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पीरियड्स से पहले क्या आपकी भूख भी बढ़ जाती है? तो जानिए इसका कारण और इसे मैनेज करने का तरीका

प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या पीएमएस इमोशनल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है। कुछ महिलाओं को पीएमएस के कारण भूख अधिक लगती है। इस समस्या पर काबू पाने के लिए जरूरी है कि आप इसके कारणों को समझें।
हंगर सप्रेस्ड डाइट को फॉलो करने से हर थोड़ी देर में लगने वाली छोटी छोटी भूख की समस्या से राहत मिल जाती है। चित्र : अडॉबी स्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 20 Nov 2023, 20:00 pm IST
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मेंस्ट्रुअल सायकल शुरू होने से पहले बहुत अधिक भावुक होना और इरिटेशन होना आम बात है। ये सभी लक्षण पीरियड शुरू होने के पहले ही दिखने लगते हैं। इसलिए इन्हें पीएमएस (pms) यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual syndrome) के लक्षण कहा जाता है। मगर कुछ महिलाओं को मासिक धर्म शुरू होने के पहले से दर्द और मूड स्विंग्स के साथ ज्यादा भूख का भी अनुभव होने लगता है। यह जानना जरूरी है कि पीरियड के कारण भूख (Hunger during PMS) अधिक क्यों लगने लगती है? क्या इसे रोकने (How to control hunger during PMS) के लिए कुछ किया जा सकता है।

क्यों होता है पीएमएस (PMS)

पीएमएस क्यों होता है, तो इसके पीछे एक दिलचस्प कारण है। डॉ. सिंह बताती हैं “ओव्यूलेशन के बाद महिलाओं का शरीर बहुत सारे हार्मोनल बदलावों से गुजरता है। यह पीएमएस के लक्षणों के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। पीएमएस आमतौर पर मासिक धर्म से पहले 5 दिनों में होता है। यह कम से कम 3 लगातार चक्रों के लिए मासिक धर्म के लगभग 4 दिन बाद गायब हो जाता है। ज्यादातर 20 से 30 साल की उम्र के बीच यह देखा जाता है ।’

इस दौरान आम समस्या है व्यवहार में बदलाव

रेनबो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल के बर्थराइट की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमन सिंह बताती हैं ‘पीएमएस या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के कारण मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन, इमोशनल व्यवहार जैसे सामान्य लक्षण हैं। कई महिलाओं को पीरियड से पहले के दिनों में शारीरिक या मेंटल हेल्थ में बदलाव से गुजरना पड़ता है। जब ये लक्षण हर महीने दिखते हैं और वे एक महिला के सामान्य जीवन को परेशान करते हैं, तो इसे ‘प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम कहा जाता है।’

अन्य सामान्य लक्षण

एस्टर वूमेन एंड चिल्ड्रेन हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता कोवी कहती हैं, ‘भूख के अलावा पीएमएस के कई अन्य लक्षण भी होते हैं। “पीएमएस के अन्य सामान्य लक्षणों में मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन, थकान, स्तन कोमलता, सूजन और कभी-कभी सिरदर्द भी होता है। इन लक्षणों की गंभीरता और अवधि प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है।” ।

जानिए क्यों कुछ महिलाओं को इस दौरान ज्यादा लगती है भूख (pms and hunger)

डॉ. सिंह बताती हैं, ‘चीनी और कार्बोहाइड्रेट-क्रेविंग इस पहेली को सुलझा सकते हैं। “ओव्यूलेशन के समय एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर चरम पर होता है। ओव्यूलेशन के बाद प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि होती है, जो कार्बोहाइड्रेट और चीनी की क्रेविंग के लिए जिम्मेदार होता है। चीनी और स्टार्च शरीर से सेरोटोनिन जारी करते हैं। यह एक रसायन है, जो खुशी की भावना को बढ़ाता है। पीरियड शुरू होने से पहले अत्यधिक खाना प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD) की उपस्थिति का संकेत हो सकता है।

फ़ूड क्रेविंग से जुड़ा है सेरोटोनिन

यह पता चला है कि सेरोटोनिन मूड स्विंग और अचानक फ़ूड क्रेविंग दोनों में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यदि आप कार्ब्स खाना चाह रही हैं, तो आपका शरीर सेरोटोनिन स्तर को बहाल करके हील करने की कोशिश कर सकता है। यह स्वाभाविक रूप से ओवुलेटरी चरण के बाद कम हो जाता है। इस समय के आसपास बीएमआर बढ़ता है, जो भूख की भावना में भी योगदान देता है।

सेरोटोनिन मूड स्विंग और अचानक फ़ूड क्रेविंग दोनों में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। चित्र: शटरकॉक

हेल्दी तरीके से भूख को मैनेज करने के यहां हैं 5 तरीके (5 tips to manage hunger in PMS)

1. कार्ब युक्त आहार लें (Carb Food)

काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार लें। साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ जैसे साबुत गेहूं के ब्रेड, पास्ता, अनाज, ओटमील, जौ, ब्राउन राइस, बीन्स और दाल लें।

2. कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें (Calcium Foods)

कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दही, पत्तेदार हरी सब्जियां आदि शामिल करें, क्योंकि इससे भूख को नियंत्रित करने और स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।

3. प्रोसेस्ड फ़ूड से दूर रहें (Avoid Processed Foods)

वसा, नमक और प्रसंस्कृत शर्करा कम करें। चीनी के सेवन से इंसुलिन स्पाइक्स होता है जो फिर रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है।

4. कैफीन नहीं (No to caffeine)

उन चीजों से दूर रहने की कोशिश करें, जिनमें कैफीन होता है जैसे कॉफी और शराब। ये समस्या को और अधिक बढ़ा देते हैं।

5. स्माल पोर्शन में भोजन करें (Small Portion Food)

ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने के लिए 6 बार छोटे-छोटे पोर्शन में खाना खाएं। 3 बार हल्का ब्रेकफास्ट और हेल्दी स्नैक्स भी लें।

6. हाइड्रेट रहें 

खूब पानी पीना चाहिए। इससे वाटर रिटेंशन को रोकने में मदद मिलती है।

 भूख लगने से कैसे रोक सकती हैं?

डॉ. कोवी के अनुसार, “पीएमएस के दौरान भूख को नियंत्रित करने के लिए पूरे दिन अधिक संतुलित भोजन और नाश्ता करने का प्रयास करें। संतुष्ट महसूस करने के लिए प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट से भरपूर आहार लें। हाइड्रेटेड रहना भी जरूरी है, क्योंकि कभी-कभी प्यास को भूख समझ लिया जाता है।

तुष्ट महसूस करने के लिए प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट से भरपूर आहार लें। चित्र : शटरस्टॉक

क्या इससे पूरी तरह बचा जा सकता है?

यह थोड़ा कठिन हो सकता है! ऐसा करने का एक तरीका है योग। हालांकि पीएमएस (pms and hunger) से पूरी तरह बचना चुनौतीपूर्ण है। नियमित एक्सरसाइज, संतुलित आहार और तनाव प्रबंधन के साथ स्वस्थ जीवन शैली अपनाने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। कुछ महिलाओं को हार्मोनल थेरेपी या अन्य चिकित्सा उपायों के माध्यम से राहत मिलती है। हर व्यक्ति के लिए उपचार अलग-अलग हो सकता है।

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