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क्यों क्रिएटिव लोगों को ज्यादा होता है मूड डिसऑर्डर का जोखिम, एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट बता रहे हैं इसका कारण

रचनात्मकता और मानसिक बीमारी के बीच का संबंध लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। लेकिन क्या वाकई रचनात्मक लोग सबसे ज्यादा मूड संबंधी विकारों के जोखिम में होते हैं ?
जो लोग क्रिएटिव होते हैं वे लोग ज्यादा मानसिक समस्याओं का सामना करते है। चित्र-अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 22 Nov 2023, 21:12 pm IST
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ऐसा माना जाता है कि जो लोग क्रिएटिव होते हैं वे लोग ज्यादा मानसिक समस्याओं का सामना करते है। रचनात्मक व्यक्तियों में डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर होने की समस्या अधिक होती है। कुछ प्रसिद्ध कलाकार, लेखक, संगीतकार और अन्य रचनाकार मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। सभी रचनात्मक लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं नहीं होती हैं, और मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले सभी व्यक्ति रचनात्मक नहीं होते हैं। रचनात्मकता एक जटिल गुण है जो आनुवंशिकी, पर्यावरण, व्यक्तित्व और जीवन के अनुभवों सहित विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है।

क्रिएटिविटी और मूड डिसऑर्डर के बारे में क्या कहते हैं शोध

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मनोचिकित्सक प्रोफेसर के रेडफील्ड जेमिसन जैसे कुछ विशेषज्ञों को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि मूड संबंधी विकार, जैसे डिप्रेशन और बाइपोलर, सामान्य आबादी की तुलना में कलाकारों और लेखकों में अधिक प्रचलित हैं।

विंसेंट वैन गॉग जैसे पेंटर, जिन्होंने प्रसिद्ध रूप से अपना कान काट लिया और 1890 में अपनी जान ले ली, इस विचार को और सही ठहराती है, साथ ही लेखक सिल्विया प्लाथ भी, जिनकी 1963 में आत्महत्या से मृत्यु हो गई। दोनों कलाकारों ने लिखित रूप में अपनी मानसिक बीमारी का विवरण दिया।

बाइपोलर विकार, जो डिप्रेशन की विशेषता है, अक्सर रचनात्मकता से जुड़ा होता है। चित्र शटरस्टॉक

2017 के एक अध्ययन में पता लगाया गया कि क्या मूड विकार रचनात्मकता का कारण बनते हैं, रचनात्मकता मूड विकारों का कारण बनती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि बाइपोलर विकार, जो डिप्रेशन की विशेषता है, अक्सर रचनात्मकता से जुड़ा होता है।

इस पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने संपर्क किया सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव, डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव कहते है कि रचनात्मकता और मानसिक बीमारी के बीच संबंध होने के कई कारण हो सकते है। जिसका कई स्टडी भी समर्थन करती है।

एक्सपर्ट बता रहे हैं रचनात्मकता और मानसिक बीमारियों के जोखिम के बीच संबंध

1 कल्पनाशीलता ओवरथिंकर बनाती है

डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव बताते है कि रचनात्मकता से जुड़े कुछ लक्षण, जैसे अलग-अलग सोच और नए अनुभवों के प्रति खुलापन, कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले व्यक्तियों में भी पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, बाइपोलर विकार वाले व्यक्तियों को मैनिक एपिसोड के दौरान बढ़ी हुई रचनात्मकता का अनुभव हो सकता है।

2 न्यूरोबायोलॉजिकल कारक भी हैं

इस बात के साक्ष्य हैं कि रचनात्मकता और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करने वाले साझा न्यूरोबायोलॉजिकल कारक हो सकते हैं। रचनात्मकता में शामिल न्यूरोट्रांसमीटर और मस्तिष्क संरचनाएं मानसिक स्वास्थ्य विकारों में शामिल लोगों के साथ ओवरलैप हो सकती हैं।

3 इसके पर्यावरणीय प्रभाव होते हैं

पर्यावरणीय कारक, जैसे बचपन की प्रतिकूलता या दर्दनाक अनुभव, रचनात्मकता और मानसिक स्वास्थ्य दोनों मुद्दों में योगदान कर सकते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियां रचनात्मक समस्या-समाधान को बढ़ावा दे सकती हैं लेकिन मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों में भी योगदान दे सकती हैं।

अगर आप क्रिएटिव हैं तो मेंटल हेल्थ के लिए अपनाएं ये उपाय

1 नींद को इग्नोर न करें

नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और संतुलित आहार जैसी चीजों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। ऐसी गतिविधियों में शामिल होना बहुत जरूरी है, जो विश्राम और तनाव कम करने को बढ़ावा देती हैं, जैसे कि माइंडफुलनेस या ध्यान।

नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और संतुलित आहार जैसी चीजों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। चित्र: शटरस्टॉक

2 खुद को आइसोलेट न करें

दोस्तों, परिवार या मानसिक स्वास्थ्य के एक्सपर्ट से मिलकर एक मजबूत सहायता प्रणाली तैयार करें। मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भावनाओं और चुनौतियों के बारे में खुलकर बात करना बहुत जरूरी है।

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3 स्ट्रेस मैनेजमेंट के तरीके जानें

तनाव से बचने की तकनीकों को सीखें, जैसे समय प्रबंधन, अच्छे लक्ष्य निर्धारित करना और स्वस्थ को बनाए रखने के लिए एक कार्यप्रणाली विकसित करें। दीर्घकालिक तनाव मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों में योगदान कर सकता है।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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