जीवन को हेल्दी बनाने के लिए व्यायाम के साथ साथ उचित आहार लेना भी ज़रूरी है। शरीर को फिट रखने के लिए प्लांट बेस्ड डाइट यानि वीगन डाइट एक बेहतरीन उपाय है। मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मददगार पौधों पर आधारित ये डाइट शरीर के अन्य अंगों के साथ हृदय को हेल्दी बनाने में मुख्य योगदान देती है। कम कोलेस्ट्रॉल और लो सैचुरेटेड फैट स्वस्थ्य संबधी समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित होता है। जानते हैं वीगन डाइट क्या है और किस तरह ये हमारे हृदय को रखती है तंदरूस्त (vegan diet for heart health)।
पौष्टिक तत्वों से भरपूर प्लांट बेस्ड डाइट को वीगन डाइट कहा जाता है। एनआइएच के अनुसार वीगन डज्ञइट के सेवन से शरीर में हृदय रोगों और कैंसर की समस्याओं का खतरा कम होने लगता है। वहीं लोमा लिंडा युनिवर्सिटी की एक रिसर्च के अनुसार वे लोग जो प्लांट बेस्ड डाइट लेते हैं। उनकी एम्र एनीमल बेस्ड डाइट लेने वाले लोगों की तुलना में 10 साल ज्यादा होने का अनुमान है। इससे शरीर को प्रोटीन और कैल्शियम समेत समस्त पोषण की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन अवधि बढ़ने लगती है।
यूरोपियन हार्ट जर्नल के अनुसार खाने में फैट्स की मात्रा कम होने से इनटेस्टाइन में कोलेस्ट्रॉल का एब्जॉबर्शन घट जाता है। इसके चलते रक्त में कोलेस्ट्रॉल युक्त लिपोप्रोटीन का स्तर अपने आप नियंत्रित होने लगता है। रिसर्च में पाया गया है कि एनिमल बेस्ड प्रोडक्टस में सेचुरेटिड फैट्स और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है। इससे शरीर में हृदय संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ने लगता है।
साबुत अनाज, मौसमी फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करने से शरीर में फैट जमा होने की समस्या हल होने लगती है। इन लो कैलोरी फूड में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो वेटलॉस में सहायक साबित होती है। फिजिशियंस कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन की एक रिसर्च के अनुसार लोगों को दो भागों में विभाजित कर दिया गया। 16 सप्ताह तक एक ग्रुप मेडिटरेनीयन और दूसरा प्लांट बेस्ड डाइट लेता रहा। शोध के अनुसार प्लांट बेस्ड डाइट लेने वाले लोगों का न केवल वसा नियंत्रित रहा बल्कि उनके वज़न में भी गिरावट दर्ज की गई।
प्लांट बेस्ड डाइट में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़सतस है। इसका सेवन करने से शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है, जिससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है और शरीर दिनभर एक्टिव रहता है।
एनआईएच के अनुसार वीगन डाइट के नियमित सेवन से शरीर को फाइबर, पोटेशियम, फोलेट, मैग्नीशियम और विटामिन की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में कैंसर की संभावना कम होने लगती है। साल 2017 के एक शोध के मुताबिक वीगन डाइट के सेवन से 15 फीसदी तक कैंसर बढ़ने के जोखिम को कम किया जा सकता है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार वीगन डाइट फॉलो करने से शरीर में लंग्स, माउथ, थ्रोट और स्टमक कैंसर के खतरे से मुक्ति मिल जाती है।
शाकाहारी आहार का सेवन अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में दर्द, सूजन और स्टिफनेस से राहत दिलाने में मददगार साबित हेता है। दरअसल, वीगन डाइट में पाई जाने वाली उच्च एंटीऑक्सिडेंट, प्रोबायोटिक और फाइबर की मात्रा जोड़ों को मज़बूती प्रदान करती है। पौष्टिक तत्वों के होने से वीगन डाइट की मदद से शरीर में अर्थराइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है।
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