माहवारी के दर्द और ऐंठन में जादू की तरह असर करती हैं 7 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां
महीने के उन पांच दिनों में होने वाली ब्लीडिंग हर महिला के जीवन का हिस्सा है। पीरियड्स के दौरान आपका शरीर अपनी एनर्जी का अधिकांश हिस्सा एएमए (विषाक्त पदार्थों) को प्रजनन तंत्र से बाहर निकाल कर उसे साफ करने में इस्तेमाल करता है। नई रक्त कोशिकाएं (रक्त धातु) इस नुकसान की भरपाई करने में मदद करती हैं। पर यह तभी संभव है जब आप अपने शरीर को पूरी तरह से आराम दें।
हालांकि, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि क्रेंकीनेस, मूड स्विंग, और दर्दनाक ऐंठन आपके शरीर और मन दोनों की एनर्जी डाउन कर देते हैं। परिणामस्वरूप, मासिक धर्म की ऐंठन के कारण भी डेली रूटीन वर्क को कर पाना बेहद कठिन लगने लगता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में इस समस्या से मुक्ति पाने का उपचार मौजूद हैं?
यहां मैं उन 7 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहा हूं, जो आपको पीरियड्स में होने वाली ऐंठन और दर्द से आराम दिलाएंगी :
1 भुटाकेसी (Corydalis govaniana)
ब्लीडिंग हार्ट समूह की ये जड़ी बूटी, भूटाकेसी हिमालय, खासतौर पर कश्मीर के आसपास मिलती है। इसका उपयोग पीरियड्स में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके लिए एक कप उबलते पानी में 1 से 2 ग्राम भूटाकेसी का पाउडर डालें। इसमें शहद मिक्स करें और दिन में दो बार पीएं।
2 कचुर (Curcuma zedoaria)
एक ‘एमेनागोग’ के रूप में वर्णित है, काचुर पीरियड्स की ऐंठन से आराम दिलाने में बहुत फायदेमंद है। इस जड़ी बूटी को 1 से 3 ग्राम गुनगुने पानी के साथ लें, या आप 300 से 450 मिलीग्राम के कैप्सूल भी ले सकती हैं। काचुर से लाभ का एक और तरीका 50 मिलीलीटर पानी में इसकी जड़़ के एक चौथाई इंच लंबे टुकड़े काटेें और तब तक उबालें जब तक आधे से कम न रह जाए। फिर इसे पिएं।
3 अजवायन (Carom Seeds)
रसोई में मौजूद यह आसान सी जड़ी बूटी मांसपेशियों और पेट की ऐंठन से निपटने में बहुत प्रभावी है। मासिक धर्म के कारण या पाचन संकट के कारण दोनों ही तरह के पेट दर्द में अजवायन राहत देती है। पानी में 2 चुटकी अजवायन की डालें और इसे उबाल लें जब तक कि यह आधे से कम न हो जाए। शहद मिलाएं और दिन में दो से तीन बार पिएं।
4 मेथी के बीज (Fenugreek)
मैथी हर रसोई में मौजूद होती है और यह माहवारी के दर्द से राहत दिलाने का पुराना नुस्खा है। एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी के दानें रात भर भिगोएं। अगली सुबह, यदि संभव हो तो बीज के साथ इस पानी को पी जाएं। या फिर आप चाहें तो मेथी के बीज बाहर निकाल सकती हैं। टेस्ट के लिए इसमें एक चुटकी काला नमक भी डाल सकती हैं।
5 गुड़ (Jaggery)
गुड़ वात को नियंत्रित करने वाली बेहतरीन औषधि है। पीरियड शुरू होने से कम से कम 3 से 5 दिन पहले से चीनी की जगह पर गुड़ को अपने आहार में शामिल करें। मेथी-अजवायन और गुड़ एक शानदार कॉम्बीनेशन है। आप चाहें तो इन्हें मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना सकती हैं। और जब भ्ज्ञी पेट दर्द हो तो खाली पेट इन गोलियों का गर्म पानी के साथ सेवन करें।
6 घृतकुमारी (Aloe Vera)
एलोवेरा किसी भी महिला के लिए बहुत उपयोगी है। इसके इस्तेमाल से बहुत सारे सेहत लाभ मिल सकते हैं। इन्हीं में से एक पीरियड्स में होने वाली ऐंठन से राहत दिलाना भी है। इसके लिए आपको सुबह खाली पेट एलोवेरा का एक गिलास रस पीना है। यदि आप इसे रोजाना नहीं ले सकती, तो पीरियड शुरू होने से 3 से 5 दिन पहले जरूर पीना शुरू करें। आप इसे पीरियड्स में भी पी सकती हैं।
7 तिल का तेल (Sesame Oil)
तिल के तेल से अपने निचले पेट की हल्के हाथों से की गई मालिश पीरियड क्रैम्प्स में कापुभ् आराम दिला सकती है। बेहतर परिणाम के लिए, आप तेल को थोड़ा गर्म कर सकती हैं। और फिर हल्के गर्म हॉट बैग से अपने पेट की सिंकाई करें।
इसके अलावा,
ये उपचार साधारण पीरियड क्रैम्प्स के लिए हैं। अगर आपको मासिक धर्म संबंधी कोई गंभीर समस्या है, तो बेहतर है कि आप इसके लिए अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।
नोट: इनमें से किसी भी जड़ी बूटी का इस्तेमाल करने से पहले अपनी आयुर्वेदिक स्त्री रोग विशेषज्ञ से जरूर परामर्श करें।