बार्बी के बारे में हम सभी जानते हैं। इसी के साथ खेलते हुए हमारा बचपन बीता है। बार्बी डाॅल (Barbie doll) का स्टाइल और ब्यूटी हर गर्ल को उसकी ओर आकर्षित करती है। पिछले दिनों आई बार्बी मूवी कई कारणों से लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। कोई इसे इसकी भाषा के लिए नापंसद कर रहा है, तो कोई बार्बी (Barbie) की एक्जिसटेंस पर सवाल खड़े कर रहा है। ये फिल्म सेल्फ इफेसिंग के मुद्दे को भी रेज़ करती हुई नज़र आई। आइए जानते हैं क्या है सेल्फ इफेसिंग (self-effacing) और इसके नुकसान। साथ ही एक मनोवैज्ञानिक से जानेंगे इससे छुटकारा पाने के उपाय।
किस प्रकार बार्बी अपना काॅफिडेंस लूज करके खुद को अलग थलग महसूस करने लगती है। उसके बाद असल दुनिया से बार्बी लैण्ड में दाखिल हुई मां-बेटी की जोड़ी उसे दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने का साहस देकर उसके अंदर आत्म विश्वास भरती हैं। अगर आप भी बार्बी के समान खुद को अकेला और कमज़ोर महसूस करने लगी हैं, तो इन टिप्स को ज़रूर फाॅलो करें।
इस बारे में बातचीत करते हुए राजकीय मेडिकल कालेज हलद्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि सेल्फ इफेसिंग टर्म इस बात की ओर इशारा करता है कि आप अपना काफिडेंस लूज़ कर रहे हैं। वे लोग अक्सर परेशान, बुझे हुए, गुमसुम और अन्य लोगों के हिसाब से चलते हुए नज़र आते हैं। सेल्फ इफेसिंग लाइफ का वो फेस है, जब हम दूसरों को कंफर्टएबल करने के लिए अपनी एबीलिटीज़, अचीवमेंटस और आत्म सम्मान तक दरकिनार कर देते हैं। इस समस्या से बाहर आने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है।
अगर कोई व्यक्ति आपको किसी प्रकार से नीचा दिखाता है या फिर आपको कम आंकता है, तो ये आपकी प्राथ्रामिक जिम्मेदारी है कि डरने की बजाय मज़बूती से खड़े रहें। अपना स्टैंड अगर आप स्वंय लेने में सार्थक साबित हो जाते हैं, तो कोई भी व्यक्ति आपके साथ गलत व्यवहार नहीं कर सकता। दूसरों के विचारो को खुद पर हावी होने से रोकना चाहिए। इसके लिए सेल्फ लव और सेल्फ आइडेंटिटी का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है।
ऐसा ज़रूरी नहीं है कि अगर कोई व्यक्ति आपसे किसी काम के लिए कह रहा है, तो आपको उसे पूरा करना ही है। अगर आप किसी मुश्किल में है या उसे करने के लिए फिट नहीं है, तो उसे मना करना ज़रूरी है। दूसरों की नाराज़गी कसे झेलने से बचने के लिए हम बहुत बार खुद को मुश्किल में धकेल देते हैं। जो कतई उचित नहीं है। सेल्फ एस्टीम को कायम रखें। दूसरों के बारे में सोचकर खुद को परेशान न करें।
वे लोग जो इस दौर से गुज़र रहे होते हैं। उनमें निगेटिव सेल्फ टाॅक की समस्या आमतौर पर देखने का मिलती है। अकेले बैठे हुए या लेटे हुए वे अक्सर खुद से कोई न कोई शिकायत करते हुए नज़र आते हैं। इस समस्या से निकलने के लिए खुद को इतना मज़बूत बना लें कि लोगों की बातें आपको बहुत ज्यादा प्रभावित न कर पाएं। साथ ही आप अपने आप की केयर करें, जिससे सेल्फ लव बढ़ने लगता है।
खुद पर गुस्सा उतारना आपकी मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। अगर आप खुद से प्यार करेंगे, तो अन्य लोग भी आपकी ओर आकर्षित होंगें। खुद को पैम्पर करें और वो काम करना शुरू करें, जिसमें आपको खुशी मिलती हो। दूसरों को कई बार हम अपनी लाइफ में खास स्थान दे देते हैं। इससे पूरा वक्त उनकी तरफ डायवर्ट होने लगता है, जिससे हम अपने लिए समय नहीं निकाल पाते। ऐसे में अपने लिफ कुछ टाइफ सेव करके रखें, जिसमें आप अपनी पसंदीदा एक्टिीविटी कर सकें।
ये भी पढ़ें- क्या आप फबिंग के बारे में जानते हैं? ज्यादातर रिश्तों के टूटने का कारण बन रही है यह आदत