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PCOS Diet : पीसीओएस से जूझ रहीं हैं, तो इन 5 तरह फूड्स को खाने से पहले दो बार सोचें

पीसीओएस के रोग के लक्षणों की जानकारी मिलने पर डॉक्टरी जांच के अलावा अपनी डेली डाइट से कुछ खास चीजों की कटौती करना बेहद ज़रूरी है। जानते हैं किन फूड आइटम्स को करें अवॉइड ।
जानते हैं कि पीसीओएस के दौरान किन फूड आइटम्स को अवॉइड करें (Foods to avoid in PCOS)। चित्र : एडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 8 Nov 2023, 16:09 pm IST
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महानगरों का जीवन स्वास्थ्य को कई प्रकार से प्रभावित कर रहा है। अनियमित खान पान और नींद की कमी खासतौर से महिलाओं के जीवन को अनचाही और अनजानी समस्याओं से घेर रही है। इसी में से एक है पीसीओएस यानि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम। जो अनियमित पीरियड्स से शुरू होकर चेहरे पर अनचाहे बाल और वज़न बढ़ने की समस्या से महिलाओं को घेर रहा है। रिप्रोडक्टिव एज में बढ़ने वाले इस रोग के लक्षणों की जानकारी मिलने पर डॉक्टरी जांच के अलावा अपनी डेली डाइट से कुछ खास चीजों की कटौती करना बेहद ज़रूरी है। जानते हैं कि पीसीओएस के दौरान किन फूड आइटम्स को अवॉइड करें (Foods to avoid in PCOS)।

इस बारे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रितु सेठी बताती हैं कि शरीर में मेल हार्मोन एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ने से महिलाओं को इस समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है। इसे चलते चेहरे पर हार्ड हेयर, मोटापा और अनियमित पीरियड्स की समस्या आम है। शरीर में फैट्स बढ़ने से डायबिटीज़ के अलावा कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) और हाइपरटेंशन (hypertension) का खतरा भी बढ़ने लगता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए मील्स का संतुलित होना बहुत ज़रूरी है।

नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार पीसीओएस की समस्या के कारण 33 से 83 फीसदी महिलाएं ओवरवेट का शिकार होने लगती हैं। वे महिलाएं जो इस समस्या से ग्रस्त होती है। उनकी ओवरी में मल्टीपल सिस्ट पाइ जाती हैं। जो शरीर में एण्ड्रोजन के ओवर प्रोडक्शन का कारण साबित होती हैं ।

रिप्रोडक्टिव एज में बढ़ने वाले इस रोग के लक्षणों की जानकारी मिलने पर डाइट से कुछ खास चीजों की कटौती करना बेहद ज़रूरी है। चित्र : अडोबी स्टॉक

पीसीओएस से हैं ग्रस्त, तो इन फूड्स को करें अवॉइड (Foods to avoid in PCOS)

1 हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स

अधिक कार्ब्स शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाकर वजन बढ़ने का कारण साबित होता है। शरीर में इंसुलिन को नियमित करने के लिए कार्बोहाइड्रेट रिच फूड्स को खाने से बचें। इसके अलावा आहार में लो ग्लाइसेमिक इंडैक्स वाले फूड को शामिल करें। इससे ब्लड प्रेशर के बढ़ने का भी खतरा टल जाता है। व्हाइट ब्रेड, आलू, स्वीट पोटेटो और व्हाइट राइज़ की जगह हाई प्रोटीन और हाई फाइबर डाइट आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित होती है।

2 प्रोसेस्ड फूड्स हैं नुकसानदायक

प्रोसेस्ड फ़ूड में चीनी और कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर में कई समस्याओं को खतरा बढ़ने लगता है। इससे शरीर में इंसुलिन रेज़िसटेंस बढ़ने लगता हैं। ऐसे लोगों को पैक्ड और रेडीमेड फूड व बाज़ार में मिलने वाली कुकीज़, जूस व कैंडीज़ से दूर रहने की आवश्यकता है। इन्हें खाने से शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है। जो वेटगेन की समस्या को भी बढ़ा देता है। ऐसे खास पदार्थ, जिनमें अलग से शुगर एड की गई हैं। उन्हें भी खाने से बचें।

3 सीमित करें कैफीन का सेवन

अत्यधिक कॉफी और चाय पीने से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है। जो महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की वृद्धि का कारण साबित होता है। होर्मोनल इंबैलेंस के कारण होने वाली पीसीओएस की समस्या के चलते शुगर एडिड सभी पेय पदार्थों को सीमित करना ज़रूरी है। है। खासतौर से कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है। इस दौरान रोगी अधिक तनाव में भी रहता है। ऐसे में कैफीन का बार बार सेवन करने से बचना ज़रूरी है। अधिक कॉफी से शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ने लगात है। जो इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है।

अत्यधिक कॉफी से शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है। जो महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की वृद्धि का कारण साबित होता है। चित्र-अडोबीस्टॉक

4 बहुत ज्यादा फ्राइड फूड्स बढ़ा सकते हैं समस्या

ज्यादा तला हुआ खाना खाने से शरीर में इंफलामेशन का खतरा बढ़ने लगता है। ज्यादा स्पाइसी और फ्राइड फूड खाने से मोटापे की समस्या भी तेजी से बढ़ती है और इंसुलिन का स्तर बढ़ने लगता है। इसके अलावा खाने में कैलोरीज का स्तर बढ़ता है। जो बैड कोलेस्ट्रॉल बढत्ने का भी कारण बढ़ता है। इन्फ्लेमेशन से डील करने के लिए डाइट में मौसमी फल, सब्जियां और ओमेगा 3 फैटी एसिड को एड करें।

5 ग्लूटेन वाले फूड्स की अधिकता

ऐसे आहार जिनमें ग्लूटेन है वे पीसीओएस के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। पीसीओएस की समस्या से राहत पाने के लिए ग्लूटेन मुक्त आहार का सेवन आवश्यक है। ग्लूटन से भरपूर सीरियल्स और सॉस आंत को प्रभावित करते है। इससे सूजन ट्रिगर होती है। ग्लूटेन फ्री डाइट दर्द और सूजन को भी दूर करती है। इसके अलावा ये एलर्जी को भी बढ़ा देता है। ग्लूटेन रिच डाइट हार्मोन डिस्रपटर के तौर पर काम करता है। ऐसे में ग्लूटेन फ्री फूड्स को ही डाइट में शामिल करें।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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