पीरियड आने के एक सप्ताह पहले से ही गर्ल्स को क्रैंपस, थकान और चिड़चिड़ेपन की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में पीरियड साइकिल का समय पर न आना महिलाओं की चिंताएं बढ़ाने लगता है। वे महिलाएं जो देर तक जिम में वर्कआउट करती है और हेल्थ फ्रीक हैं उन्हें खासतौर से डिस्टर्ब मेंस्ट्रुअल साइकल से होकर गुज़ाना पड़ता है। दरअसल, वर्क आउट से शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव इस परेशानी का कारण साबित होते है। जानते हैं किन कारणों से जिम वर्कआउट करने से होने लगती है मेंस्ट्रुअल साइकल डिस्टर्ब (losing period because of exercise)।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड हयूमन सर्विस के अनुसार बहुत अधिक व्यायाम करने से पीरियड साइकिल अनियमित होने लगती है या मासिक धर्म मिस भी हो सकता है। वे महिलाएं जो रोज़ाना व्यायाम करती हैं। खासतौर से एथलीट्स को अनियमित या मिस्ड पीरियड्स की शिकायत होने लगती हैं। दरअसल, लंबे समय तक वर्कआउट न करना और फिर अचानक फिटनेस रूटीन को फॉलो करने से अनियमित पीरियड साइकल की समस्या बढ़ने लगती है।
इस बारे में गुरुग्राम के मैक्स हॉस्पिटल्स में एसोशियेट डायरेक्टर ;ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलोजी और औरा स्पेशलिटी क्लिनिक की डायरेक्टर डॉ रितु सेठी ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तीव्र या अत्यधिक व्यायाम कभी कभी कुछ महिलाओं में मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है। इस समस्या को एमेनोरिया के रूप में भी जाना जाता है। जो अनियमित पीरियड साइकल का कारण है।
वे लड़किया जिनके शरीर में लो बॉडी फैट पर्सेनटेज है। उन्हें अनियमित पीरियड साइकल से होकर गुज़रना पड़ता है। खासतौर से एथलीट या किसी इंटेस यानि गहन प्रशिक्षण में मसरूफ महिलाएं डिस्टर्ब मेंस्ट्रुअल साइकल का सामना करती हैं। ऐसे में शरीर को उचित पोषण की आवश्यकता होती है।
अपर्याप्त कैलोरी का सेवन मासिक धर्म को प्रभावित कर सकता है। दरअसल, ज्यादा ऊर्जा खर्च करने के लिए नियमित तौर पर हेल्दी डाइट लेना बेहद ज़रूरी है। अगर आप उचित मात्रा में खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करती हैं। तो उससे शरीर में एनर्जी बैलेंस गड़बड़ाने लगता है। जो पीरियड साइकिल की अनियमितता का कारण साबित होता है।
लगातार हाई इंटैसिटी एक्सरसाइज़ को करने से शरीर में तीव्र शारीरिक तनाव बढ़ने लगता है। जो हार्मोनल असंतुलन का मुख्य कारण बन जाता है। इससे पीरियड साइकल डिस्टर्ब होने लगती है। दरअसल, शारीरिक तनाव आपकी ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करता है। जो देखते ही देखते शारीरिक थकान को भी बढ़ाने लगता है।
व्यायाम का प्रकार और अवधि आपके शरीर को प्रभावित करता है। लंबी अवधि और हाई इंटेसिटी एक्सरसाइज़ लो और मॉडरेट इंटेसिटी एक्सरसाइज़ की तुलना में शरीर को ज्यादा प्रभावित करते हैं। इससे शरीर में कमज़ोरी भी बढ़ने लगती है। जो पीरियड साइकल के लेट होने या न होने का कारण साबित होता है।
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कस्टमाइज़ करेंस्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रितु सेठी कहती हैं कि अगर आप अपने मासिक धर्म चक्र में लगातार अनियमितताओं का सामना कर रहे हैं। तो डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर व्यायाम के प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ने लगती है। ऐसे में चिकित्सक की सलाह बेहद ज़रूरी है। वे जांच के बाद आपको उचित सलाह देखकर स्वस्थ्य देखभाल के लिए कुछ ज़रूरी सुझाव दे सकता है।
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