हमें लगता है कि हमारा दिमाग यदि थकान अनुभव कर रहा है, तो कोई गोली हमें रिलैक्स कर सकती है। हम बिना डॉक्टर की सलाह के गूगल की मदद से कोई भी सप्लीमेंट लेने लग जाते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यहां हमें सावधान रहने की जरूरत है। ये सप्लीमेंट शुरुआत में तो राहत दिला सकते हैं, लेकिन इनके साइड इफेक्ट भी होंगे। डॉक्टर की सलाह पर हमें नेचुरल सप्लीमेंट (Natural supplements for brain) लेना चाहिए।
जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ के अनुसार, यदि आप जीनियस नहीं हैं, तो कोई भी सप्लीमेंट आपको जीनियस नहीं बना सकता। इसके लिए आपको खुद मेहनत करनी पड़ेगी। सप्लीमेंट के कई मतलब हो सकते हैं। ऐसा तत्व जो मस्तिष्क को जरूरी पोषण प्रदान करे। ऐसा तत्व जो व्यक्ति की सतर्कता, ध्यान, एकाग्रता, मेमोरी और कुछ हद तक मूड स्विंग कम करने में मदद करे। इन सप्लीमेंट को माइंड बूस्टर भी कहा जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट ब्रेन बूस्ट करने में सभी नेचुरल सप्लीमेंट से कारगर माना जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड विशेष रूप से फैटी मछली में मौजूद लंबी चेन वाले फैटी एसिड डीएचए और ईपीए में मौजूद होता है। यह मस्तिष्क और आंखों के विकास के लिए आवश्यक हैं। यह ब्रेन हेल्थ पर बढ़िया प्रभाव डालते हैं। ये फैटी एसिड शरीर और मस्तिष्क में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार वाले लोगों में ईपीए और डीएचए का स्तर कम होता है।यह संज्ञानात्मक गिरावट, अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया के जोखिम को कम करता है। ओमेगा-3 तंत्रिका कोशिकाओं की झिल्लियों को मजबूत करता है।
क्रिएटिन ब्रेन में लगी चोट से उबरने में मदद कर सकता है। यह अवसाद के लक्षणों को कम कर अनुभूति में सुधार कर सकता है। यह न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है। क्रिएटिन सप्लीमेंट का उपयोग अक्सर मांसपेशियों के निर्माण और एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार के लिए किया जाता है।
एल-थेनाइन एक अमीनो एसिड है जो प्राकृतिक रूप से कुछ मशरूम, साथ ही हरी और काली चाय में पाया जाता है। शिकागो स्थित पंजीकृत आहार विशेषज्ञ लिआ जॉन्सटन कहती हैं, “कई अध्ययनों में यह मानसिक प्रदर्शन में सुधार और ध्यान केंद्रित करने से जुड़ा है। एक कप ग्रीन टी 8 से 30 मिलीग्राम एल-थेनाइन प्रदान करती है।
न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, विटामिन डी को सनशाइन विटामिन कहा जाता है। विटामिन डी वास्तव में एक हार्मोन है। विटामिन डी के शरीर में सैकड़ों जरूरी कार्य हैं। यह मस्तिष्क के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। विटामिन डी मस्तिष्क के प्रारंभिक विकास के लिए भी जरूरी है। इसकी कमी मनोभ्रंश, अवसाद, ऑटिज्म और सिज़ोफ्रेनिया जैसी स्थितियों से जुड़ी है। विटामिन डी अच्छे खाद्य स्रोतों में कॉड लिवर आयल, फैटी फिश जैसे सैल्मन, ट्राउट और मशरूम, फोर्टिफाइड अनाज और दूध भी शामिल हैं।
जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ के अनुसार, रेस्वेराट्रॉल अंगूर में प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला एक एंटीऑक्सीडेंट पॉलीफेनोल है। यह कोशिकाओं को क्षति से बचाने, मस्तिष्क में ब्लड फ्लो में सुधार और संज्ञानात्मक गिरावट को धीमा करने में मदद कर सकता है। रेस्वेराट्रोल की खुराक लेने से हिप्पोकैम्पस की गिरावट को रोका जा सकता है। यह मेमोरी से जुड़ा मस्तिष्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
जर्नल न्यूरोफार्माकोलॉजी शोध से यह प्रमाणित हो चुका है कि कैफीन संज्ञानात्मक प्रदर्शन में सुधार करता है। कैफीन सतर्कता और ऑवरआल हेल्थ को सुधारने में मदद कर सकता है। यह एकाग्रता और मनोदशा में सुधार कर सकता है। अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। यह संज्ञानात्मक गिरावट और अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम कर सकता है। न्यूरोप्रोटेक्टिव लाभ दे सकता है।
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