मुश्किल नहीं है ब्रेस्ट को वापस शेप में लाना, जानिए ब्रेस्ट अपलिफ्ट करने वाली एक्सरसाइज
क्या आप पिछले कई महीनों से गर्मी के दिन में ज्यादातर समय ब्रा-लेस बिताया है? ऐसा करना आपको आरामदायक लगा होगा। लेकिन इससे होने वाली एक परेशानी पर क्या आपने कभी गौर किया? हो सकता है कि लंबे समय तक ब्रा न पहनने के कारण आप सैगिंग की समस्या से रूबरू हुई होंगी। आपकोे लगा होगा कि ग्रैविटी फोर्स पूरी तरह आपके ब्रेस्ट पर प्रभावी हैं और वे नीचे की ओर लटकने लगे हैं। यदि आप ऐसी किसी भी समस्या से जूझ रही हैं, तो वह समय आ गया है कि आप अपने बूब्स को लिफ्ट करने की योजना बनाएं। एक्सपर्ट के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे व्यायाम बताएंगे जो न सिर्फ आपके स्तनों के नीचे की मांसपेशियों का विकास करेगा, बल्कि ग्रेविटी के खिलाफ ब्रेस्ट अपलिफ्ट( How to uplift boobs naturally) भी हो पाएंगे। इससे ब्रेस्ट शेप भी सुंदर हो जाएगी।
पहले जानें ब्रेस्ट मसल्स की बनावट
फिटनेस फ्रीक की ऑनर और ट्रेनर निशि माथुर बताती हैं, ब्रेस्ट के नीचे पेक्टोरलिस मेजर और पेक्टोरेलिस माइनर मांसपेशियां होती हैं। पेक्टोरेलिस मेजर स्तन के ऊपरी भाग(sternum) से होते हुए बाहरी बाहों और गर्दन तक जाता है। पेक्टोरलिस माइनर पेक्टोरेलिस मेजर मांसपेशियों के नीचे मौजूद होता है। यह रिब्स को कंधे के ब्लेड से जोड़ने में मदद करता है। यदि आप अलग-अलग एंगल से पर्याप्त वजन के साथ ब्रेस्ट की ताकत बढ़ाने और मांसपेशियों को विकसित करने के लिए हल्के-फुल्के एक्सरसाइज करती हैं, तो यह ब्रेस्ट को सुंदर आकार दे सकता है। इन सभी एक्सरसाइज को आप सप्ताह में दो दिन कर सकती हैं।
यहां हैं बूब्स को अपलिफ्ट करने वाली एक्सरसाइज
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डंबल चेस्ट प्रेस (Dumbbell Chest Press)
पीठ के बल चटाई पर लेट जाएं। पैरों को फैला लें।
दो डंबल को छाती पर टिका लें।
वजन को सीधे ऊपर की ओर धकेलें।
हथेलियों को पैरों के सामने रखते हुए भुजाओं को फैलाएं।
एक सेकंड के लिए इस पोज में रुक जाएं।
इसके बाद धीरे-धीरे नीचे की ओर झुकाएं जब तक कि आपकी कोहनी लगभग जमीन को न छू ले। यह एक राउंड हुआ। ऐसा 10 बार कर सकती हैं।
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पुश अप (Push ups)
इसकी शुरुआत दोनों हाथ और दोनों पैरों की सहायता से की जा सकती है।
हथेलियां कंधों से थोड़ी चौड़ी हों और पैर एक साथ जुड़े हों। सिर से पैर तक एक सीधी रेखा बनानी चाहिए।
नीचे तब तक उतरें जब तक कि आपकी छाती लगभग फर्श को न छू ले। ऊपरी भुजाओं को धड़ से 45 डिग्री के कोण पर रखें।
इस अवस्था में रूकें फिर फिर प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं। यह एक राउंड हुआ। इसे भी 10 बार किया जा सकता है।
3 डंबल फ्लाई (Dumbbell Fly)
कोहनियों में थोड़ा सा मोड़ रखते हुए वजन को भुजाओं तक कम करें जब तक कि कोहनी छाती के साथ न हो जाए।
कोहनी को उसी तरह मोड़ कर रखें जैसा वजन को वापस ऊपर दबाया जाता है।
4 डंबल इनर चेस्ट प्रेस (Dumbbell Inner Chest Press)
पीठ के बल लेट जाएं। घुटने मुड़े हुए हों और पैर सपाट हों। प्रत्येक हाथ में एक डंबल पकड़ें।
भुजाओं को ऊपर की ओर फैलाएं, हथेलियां एक-दूसरे की ओर हों।
वजन को एक साथ रखते हुए कोहनियों को मोड़ें और हाथों को छाती तक नीचे करें।
धीरे-धीरे मूवमेंट को उलट दें।
शुरू करने के लिए वापस आएं। यह एक राउंड है। ऐसा 10-12 बार कर सकती हैं।
5 स्टैंडिंग प्रेस (Standing Press)
खड़े होकर इसकी शुरुआत की जा सकती है। पैर और कंधे एक-दूसरे से विड्थ में अलग हों।
कोहनी मोड़ें। 90-डिग्री कोण बनाने के लिए भुजाओं को बाहर लाएं।
स्ट्रॉन्ग कोर और पीठ सीधी रखते हुए धीरे-धीरे बाहों और कोहनी को अपने सामने लाएं 90 डिग्री कोण बनना चाहिए। कोहनी से आगे न बढ़ें।
दोबारा शुरू करने के लिए मूवमेंट को उलट दें।
इसमें हल्के डंबल का प्रयोग किया जा सकता है।
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