मेंस्ट्रुअल साइकल हर महिला का थोड़े-बहुत अंतराल के बावजूद काफी कुछ एक सा होता है। 28 से 31 दिन के अंतराल पर ज्यादा महिलाओं को पीरियड्स आते हैं। पर कुछ चीजें ऐसी भी हैं जो पीरियड्स के समये से पहले आने या देरी होने का कारण बनती हैं।
पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है और हर महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल अन्य महिलाओं से काफी अलग होती है। इसी कारण पीरिड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे पेट दर्द, क्रैम्प्स आना, मूड स्विंग्स, थकान आदि। इसीलिए पीरियड्स का समय महिलाओं के लिए काफी कष्टदायक होता है। वहीं महीने के इस समय यदि महिलाओं को किसी तरह का कोई काम आ जाता है, तो उसे मैनेज करना उनके लिए काफी जटिल हो जाता है। खासतौर से ट्रेवलिंग या घर में कोई फैमिली गेट टुगेदर या पार्टी। ऐसे में कई महिलाएं पीरियड्स को डिले करने के तमाम तरीके ढूढंती हैं।
पीरियड्स को डिले करने के लिए कई तरह की पिल्स बाज़ार में उपलब्ध हैं। लेकिन बिना डॉक्टर से परामर्श किए, किसी भी तरह की पिल्स लेना बेहद खतरनाक हो सकता है। इन पिल्स के बारें में डॉ.अंजलि कुमार बताती हैं कि, पीरियड्स को डिले करने के लिए खाई जाने वाली पिल्स, शरीर में मौजूद सिंथेटिक हॉर्मोन्स का इस्तेमाल करती हैं। शरीर में मौजूद यही हॉर्मोन मेन्स्ट्रुअल साइकिल को रेगुलेट करते हैं। लेकिन इन पिल्स के कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जो अन्य कई तरह की समस्याएं भी पैदा कर सकते हैं।
पीरियड्स को डिले करने के लिए पिल्स लेना एक असरदार प्रयोग हो सकता है, लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हैं। ऐसे में आयुर्वेद और प्राकृतिक चीज़ों के सेवन से पीरियड्स को डिले करने में सहायता मिलती है। हालांकि इन चीज़ों के प्रयोग से पीरियड्स को डिले करने पर कोई सिद्ध वैज्ञानिक शोध मौजूद नहीं हैं, लेकिन प्राकृतिक चीज़ों के सेवन से पीरियड्स को डिले करने का अभ्यास बरसों से जारी है।
मेडिकल कॉलेज और वर्जीनिया की बोर्ड सर्टिफाइड गायनोकॉलिजस्ट अपने एक लेख में लिखती है कि, नींबू या नींबू का रस पीने से पीरियड्स को डिले किया जा सकता है। नींबू में विटामिन सी होने केकारण, यह इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है। साथ ही नींबू ब्लड फ्लो को कंट्रोल करता है, जिससे पीरियड्स के दौरान होने वाली हेवी ब्लीडिंग को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। साथ ही नींबू पीरियड्स टालने में भी मददगार है।
एपल साइडर विनेगर में एसिटिक एसिड, मैलिक एसिड सहित कई पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है। एपल साइडर विनेगर में मौजूद ये तत्व वजन कम करने, इन्सुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने, और हृदय स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। वहीं साथ ही नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन के अनुसार एपल साइडर विनेगर पीसीओएस और पीसीओडी जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए भी कारगर है।
अजवाइन एक तरह के पौष्टिक बीज होते है, जिसमें विटामिन, मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे कई गुण होते हैं। वही, आयुर्वेद के अनुसार यह आयुर्वेदिक औषधियों में एक महत्वपूर्ण घटक है। साथही अजवाइन पीरियड्स को लेट करने में भी मददगार है। इसके लिये आपको अजवाइन या इसके पत्तों को गर्म पानी में उबालना होगा, जिसके बाद उसे छान के उसके पानी को पीना चाहिए। ऐसा करने से आपको अपने पीरियड्स लेट करने में मदद मिल सकती है।
अक्सर प्रेग्नेंट महिलाओं को पपीते का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि पपीते में मौजूद तत्व एस्ट्रोजन लेवल को बढ़ा देते है, जिसके कारणब्लड फ्लो बदल जाता है और इसके कारण से ही प्रेगनेंसी में जटिलताएं आ सकती है। इसी आधार पर कुछ महिलाएं पीरियड्स डिले करने के लिए पपीते का सेवन करने लगती हैं। जिससे होर्मोन्स के स्तर में बदलाव हो और पीरियड्स की डेट कुछ दिन आगे बढ़ जाए।