हमने बाहर से फूड ऑर्डर किया था और कोविड का नया वैरिएंट हमारे घर आ गया, दर्दनाक रही इस नए वैरिएंट से मेरी लड़ाई

इन दिनों कोरोना का एक नया वैरिएंट तेजी से पांव पसार रहा है। हालांकि वैक्सीन और बूस्टर डोज़ के कारण लोग जल्दी रिकवर तो हो रहे हैं, लेकिन यह शरीर के इम्यून सिस्टम को बिगाड़ रहा है।
कोरोना वैक्सीन के सामने घुटने टेक देने वाला कोरोना अब अपना वेश बदलकर नये-नये वैरिएंट के रूप में सामने आ रहा है।
Published On: 18 Apr 2023, 11:00 am IST
  • 125

गांवों में यह कहावत है कि हारे हुए योद्धा और जाती हुई बीमारी को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। वह पलटवार कर सकता है। सचमुच कोरोना वैक्सीन के सामने घुटने टेक देने वाला कोरोना अब अपना वेश बदलकर नये-नये वैरिएंट के रूप में सामने आ रहा है। वह व्यक्ति को पूरी तरह परास्त तो नहीं कर पाता, लेकिन उसे लंबे समय के लिए कमजोर कर देता है। कुछ ऐसा ही मेरे साथ (New Corona variant infection story) हुआ।

गाइडलाइन पालन करने के प्रति लापरवाही पड़ सकती है भारी 

कहते हैं कि सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। यह बात कोविड-19 पर फिट बैठती है। पिछले दिनों जब हमने एक नामी फूड चैन कंपनी से खाना ऑर्डर किया तो उसके साथ ही कोरोनावायरस भी हमारे घर में दाखिल हो गया। वैक्सीन और बूस्टर डोज लेने के बाद हम सभी इस महामारी के प्रति निश्चिंत हो गये हैं। हम सोचते हैं कि अब कोरोनावायरस हमें परेशान नहीं करेगा। क्योंकि वैक्सीन और बैलेंस डाइट के सहारे हमने अपने शरीर के चारों तरफ सुरक्षा कवच रच लिया है। साथ ही, अब तो वायरस भी कमजोर पड़ गया होगा। यहीं हम भूल कर बैठते हैं।

बाहरी भोजन का घर में प्रवेश बढ़ा सकता है मुश्किलें

बीते सोमवार को दिन भर स्वस्थ मन और स्वस्थ तन के साथ घर-ऑफिस के कार्यों को निपटाया था। हालांकि शनिवार, रविवार को दिल्ली, उत्तरप्रदेश और बिहार से कोरोना पीड़ितों की संख्या में वृद्धि की खबरें आ रही थीं। हिमाचल घूमने आये लोगों के संक्रमित होने की संख्या भी तेजी से बढ़ रही थी। मैंने सोचा कि मैं तो सेफ जोन में हूं। मुझे यह नहीं हो सकता है।

शाम 4 बजे घर में एक प्रतिष्ठित फ़ूड चेन से एक नॉनवेज आइटम आया। स्वादिष्ट होने के कारण खाने में तो खूब मजा आया। पर शाम 6 बजे तक गले में हल्का दर्द महसूस होने लगा। यह दर्द धीरे-धीरे इतना बढ़ रहा था कि और पानी या सेलाइवा निगलने में दर्द की अनुभूति होने लगी। हालांकि 2 दिन पहले घर के दो सदस्यों को जुखाम और हल्का बुखार हुआ था, जो तीसरे दिन ठीक भी हो गया था। इसका मतलब है कि कोरोना इन्फेक्शन ने मुझे प्रभावित कर दिया था।

सिर में तेज दर्द, बुखार, जी मिचलाना भी हो सकते हैं लक्षण 

मुझे रात तक तेज बुखार और गले में बहुत अधिक दर्द होने लगा। सुबह जब उठी, तो सिर में तेज दर्द, बुखार, जी मिचलाना और उल्टी होने की समस्या से मैं परेशान हो गई। थोड़ी देर बाद डॉक्टर को जब फोन मिलाया, तो पता चला कि यहां के अस्पतालों में कोरोना के नये वैरिएंट से प्रभावितों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। संभवतः डिलीवरी बॉय के माध्यम से कोरोना का हमारे घर में प्रवेश हो गया था।

कोरोना के नये वैरिएंट से सावधान रहना जरूरी है।

पेन किलर भी नहीं कम कर पा रहीं थी सिर दर्द

यह वैरिएंट तेजी से फैलता है, इसलिए घर के बाकी सदस्य भी इसके चपेट में आ गये। मैंने नोटिस किया कि स्क्रीन के सामने आने पर मेरा सिर दर्द बढ़ रहा है और दवा भी बेअसर साबित हो रही है। डॉक्टर ने पैरासिटमोल खाना प्रेसक्राइब किया था। लगातार दो गोली खाने के बावजूद सिर दर्द और आंख दर्द में कमी नहीं आ रही थी।

इम्यून सिस्टम पर प्रभाव 

भूख बिल्कुल नहीं लग रही थी। उल्टे कुछ भी खाने पर वह वोमिट हो जा रहा था। साथ ही पीठ दर्द, कमर दर्द और हर जॉइंट्स में पेन होने लगा था। डॉक्टर के अनुसार , ओमिक्रोन का नया वैरिएंट व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को कमजोर करने में सफल हो रहा है। जिस व्यक्ति का जो अंग कमजोर होता है, उस पर वह और तगड़ा वार कर रहा है। यदि किसी व्यक्ति की आंखें कमजोर है या जॉइंट पेन से वह पीड़ित है, तो कोरोना संक्रमित होने पर उन अंगों या बीमारी को बढ़ावा मिल जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति की तकलीफ बढ़ जाती है।

पल्स रेट बढ़ने पर हो सकती है बेचैनी

बीपी नॉर्मल, लेकिन पल्स रेट बढ़ा हुआ रहता था। इसके कारण घबराहट और बेचैनी रहने लगी। यह स्तिथि दो दिन तक बनी रही। जब दवाओं ने अपना असर दिखाना शुरू किया और शरीर के इम्यून सिस्टम ने लड़ना, तो तबियत में सुधार होने लगी।

डॉक्टर इस बात की सलाह देते हैं कि यदि तेज़ सिर दर्द हो रहा है, तो स्क्रीन से बिल्कुल दूर रहें। फोन पर सोशल साईट पर भी एक्टिविटी बिल्कुल बंद कर दें। अधिक जरूरत होने पर ही कॉल रिसीव करें। इन सभी उपायों को अपनाने से रिकवर होने में मदद मिलती है। संक्रमण के 5-6 वें दिन से सुधार होने लगता है।

लें नारियल पानी और फ्लूइड डाइट 

बीमारी के दौरान जब खाने का मन नहीं करता है, तो नारियल पानी ही एकमात्र सहारा बनता है। इसमें मौजूद सोडियम, पोटैशियम मस्तिष्क को जरूरी खुराक देते हैं। मन शांत होता है और शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है। इस दौरान अधिक से अधिक लिक्विड डाइट, ताज़े फल (खीरा, तरबूज, खरबूजा), कम तेल मसाले वाले भोजन कोविड के प्रभावों से उबरने में मदद करते हैं

कोविड से संक्रमित होने पर फ्रिज के भोजन को अवॉयड करें। ताजे कटे फल, ताज़ा तैयार किया हुआ भोजन लें। अपने गट सिस्टम को किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल इन्फेक्शन से बचाएं। बाहरी भोजन को अवॉयड करना कोरोना से बचाव का मूलमंत्र है

coconut water hydrating drink hai
बीमारी के दौरान जब खाने का मन नहीं करता है, तो नारियल पानी ही एकमात्र सहारा बनता है। चित्र : शटरस्टॉक

योगासन होते हैं मददगार 

कोविड से उबरने के बावजूद आपको काफी देर तक लगातार सिटिंग में परेशानी हो सकती है। कमजोरी के कारण अधिक लिखने, अधिक बोलने में दिक्कत हो सकती है। कमजोरी के कारण अधिक नींद आ सकती है, घबराहट महसूस कर सकती हैं, हार्ट बीट में तेजी और गुस्सा भी आ सकता है। ऐसा होने पर अपनी सीट से उठकर 10 कदम चल लें। अपनी सांसों पर ध्यान देकर तेजी से सांस लें और तेजी से छोड़ें। अनुलोम-विलोम करें और हल्के योग-आसनों का अभ्यास करें। 5 मिनट तक शवासन में लेटना भी कारगर है।

यह भी पढ़ें :- पेन किलर को भी बेअसर कर सकता है कोविड-19 का नया वैरिएंट, दस हज़ार से ज्यादा केस हुए दर्ज

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

अगला लेख