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पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान दर्द के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ये 6 कारण, इन्हें न करें नजरंदाज

पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान एक अलग सा दर्द होता है, पर यदि ये दर्द आपके सेक्सुअल प्लेजर को प्रभावित करना शुरू कर दे तो ये नॉर्मल नहीं रहता। इस स्थिति के लिए कई स्वास्थ्य स्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं।
क्या आपको मालूम है सेक्स के बाद क्यों होने लगता है दर्द, यदि नहीं तो यहां जानें। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 29 Feb 2024, 21:16 pm IST
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क्या सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान आपको दर्द महसूस होता है? क्या सेक्स के बाद आपके पेट के निचले हिस्से में दर्द का अनुभव होता है? यदि हां, तो आपको इन चीजों को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। पेनिट्रेटिव सेक्स के दौरान एक अलग सा दर्द होता है, पर यदि ये दर्द आपके सेक्सुअल प्लेजर को प्रभावित करना शुरू कर दे तो ये नॉर्मल नहीं रहता। इस स्थिति के लिए कई स्वास्थ्य स्थितियां जिम्मेदार हो सकती हैं। ऐसे में समय रहते इनपर ध्यान देना जरूरी है, ताकि स्थिति और ज्यादा गंभीर न हो। इस बारे में अधिक जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मणिपाल हॉस्पिटल, व्हाइट फिट, बैंगलोर के कंसल्टेंट एंड्रोलॉजी, डॉ शशिधर बी से बात की। डॉक्टर ने कुछ ऐसी स्थितियां बताई हैं, जिनमें सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव हो सकता है।

जानें सेक्स के बाद क्यों होने लगता है दर्द (what causes pain after sex)

1. यीस्ट और बैक्टीरियल इंफेक्शन

वेजाइनल यीस्ट इन्फेक्शन और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) के कारण योनि में सूजन हो सकती है, जिसे वेजिनाइटिस भी कहा जाता है। जब सेक्स के दौरान फ्रिक्शन होने से वेजाइना में इंफ्लेमेशन हो जाता है, तो ऐसे में दर्द और जलन महसूस हो सकता है। यीस्ट इन्फेक्शन या यूटीआई भी सेक्स को दर्दनाक बना सकते हैं। वहीं इन स्थितियों में सेक्स करने से, इनकी स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है।

यीस्ट इन्फेक्शन में कैंडिडा यीस्ट का ग्रोथ बढ़ने से खुजली, गाढ़ा सफेद डिस्चार्ज और पेशाब करते समय दर्द महसूस हो सकता है। यदि आप संक्रमित हैं तो आपको ओवर-द-काउंटर एंटीफंगल मेडिसिन के माध्यम से संक्रमण को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए। इससे सेक्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत मिलती है।

यूटीआई की स्थिति में आ सकती है पेशाब से गंध। चित्र शटरस्टॉक।

2. पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज

पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) फीमेल के ऊपरी रिप्रोडक्टिव ऑर्गन का एक संक्रमण है, जो अक्सर अनट्रीटेड गोनोरिया या क्लैमाइडिया के कारण होता है। पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज की स्थिति में पेनफुल इंटरकोर्स, पेल्विक पेन, इनफर्टिलिटी, फैलोपियन ट्यूब को नुकसान, बुखार, फोड़ा (संक्रमित मवाद से भरी गांठ), सेक्स के दौरान या पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग हीना, पेशाब करते समय दर्द, पेट के निचले हिस्से में दर्द जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।

3. वेजाइनल ड्राइनेस

यदि आपकी वेजाइना ल्यूब्रिकेट नहीं हो रही, तो इंटरकोर्स के दौरान आपको जलन और दर्द महसूस हो सकता है। यदि आप उत्तेजित होने से पहले पेनिट्रेटिव सेक्स करती हैं, या आप हार्मोनल परिवर्तन से जूझ रही हैं, तो आपको वेजाइनल ड्राइनेस का अनुभव हो सकता है।

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यदि आप हाल में ही मां बनी हैं या आप ब्रेस्टफीड करवा रही हैं, तो हार्मोनल परिवर्तन से आपके शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है और योनि में सूखापन हो सकता है, जिससे सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव होता है। इस स्थिति में अपने डॉक्टर से सलाह लें, और हार्मोंस को संतुलित करने पर काम करें।

4. टिल्टेड यूट्रस

टिल्टेड यूट्रस की स्थिति में यूट्रस आगे की बजाय पीछे की ओर झुका होता है, जिससे इंटरकोर्स के दौरान दर्द भी हो सकता है। जब गर्भाशय पीछे की ओर झुकता है, तो गर्भाशय ग्रीवा वेजाइनल टनल के करीब झुक जाती है, जिससे सेक्स के दौरान गर्भाशय ग्रीवा को मोड़ना आसान हो जाता है। इस स्थिति में फौरन डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता होती है।

हार्मोन खासकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन नए फाइब्रॉइड के विकास और वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक हैं। चित्र : स्टॉक

5. एंडोमेट्रियोसिस

एंडोमेट्रियोसिस की स्थिति में सेक्स के दौरान या उसके बाद वेजाइना या यूट्रस में गहरा, तेज दर्द महसूस हो सकता है। एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जहां यूट्रस लाइनिंग के समान टिशु गर्भाशय के बाहर बढ़ जाते हैं, जो यूट्रस, ओवरी, फैलोपियन ट्यूब, और ब्लैडर के आसपास सूजन पैदा कर सकते हैं।

6. एलर्जिक रिएक्शन

अगर आपको एलर्जिक रिएक्शन है, जैसे कि आमतौर पर लेटेक्स कंडोम के इस्तेमाल से बहुत सी महिलाओं को एलर्जिक रिएक्शन हो जाता है, जिसमें खुजली, जलन, दर्द आदि का अनुभव होता है। वहीं सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान यह सभी लक्षण और ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस बात को समझना बहुत जरूरी है और इस्तेमाल होने वाले कंडोम आदि जैसी चीजों के प्रति सचेत रहना भी जरूरी है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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