लॉग इन

अकेलापन : सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल और भी बढ़ा देता है अकेलापन, जानिए इससे उबरने के 5 प्राकृतिक उपाय

लोगों की भीड़ में रहकर भी हम कभी-कभी बहुत अकेलापन महसूस करते हैं। अकेलापन से कई मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। मानसिक समस्याओं से बचने के लिए इन 5 तरीकों से अकेलापन से लड़ सकती हैं।
लंबे समय तक अकेलापन महसूस करने पर यह मानसिक स्थिति पर प्रभाव डाल सकता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 26 Aug 2023, 17:00 pm IST
ऐप खोलें

अकेलापन मन की एक स्थिति है। अकेलापन लोगों को ख़ाली, अकेला और बेकार महसूस कराता है। अकेले होने पर हम दूसरों का साथ चाहते हैं। अकेलापन के कारण एंग्जायटी, अवसाद, स्ट्रोक, हार्ट डिजीज और अन्य मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। यह कोई स्वास्थ्य समस्या का रूप ले ले, इससे पहले सतर्क हो जाएं। अकेलापन दूर करने के लिए इन 5 नेचुरल उपायों (how to deal loneliness) को आजमायें।

क्या है अकेलापन (what is loneliness)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ नर्सिंग के अनुसार, अकेलेपन का मतलब अकेले रहना नहीं है। भीड़ में होने के बावजूद अकेला और अलग-थलग महसूस करना अकेलापन है। लंबे समय तक अकेलापन महसूस करने पर यह मानसिक स्थिति पर प्रभाव डाल सकता है। उदाहरण के लिए ऑफिस कूलिग़ या परिवार के लोगों से घिरे होने के बावजूद आप अकेलापन महसूस कर सकती हैं। अकेलापन एक यूनिवर्सल मानवीय भावना है, जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए जटिल और अलग हो सकता है। इसका कोई एक कारण नहीं है, इसलिए मन की इस नेगेटिव स्थिति को रोकना और उसका इलाज करना भी अलग हो सकता है।

यहां हैं खुद को अकेलेपन से डील करने के 5 उपाय (how to deal loneliness) 

1 पालतू पशु के साथ समय गुजारें (time spend with Pet)

यदि आपके पास पेट नहीं है, तो किसी एक को घर लाने पर विचार करें। पेट रखने से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। आपका मूड बेहतर हो सकता है और तनाव कम हो सकता है। यदि आप अकेलापन महसूस कर रही हैं, तो आप उन्हें हग कर सकती है। ध्यान रखें कि उनकी साफ़-सफाई और उनका ध्यान रखने में भी आप अच्छा महसूस करेंगी।

2 सोशल मीडिया का उपयोग समझदारी से करें (use social media wisely)

सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने से जुड़ाव महसूस हो सकता है। लेकिन ऑनलाइन बहुत अधिक समय अकेलेपन का कारण भी बन सकता है। सोशल मीडिया कभी-कभी दिमाग को यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि आप वास्तविक नहीं बल्कि वर्चुअल संबंध बना रही हैं। इससे आप अकेलापन महसूस कर सकती हैं। सोशल मीडिया बुरा नहीं है, लेकिन इसका प्रभाव हमारे हेल्थ और संबंधों पर नहीं पड़ना चाहिए।

सोशल मीडिया का उपयोग सकारात्मक कार्यों के लिए करें। अपने परिवार और दोस्तों के साथ ऑनलाइन गेम खेलें। ऐसे ऐप्स आज़माएं, जो आपको किसी अन्य व्यक्ति के साथ शो या मूवी देखने की सुविधा देते हैं।

ऑनलाइन बहुत अधिक समय अकेलेपन का कारण भी बन सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

3 पुरानी हॉबी फिर से आजमायें (Try old hobbies)

अकेले में आजमाई जा सकने वाली हॉबी अकेलेपन को दूर करने में मदद कर सकती है। मेंटल हेल्थ जर्नल के शोध बताते हैं कि अपने पसंद का काम करने वक्त व्यक्ति सबसे अधिक खुश होता है। यह अकेलेपन को दूर कर सकता है। यदि समय न मिलने के कारण पुरानी कोई हॉबी छूट गई है, तो उसे करना शुरू कर दें। इसमें पढ़ना, खाना बनाना, फोटोग्राफी या योग जैसा कोई पुराना शौक अपना सकती हैं। पेंटिंग या डांसिंग का शौक भी मदद कर सकता है। कुछ नया सीखने के लिए ऑनलाइन वीडियो की मदद ली जा सकती है

4 लोगों के साथ जुड़ें (Reconnect with friends)

अकेलापन महसूस करने से खुद को रोकने के लिए हज़ारों लोगों की ज़रूरत नहीं है। हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, कुछ करीबी दोस्त होने से बड़ा फर्क पड़ सकता है। फ़ोन कॉल से इसकी शुरुआत हो सकती है। उनके साथ ऑनलाइन चैट या कॉफ़ी या चाय का शेड्यूल बनाने पर विचार कर सकती हैं। उनसे रूबरू मिल सकती हैं। किसी पुरानी यादों और मजेदार टॉपिक पर बात करना अच्छा लग सकता है

किसी पुरानी यादों और मजेदार टॉपिक पर बात करना अच्छा लग सकता है। चित्र – शटरस्टॉक

5 फिजिकल एक्टिविटी बढायें (Increase physical activity)

हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशन के अनुसार, फिजिकल एक्टिविटी के कई फायदे हैं। यह अकेलेपन की उदासी से उबरने में मदद कर सकता है। डांस, योग, वाकिंग का प्रयास करें। ऑनलाइन एक्सरसाइज क्लास ज्वाइन करें। सक्रिय रहने से अवसाद, चिंता, तनाव और कई अन्य चीजों से निपटने में मदद मिल सकती है। एक्सरसाइज की शुरुआत प्रत्येक दिन 5 -10 मिनट से कर सकती हैं।

यह भी पढ़ें :- विटामिन डी और कैफीन ही नहीं, माइंड बूस्ट करने के लिए जरूरी हैं ये 6 नेचुरल सप्लीमेंट्स

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

अगला लेख