इस साल शाकाहारी बनना चाहते हैं, तो जनवरी में उठाएं ये ईजी स्टेप्स
आहार को हेल्दी बनाने और उसे पूर्ण रूप देने के लिए सब्जियों को सम्मिलित किया जाना जरूरी है। ये न केवल पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, बल्कि इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती हैं। ये शरीर को विभिन्न बीमारियों के जोखिम से बचाने में मददगार साबित होती हैं। अधिकतर लोग सब्जियों को पकाने के साथ-साथ सलाद के तौर पर भी खाना पसंद करते हैं। अगर आप मांसाहारी हैं और शाकाहारी बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं, तो जनवरी के महीने से करें इसकी शुरूआत करना एक अच्छा अवसर होगा। इस मौसम में आपको तरह-तरह की पौष्टिक और स्वादिष्ट मिल जाएंगी। यहां हेल्थ शॉट्स पर आपकी मदद करने के लिए हम कुछ टिप्स बता रहे हैं, जो आपकी वीगनिज़्म की यात्रा को और आसान बना सकते हैं (how to become vegan)।
दुनिया भर में बढ़ रही है शाकाहार की लोकप्रियता
अमेरिकन वीगन सोसायटी के अनुसार जानवरों, पर्यावरण और स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। यह बदलाव शाकाहारी को अपनाना भी हाे सकता है। यह एक बेहतरीन विकल्प है। इस आहार परिवर्तन से स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
इस बारे में बातचीत करते हुए डाइटीशियन मनीषा गोयल का कहना है कि जो लोग मांसाहारी हैं उनके लिए यह बदलाव थोड़ा जटिल हो सकता है। पर छोटे और धीमे प्रयासों से इस हेल्दी डाइट को अपनाया जा सकता है। वीगन डाइट को एडॉप्ट करने के लिए रूटीन में सब्जियों, फलियों, साबुत अनाज, फल, नट्स, सीड्स और प्लांट बेस्ड फूड्स को आहार में शामिल किया जाता है।
जानिए क्यों फायदेमंद है शाकाहार (Benefits of plant based diet)
1 वेटलॉस में मददगार
वीगन डाइट में फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और बार बार लगने वाली भूख की समस्या भी खत्म हो जाती है। कैलोरी इनटेक कम होने से शरीर में मोटापे की समस्या दूर होने लगती है।
2 त्वचा को मुलायम और दाग रहित बनाता है वेजिटेरियन फूड
एनआईएच के अनुसा वीगन डाइट का मतलब शाकाहारी भोजन से है। इसके सेवन से चेहरे पर बढ़ने वाली पिंपल्स और दाग धब्बों की समस्या हल हो जाती है। इससे त्वचा बेदाग और मुलायम नज़र आती है। साथ ही कोलेजन भी बूस्ट होने लगता है।
3 जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत दिलाता है शाकाहार
वीगन डाइट एंटी इंफलामेटरी गुणों से भरपूर होती है। सर्दियों के मौसम में जोड़ों में सूजन और दर्द की परेशानी को दूर करने के लिए वीगन डाइट को अपनी मील में सम्मिलित करें। इससे जोड़ों की समस्या हल होने लगती है।
4 आसानी से पच जाता है
वीगन डाइट की गिनती एक संतुलित आहार में की जाती है। इसके सेवन से शरीर को पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है और शरीर को मज़बूती मिलती है। रोज़ाना इसका सेवन करने से डाइजेशन मज़बूत रहता है। इसमें मौजूद तत्व खाने को पचाने में सहायक साबित होते हैं।
शाकाहार को पूरी तरह अपनाना चाहते हैं, तो इन आसान कदमों से करें शुरुआत (Easy steps to become vegan)
1 टेस्ट बड्स को एडजस्ट होने के लिए समय दें (Give time to yourself)
अगर आप बार बार फीकी, कड़वी या हल्के स्वाद से भरपूर सब्जियों को खाते हैं, तो पहलेपहल स्वाद को एडॉप्ट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मगर रोज़ाना सलाद का सेवन करने से टेस्ट बड्स उनके स्वाद के अनुरूप ढ़ल जाते हैं। फाइबर से भरपूर सब्जियों को बड़ी मात्रा में अपनी डाइट में सम्मिलित करने की जगह धीरे धीरे उसे अपनी डाइट में एड करें। इससे कड़वाहट को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है।
2 हॉलिडे को वीगन डाइट से हेल्दी बनाएं (Celebrate plant based diet)
फेस्टिव सीज़न हो या हॉलिडे अपने फूड में सब्जी और सलाद शामिल करें। शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए डाइट में चीनी, नमक और फैट्स को कम करने पर ध्यान केंद्रित करें। स्वाद को बढ़ाने के लिए सब्जियों को अलग अलग व्यंजनों में एड करके सेवन करें। इससे खाने का स्वाद बढ़ता है और शरीर भी हेल्दी रहता है।
3 प्लांट बेस्ड डाइट के बारे में जानकरी जुटाएं (Be aware about veganism)
किसी भी चीज़ की नई शुरूआत के पहले उस बारे में जानना बहुत ज़रूरी होता है। वीगन बनने से पहले इस बात को जान लें कि सब्जियों और फलों से कैसे और कितने पोषण की प्राप्ति होती है और किस प्रकार सेहत के लिए फायदेमंद साबित होगी। शरीर को हेल्दी बनाए रखने और प्रकृति के प्रति संवेदनशल रहने के लिए प्लांट बेस्ड डाइट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
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कस्टमाइज़ करें4 इंग्रीडिएंटस को रिप्लेस करें (Replace food options)
शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए मीट और फिश के स्थान पर टोफू और पनीर का सेवन करें। इसके अलावा अंडे को अलसी के बीज और दूध को सोया मिल्क या कोकोनट मिल्क से बदलें। इससे शरीर में वीगन टिवस्ट और टेस्ट बढ़ने लगता है।
5 खाद्य पदार्थों की खरीददारी से पहले लेबल पढ़ें (Read food label)
खाने की किसी भी चीज़ को खरीदने से पहले उसके लेवल को पढ़ने से उसमें इस्तेमाल किए गए इंग्रीडिएंटस की जानकरी मिल जाती है। इससे आप जान पाएंगे कि इ सके सेवन से शरीर कितनी मात्रा में स्वीटनर, प्रिर्जवेटिव और एनिमल डिराइवड एडिटिव्स मिलाएं गए हैं, जो वीगन होने की राह में बाधा बन सकते हैं।
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