं। इसलिए हम आपको समझा रहे हैं जीवन की चार परिस्थियां जहां आपको माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है।
1. मना करने के लिए कभी माफी न मांगे
चाहें दोस्तों के साथ फिल्म देखने जैसी छोटी बात हो या किसी रिश्ते में आने से मना करने जैसा गम्भीर मुद्दा, आपके जीवन के निर्णय आपको ही लेने हैं। इसलिए कभी भी न कहने के लिए माफी मांगने की जरूरत नहीं है। यह आपका जीवन है और इसके निर्णय आप ही लेंगी। आपके जीवन में जो भी लोग हैं उन्हें यह समझने की जरूरत है कि न कहना आप का अधिकार है। इसके लिए कभी माफी न मांगे।
2. ‘मी टाइम’ के लिए माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं
जिंदगी में अक्सर ऐसा समय आता है जब आप सिर्फ अपने साथ होना चाहती हैं। चाहें ऑफिस के थकान भरे दिन के बाद या पार्टनर से झगड़े के बाद या यूं ही कभी आपको अकेले रहने का मन है तो इसमें कुछ गलत नही है। थोड़ा वक्त खुद के साथ बिताना आपको अपनी भावनाओं को समझने और सुलझाने का मौका देता है। अगर आपको मी टाइम चाहिए तो इससे किसी को शिकायत नहीं होनी चाहिए और इसके लिए माफी ना मांगे।
3. टॉक्सिक लोगों से दूर होने में कोई ‘सॉरी’ नहीं
चाहे पार्टनर हो, दोस्त या कोई रिश्तेदार, अगर आपको कोई व्यक्ति अपने जीवन के लिए टॉक्सिक लगता है तो उन्हें अपने जीवन से निकालने में दो बार भी सोचने की जरूरत नहीं है। आपका मानसिक स्वास्थ्य और शांति सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। न ऐसे लोगों से दूर जाने में क्षमाप्रार्थी हों न ही सफाई पेश करें।
4. आप जो हैं उसके लिए माफी क्यों मांगें?
जीवन के सफर में आपको बहुत से ऐसे लोग मिलेंगे जिन्हें आपका व्यक्तित्व नहीं भाएगा, जो आपमें कमी निकालेंगे। हो सकता है कि उन्हें आप बहुत बातूनी लगें, या बहुत शांत लगें, या बहुत शर्मीली लगें।
आप बहुत पतली हैं, बहुत मोटी हैं, बहुत लंबी हैं, बहुत छोटी हैं- इस तरह की बातों पर कभी ध्यान न दें। मायने सिर्फ यह रखता है कि आप जीवन में खुश हैं या नहीं। आप जैसी हैं, उससे खुश रहें। सिर्फ आप क्या सोचती हैं यह मायने रखता है।
तो लेडीज, इन चार बातों के लिए कभी माफी न मांगे और जीवन अपनी शर्तों पर जियें। खुद तय करें कि क्या सही है और क्या नहीं। आपका भला आपसे बेहतर कोई नहीं जानता।
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