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नहाने और खाने से लेकर यौन गतिविधियों तक, जानिए सी सेक्शन डिलीवरी के बाद आपको क्या, कब करना चाहिए

सीजेरियन बर्थ के बाद डॉक्टर कई चीज़ नहीं करने की सलाह देते हैं। यहां विशेषज्ञ के बताए कुछ ऐसी सलाह को अपनाने की बात कही जाती है, जिन्हें नहीं करना चाहिए।
बर्थ के बाद अपने खानपान और अपनी नियमित गतिविधियों पर ध्यान देना जरूरी है। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:17 am IST
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सीजेरियन बर्थ के बाद नई मां को अपने शरीर का बेहतर तरीके से ख्याल रखना पड़ता है। जरा सी भी चूक होने पर उन्हें कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। अस्पताल से हॉस्पिटल पहुंचने के बाद सही समय पर उठना और टहलना तेजी से ठीक होने में मदद करता है। इससे ब्लड क्लॉट होने से रोकने में मदद मिलती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि टहलने या किसी तरह की एक्टिविटी करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी (how to take care after c section delivery) है। यहां इस बारे में ऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रिद्धिमा शेट्टी (Gynecologist Dr. Riddhima Shetty) विस्तार से बता रही हैं।

रिकवर होने में लगता है 4 -8 सप्ताह

डॉ. रिद्धिमा अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘सीजेरियन बर्थ के बाद अपने खानपान (Diet) और अपनी नियमित गतिविधियों (Regular Activity) पर ध्यान देना जरूरी है। डॉक्टर जिन बातों को नहीं करने की सलाह देते हैं, उन्हें नहीं करना चाहिए। यदि कुछ बातों का ख्याल रखती हैं, तो 4 -8 सप्ताह के बीच आप स्वस्थ महसूस कर सकती हैं और आप ज्यादातर काम करने में भी सक्षम हो सकती हैं।

यहां हैं डॉ. रिद्धिमा की बताई वे बातें, जिन्हें नहीं करना चाहिए या जरूर करना चाहिए (Do’s and Dont’s after postpartum)

1 जब तक डॉक्टर नहीं कहें, अपने आपको गीला नहीं करें (Don’t wet)

सर्जरी के 48 घंटे बाद तक खुद को गीला नहीं करें। गीला करने से सर्जिकल घाव गीले हो सकते हैं। संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है। इस समय के बाद अपने टांकों को हल्के स्प्रे (शॉवर) से गीला किया जा सकता है, लेकिन उन्हें भिगोना नहीं चाहिए (स्नान)। सुनिश्चित करें कि बाद में क्षेत्र को थपथपा कर सुखा लिया जाए।

जब तक डॉक्टर नहीं कहें, तब तक खुद को गीला करना नुकसानदेह हो सकता है। चित्र : एडोबी स्टॉक

2 डॉक्टर के ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही सेक्स करें (Sex after C-Section)

सी सेक्शन के बाद कुछ सप्ताह तक योनि के अंदर कुछ नहीं जाना चाहिए। आमतौर पर 6 सप्ताह के बाद या डॉक्टर से परमिशन के बाद ही सेक्स में इन्वोल्व हों।

3 तुरंत वेट लॉस या क्रेश डाइटिंग नहीं करें (Weight Loss)

प्रसव के 6 -12 महीने बाद ही वेट लॉस की योजना बनानी चाहिए। ज्यादातर महिलाएं बच्चे के जन्म के 6 सप्ताह बाद तक आधा वजन कम कर लेती हैं। बाकी अगले कई महीनों में हो जाता हैं। यदि रोज जरूरी एक्सरसाइज के साथ स्वस्थ आहार लिया जाए तो वजन कम हो जायेगा। कभी भी प्रसव के तुरंत बाद वेट लॉस या क्रेश डाइटिंग नहीं करें, क्योंकि उस समय आपका शरीर रिकवर कर रहा होता है। यदि ब्रेस्टफीड करा रही हैं, तो आपको दो गुने
पोषण की जरूरत होगी।

ब्रेस्टफीड नहीं करा पाने का गिल्ट नहीं पालें (Breastfeed Guilt)

यदि आप ब्रेस्टफीड नहीं करा पा रही हैं, तो खुद में गिल्ट नहीं पालें। यह सामान्य समस्या हो सकती है। इसलिए इस बारे में अधिक नहीं सोचें।

कठिन व्यायाम नहीं करें (how to take care after c section delivery) 

प्रसव बाद धीमी गति से वाक करने और एक्टिव रहने की सलाह दी जाती है। दौड़ना, बहुत अधिक स्ट्रेन वाले एक्सरसाइज करना (Rigorous Exercise) और जल्दबाजी में सीढियां चढ़ना-उतरना को पूरी तरह एवायड करना चाहिए

दौड़ना, बहुत अधिक स्ट्रेन वाले एक्सरसाइज करने से परहेज करना चाहिए। चित्र : एडोबी स्टॉक

बुखार होने पर डॉक्टर से संपर्क करें (Fever)

यदि 100 फारेनहाईट से अधिक बुखार रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह बच्चे और मां, दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। संभव है कि संक्रमण के कारण बुखार हो गया हो। योनि से दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज होने, दर्द की अनुभूति होने पर भी डॉक्टर से मिलें

यदि 100 फारेनहाईट से अधिक बुखार रहता है और सिर दर्द रहता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। चित्र शटरस्टॉक।

मूड स्विंग अधिक होने पर थेरेपी की मदद लें (Therapy for Mood Swing)

अक्सर प्रसव बाद माएं हार्मोनल चेंज के कारण पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझने लगती हैं। मूड बहुत अधिक लो रहने पर आपके रोजमर्रा के काम भी प्रभावित होने लगते हैं। ध्यान रखें कि यदि आपमें मूड स्विंग तेजी से होता है, तो सायकोलोजिस्ट या थेरेपिस्ट से मिलने में संकोच नहीं करें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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