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माहवारी को और भी दर्दनाक बना सकता है अल्सरेटिव कोलाइटिस, जानें क्या है इन दोनों का कनैक्शन

कई महिलाओं को इरेगुलर पीरियड और गंभीर पीएमएस के साथ पेनफुल पीरियड की शिकायत रहती है। इसका अल्सरेटिव कोलाइटिस से लेना-देना हो सकता है, जो इरेगुलर पीरियड का एक और कारण है।
मैग्निसियम अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण तत्व है। चित्र अडोबी स्टॉक
Published On: 26 Feb 2024, 09:21 pm IST

पीरियड्स! यह एक ऐसा शब्द है जो आपके मूड स्विंगस, ऐंठन, सूजन, ब्रेस्ट पेन, ब्रेकआउट और बहुत कुछ के बारे में सोचने पर मजबूर कर देता है। ये लक्षण मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव से उत्पन्न होते हैं। जबकि मेंस्ट्रूअल साइकिल ज्यादातर महिलाओं के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, अल्सरेटिव कोलाइटिस (यूसी) से पीड़ित महिलाएं गंभीर और तीव्र लक्षणों से पीड़ित होती हैं। कई महिलाओं को इरेगुलर पीरियड और गंभीर पीएमएस के साथ पेनफुल पीरियड की शिकायत रहती है। इसका अल्सरेटिव कोलाइटिस से लेना-देना हो सकता है, जो इरेगुलर पीरियड का एक और कारण है (Ulcerative colitis worse during period)।

पहले जानें अल्सरेटिव कोलाइटिस क्या है?

अल्सरेटिव कोलाइटिस एक क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (आईबीडी) है, जो मुख्य रूप से कोलन और रेक्टम को प्रभावित करती है। यह लार्ज इंटेस्टेन की परत में अल्सर, सूजन और जलन का कारण बनती है, जिसमें पेट में दर्द, दस्त (अक्सर खूनी), रेक्टल ब्लीडिंग, थकान और वेट लॉस जैसे लक्षण शामिल हैं।

इसका सटीक कारण अभी तक अज्ञात है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसके पीछे जेनेटिक, वातावरण और इम्यून सिस्टम से जुड़े फैक्टर जिम्मेदार होते हैं। हालांकि, इसका कोई इलाज नहीं है, उपचार का उद्देश्य लक्षणों को प्रबंधित करना और दवाओं, जीवनशैली में बदलाव और गंभीर मामलों में सर्जरी के माध्यम से सूजन को कम करना है।

ऐसे में महिला को साधारण दिनों की तुलना में ज्यादा दर्द हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

क्या हो सकते हैं अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण (Ulcerative colitis symptoms)

अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव कर सकता है:

पेट में दर्द (अक्सर बाईं ओर)
लगातार दस्त (कभी कभी ब्लड और पस के साथ)
मल त्यागने की आवश्यकता महसूस होना
जी मिचलाना
उल्टी करना
भूख की कमी
थकान
बुखार
वजन घटना
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं में अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण अधिक आम हैं, जिनमें चिड़चिड़ापन, घबराहट, बेचैनी, सिरदर्द, चिंता, मतली, उल्टी, पैर में सूजन, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, कब्ज, पेशाब में वृद्धि, पेट में दर्द और थकावट शामिल हैं।

अल्सरेटिव कोलाइटिस और मेंस्ट्रुएशन एक-दूसरे से कैसे जुड़े हैं?

यूसी से पीड़ित महिलाएं कभी-कभी अपने मेंस्ट्रुएशन में बदलाव या इरेगुलर मेंस्ट्रुएशन साइकिल का अनुभव कर सकती हैं। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट शरद मल्होत्रा कहते हैं, “अल्सरेटिव कोलाइटिस मासिक धर्म चक्र से संबंधित हार्मोनल उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव इम्यून सिस्टम और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फ़ंक्शन को प्रभावित कर सकते हैं। इससे अल्सरेटिव कोलाइटिस वाले व्यक्तियों में सूजन बढ़ जाती है, जिससे मेंस्ट्रुएशन साइकिल के कुछ स्टेज में पेट में दर्द, दस्त और रेक्टल ब्लीडिंग जैसे कुछ लक्षणों का खतरा बढ़ जाता है।

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जर्नल इनफ्लेमेटरी बाउल डिजीज में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि जिन 1,200 महिलाओं पर अध्ययन किया गया, उनमें से आधी ने पीरियड्स के दौरान इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज के लक्षणों में वृद्धि देखी। इस तरह मेंस्ट्रूअल साइकिल यूसी को प्रभावित करता है, यूसी से जुड़ी पुरानी सूजन और कुपोषण भी प्रजनन प्रणाली के सामान्य कामकाज को बाधित कर सकते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन और इरेगुलर पीरियड जैसी समस्याएं शामिल हैं।

यूसी और मेंस्ट्रुएशन के बीच के इंटरप्ले को मैनेज करना बेहद मुश्किल हो सकता है। इसके अतिरिक्त, मासिक धर्म से जुड़ा तनाव भी अल्सरेटिव कोलाइटिस को ट्रिगर कर सकता है, क्योंकि यह हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है।

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स, संभावित रूप से पीरियड साइकिल को प्रभावित कर सकती हैं. चित्र : एडॉबीस्टॉक

क्या यूसी (UC) की मेडिसिंस पीरियड साइकिल को प्रभावित कर सकती हैं!

डॉ. मल्होत्रा बताते हैं, “अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं, जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स, संभावित रूप से पीरियड साइकिल को प्रभावित कर सकती हैं और मेंस्ट्रुएशन के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।”

थेराप्यूटिक एडवांसेज इन गैस्ट्रोएंटरोलॉजी द्वारा प्रकाशित अध्ययन पूरी तरह से यूसी या अन्य आईबीडी प्रकार वाली 18 से 50 वर्ष की महिलाओं पर केंद्रित थी। इससे पता चला कि दवा लेने वालों में मासिक धर्म से पहले चिड़चिड़ापन, थकान, पीठ के निचले हिस्से में दर्द और पैल्विक दर्द जैसे लक्षण काफी बढ़ गए थे। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में ये लक्षण और ज्यादा बत्तर थे।

यदि आपको मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं या यूसी दवा से अप्रत्याशित साइड इफेक्ट्स का अनुभव होता है, तो बेहतर प्रबंधन के लिए अपने डॉक्टर से अपनी सस्ययों पर सलाह लें।

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