इन 5 स्थितियों में वेजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है खतरनाक, जानिए इनका कारण

हम बात करेंगे ऐसे ही कुछ वेजाइनल ब्लीडिंग (vaginal bleeding) से जुड़े रेड फ्लैग्स के बारे में जो सामान्य से अलग हैं, और आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकते हैं।
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जानें किन स्थितियों में वेजाइनल ब्लीडिंग हो जाता है एब्नॉर्मल। चित्र: शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 25 Feb 2024, 20:30 pm IST
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वेजाइनल ब्लीडिंग बहुत सी स्थितियों में बिल्कुल नॉर्मल है, पर कई बार ये असामान्य रूप से नजर आ सकती हैं, जो गंभीर समस्या का संकेत हो सकती हैं। असामान्य रूप से नजर आने वाली वेजाइनल ब्लीडिंग को भूलकर भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए, क्युकी इनके प्रति बरती गई लापरवाही आपको परेशानी में डाल सकती है। आज हम बात करेंगे ऐसे ही कुछ वेजाइनल ब्लीडिंग (vaginal bleeding) से जुड़े रेड फ्लैग्स के बारे में जो सामान्य से अलग हैं, और आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर थीरथा शेट्टी ने कुछ ऐसे ब्लीडिंग संबंधी रेड फ्लैग्स बताएं हैं, जिन्हे हमें नजरंदाज नहीं करना चाहिए और फौरन इसपर ध्यान देना चाहिए।

यहां जानें किन स्थितियों में वेजाइनल ब्लीडिंग हो जाता है एब्नॉर्मल (vaginal bleeding)

1. अर्ली पीरियड्स और लेट पीरियड्स

अगर आपको पीरियड्स खत्म होने के 21 दिन के अंदर दोबारा से ब्लीडिंग या पीरियड्स में 35 दिन तक ब्लीडिंग नहीं होता है, तो यह एक रेड फ्लैग है। ये बिल्कुल भी नॉर्मल नहीं है, इसके पीछे कई स्वास्थ्य स्थिति में जिम्मेदार हो सकती है है। हैवी और लाइट पीरियड के लिए कई स्थितियां जिम्मेदार होती हैं, जैसे कि हार्मोनल इंबैलेंस, एंडोमेट्रियोसिस, मेडिकेशंस, अन्य प्रकार के संक्रमण और कांट्रेसेप्टिव पिल्स का सेवन।

हालांकि, यदि ऐसा आपके साथ भी होता है तो इन परेशानियों को सेल्फ ट्रीटमेंट देने का प्रयास न करें, गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलकर फौरन सलाह लेने की आवश्यकता होती है।

2. पीरियड्स के बीच के समय में ब्लीडिंग होना

अगर आप सभी में से किसी को भी दो पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होना शुरू हो जाता है, तो ये अच्छा संकेत नहीं है। इसके लिए कई स्थिति जिम्मेदार हो सकती हैं, खासकर ऐसा ओवेरियन कैंसर की स्थिति में देखने को मिलता है। यह ओवेरियन कैंसर का एक सामान्य लक्षण है।

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जानते हैं किन कारणों से बढ़ने लगती है ब्लीडिंग की समस्या । चित्र- अडोबी स्टॉक

इसके अलावा ये ब्लैडर संक्रमण की ओर भी इशारा करता है। पीरियड्स के बीच में बिल्डिंग होना आमतौर पर फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है, इसलिए इस स्थिति को कभी भी नजर अंदाज न करें।

3. इंटरकोर्स के दौरान ब्लीडिंग होना

अगर आप में से किसी को भी इंटरकोर्स के दौरान ब्लीडिंग शुरू हो जाता है, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह बिल्कुल भी कॉमन नहीं है। महिलाओं में ऐसी समस्या एक बहुत बड़ी रेड फ्लैग मानी जाती है। इंटरकोर्स एक नेचुरल प्रोसेस है और आपकी वेजाइना को इसी तरह से डिजाइन किया जाता है, ऐसे में जब ब्लीडिंग होना शुरू हो जाए, तो ये एक गंभीर संकेत है।

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सबसे पहले ये वेजाइनल इन्फेक्शन की ओर इशारा करता है, वहीं STI की स्थिति में ये लक्षण बिलकुल कॉमन हो जाते हैं। इन्हें भूल कर भी नजर अंदाज न करें और समय रहते डॉक्टर से मिलकर इस बारे में सलाह ले।

4. मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना

अगर आपको मेनोपॉज पीरियड के बाद भी ब्लीडिंग हो रहा है, तो ये एक अच्छा संकेत नहीं है। वहीं इसे नजरंदाज नहीं करना चाहिए। हालांकि, इस दौरान बीच बीच में कभी भी ब्लीडिंग हो सकता है। जब मेनोपॉज पूरी तरह से शुरू हो जाए और उसके लगभग एक साल पूरे होने के बाद भी अगर आपको वेजाइनल ब्लीडिंग हो रहा है, तो ये किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। इसे लेकर सावधान रहें और फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।

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प्रेगनैंसी के दौरान बेडरेस्ट कहा गया है, तो शरीर के अंगों को हिलाते-डुलाते रहें| चित्र : शटरस्टॉक

5. प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना

बहुत सी महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग हो सकती है, वहीं कई महिलाओं ने इसका अनुभव भी किया है। हालांकि, कंसीव करने के फौरन बाद इंप्लांटेशन ब्लीडिंग होती है। उसके बाद यदि आपको किसी प्रकार की ब्लीडिंग हो रही है, तो वह नॉर्मल नहीं है।

ये किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता हैं। प्रेगनेंसी वेजाइनल ब्लीडिंग एटॉपिक प्रेगनेंसी, मोलर प्रेगनेंसी, सर्वाइकल चेंजेज, इन्फेक्शन सहित मिसकैरिज जैसे गंभीर संकेत देती है। प्रेगनेंसी में छोटी से छोटी चीज के प्रति सचेत रहना चाहिए, वहीं यदि आपको इतनी गंभीर समस्या का अनुभव हो रहा है, तो बिना देर किए फौरन डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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